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गेहूं के बढ़ते भावों पर क्या है सरकारी स्टैंड | ताजा रिपोर्ट

गेहूं के बढ़ते भावों पर क्या है सरकारी स्टैंड | ताजा रिपोर्ट
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गेहूं के बढ़ते भावों पर क्या है सरकारी स्टैंड | ताजा रिपोर्ट

गेहूं और आटे के दामों पर काबू पाने के लिए जल्द उठाए जाएंगे कदम, FCI के गोदामों में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध
साथियो कई दिन से चर्चा चल रही थी कि सरकार खुले बाजार में सस्ते दामों पर गेहूं बेचेगी। इस खबर के चलते कुछ दिन से गेहूं के भाव पर ब्रेक सा लगा हुआ था। लेकिन जब चर्चा चलते चलते कई दिन हो गए और सरकार ने अपने स्टॉक से गेहूं नहीं निकाला तो गेहूं के भाव फिर से उपर की तरफ बढ़ने लगे हैं। दिल्ली में गेहूं के भाव 3100 के आसपास के लेवल दिखा रहे हैं। कोलकाता में मिल क्वालिटी का गेहूं 3250 और हैदराबाद में 3290 तक पहुँच चुका है। हाजिर मंडियों में भी गेहूं के भाव 2800 के आसपास चल रहे हैं।  WhatsApp पे भाव पाने के लिए ग्रुप join करे

अब बढ़ते हुए भावों को देखकर सरकार फिर से हरकत में आयी है। भारत के खाद्य सचिव ने कहा कि एफसीआइ (FCI) के गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टाक है। और जल्दी ही वह गेहूं के भावों को नियंत्रित करने की दिशा में कदम उठाने जा रही है।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि गेहूं और आटे के खुदरा मूल्य में लगातार वृद्धि हो रही है और इन पर नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से जल्द कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार गेहूं और आटे के मूल्य पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और मूल्य में कमी के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। सरसों में जल्द बनेगा सुधार | देखें सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट

साथियो गेहूं के साथ साथ गेहूं के आटे के मूल्य में भी तेज वृद्धि देखने को मिल रही है। आटे का रेट 38 रुपये प्रति किलो तक पहुँच चुका है। गेहूं और आटे के मूल्य पर काबू पाने के सवाल पर चोपड़ा ने कहा कि उन्हें पता है कि गेहूं और आटे के मूल्य में तेजी है। हम इस मामले से भली भांति वाकिफ हैं। हम जल्द ही कोई कदम उठाएंगे। हालांकि, खाद्य सचिव ने सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों की कोई समयसीमा नहीं बताई। ये भी पढे :-सरसों के भाव में सुधार की उम्मीद | देखें आज की तेजी मंदी रिपोर्ट

इसके अलावा खाद्य सचिव ने कहा कि एफसीआइ के गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टाक है। घरेलू उत्पादन और एफसीआइ की खरीदारी में कमी के कारण सरकार ने पिछले वर्ष मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले महीने सूत्रों ने कहा था कि खुदरा मूल्य में कमी के लिए सरकार 15-20 लाख टन गेहूं की खुले बाजार में बिक्री कर सकती है। लेकिन कुछ दिनों बाद ही यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ये भी पढे :- गेहू के भाव में ऐतिहासिक तेजी जाने इसके क्या है मायने
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गेहूं की नई फ़सल के मंडियों में आने में अभी कम से कम 2 महीने और लगेगें। ऐसे में सरकार ने जल्दी ही कोई एक्शन नहीं लिया तो आगे चलकर गेहूं और आटे के बढ़ते भाव को रोकना मुश्किल भरा हो सकता है। MSP पर फसल बेचनी है तो जल्दी कर लें ये काम | पूरी प्रक्रिया और दस्तावेज की जानकारी