मौसम विभाग के अनुसार इस दिन हो सकती है भारत में मानसून की शुरुआत
साथियों, इस बार गर्मी की शुरुआत समय से पहले और अधिक गर्मी होने के कारण गर्मी की चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए पूरा देश मानसून का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। इसलिए किसानों के लिए एक राहत भरी खबर आ रही है। मौसम विभाग के अनुसार इस साल मानसून ने अपनी चाल तेज कर दी है और जल्द ही भारत के दक्षिणी हिस्सों में दस्तक देने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) और अन्य मौसम एजेंसियों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून पहले ही अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के कई हिस्सों में पहुंच चुका है। और अब यह केरल की तरफ बढ़ रहा है, जहां इसके 24 से 26 मई के बीच पहुंचने की उम्मीद है। अगर मानसून इसी समय सीमा में आता है, तो आपको बता दें कि यह 2009 के बाद सबसे जल्दी आने वाला मानसून होगा। इससे किसानों को राहत मिलेगी और गर्मी से तपते हुए राज्यों में ठंडक का अहसास होगा। लेकिन मानसून की घोषणा करने से पहले कुछ मानकों को पूरा करना जरूरी होता है, जैसे कि बारिश की मात्रा, हवाओं की दिशा और गति, और OLR (आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन) का स्तर। आइए, विस्तार से जानते हैं कि मौसम विभाग ने किन तथ्यों के आधार पर यह भविष्यवाणी की है कि मानसून कब और कैसे भारत में प्रवेश करेगा।
मानसून की मौजूदा स्थिति
दोस्तों, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पहले ही कई इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। यह अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी, मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र, अरब सागर का भूमध्यरेखीय हिस्सा और श्रीलंका के अधिकांश भागों में फैल चुका है। अब मौसम की स्थितियाँ इतनी अनुकूल हैं कि यह जल्द ही दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी, दक्षिण-पूर्व अरब सागर, बांग्लादेश के तटीय इलाकों और उत्तरी म्यांमार तक पहुँच जाएगा। उसके बाद मानसून की अगली मुख्य मंजिल केरल है, जहाँ से भारत में इसकी आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है। हालांकि, केरल में मानसून की घोषणा करने से पहले कुछ खास बातों पर विचार करने के बाद ही इसकी घोषणा की जाती है।
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भारत में मानसून कब आता है
केरल में मानसून की घोषणा करने के लिए IMD कुछ खास मापदंडों का इस्तेमाल करता है। ये नियम काफी सख्त हैं और इन्हें पूरा किए बिना मानसून के आगमन की घोषणा नहीं की जाती। इसकी पुष्टि करने के लिए 10 मई के बाद, केरल के 14 चुनिंदा मौसम केंद्रों में से कम से कम 60% (9 स्टेशन) पर लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक बारिश दर्ज होनी चाहिए। इन मौसम केंद्रों में मिनिकॉय, अमिनी दिवि, तिरुवनंतपुरम, पुनालुर, कोल्लम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, कोच्चि, त्रिशूर, कोझिकोड, थालास्सेरी, कन्नूर, कुडुलु और मैंगलोर शामिल हैं। इसके अलावा मानसून की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए पश्चिमी हवाओं का प्रवाह समुद्र तल से 12,000 फीट की ऊंचाई तक मजबूत होना चाहिए। साथ ही 5°N से 10°N अक्षांश और 70°E से 80°E देशांतर के बीच 3,000 फीट की ऊंचाई पर हवा की गति 15-20 नॉट (28-37 किमी/घंटा) होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त सही अनुमान लगाने के लिए INSAT सैटेलाइट के आंकड़ों के मुताबिक, OLR का मान 200 वाट/वर्ग मीटर से कम होना चाहिए, खासकर 5°-10°N अक्षांश और 70°-75°E देशांतर के क्षेत्र में।
क्या अभी ये शर्तें पूरी हो चुकी हैं
आपको बता दें कि मौसम विभाग के नियमों के अनुसार अभी तक बारिश और हवाओं से जुड़ी शर्तें पूरी हो चुकी हैं, लेकिन OLR का स्तर थोड़ा अधिक है। इसके अलावा, अरब सागर में एक संभावित डिप्रेशन बनने की वजह से अगले तीन दिनों तक केरल में बारिश कम होने की संभावना बताई जा रही है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 23 मई के बाद केरल में फिर से अच्छी बारिश शुरू होगी और OLR का स्तर भी कम हो जाएगा। इसलिए, उम्मीद की जा रही है कि 24 से 26 मई 2025 के बीच मानसून केरल में आधिकारिक तौर पर दस्तक दे देगा।
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क्या इस बार मानसून जल्दी आने वाला है
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर मानसून 24-26 मई के बीच आता है, तो यह 2009 के बाद सबसे जल्दी आने वाला मानसून होगा। क्योंकि आमतौर पर मानसून 1 जून के आसपास केरल पहुँचता है, लेकिन इस बार यह कुछ दिन पहले आ सकता है।
बिजली और पानी की समस्या में कमी
मानसून के आने से भीषण गर्मी से जूझ रहे किसानों और आम लोगों के साथ-साथ सरकार के लिए भी यह काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि मानसून के आने से कई राज्यों में बांधों का जल स्तर बढ़ेगा, जिससे पीने के पानी और बिजली उत्पादन में मदद मिलेगी।
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किसानों के लिए अच्छी खबर
अगर बताए गए समय पर मानसून का आगमन होता है तो निश्चित ही यह किसानों के लिए काफी राहत भरी खबर होगी क्योंकि मानसून के जल्दी आने से खरीफ की फसल की बुआई समय पर शुरू हो सकेगी। खासकर धान के किसानों के लिए और जिन क्षेत्रों में फसलों की बुवाई हो चुकी है, उनको भी सिंचाई के नजरिए से काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा मानसून के आगमन से पानी की कमी से जूझ रहे कई राज्यों को राहत मिलेगी और अत्यधिक गर्मी से परेशान दक्षिणी और पश्चिमी भारत में तापमान में गिरावट आएगी।
मानसून में देरी की कितनी है उम्मीद
दोस्तों, हालांकि अभी तक के संकेत मानसून के जल्दी आने की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन अरब सागर में बनने वाला डिप्रेशन इसकी गति को थोड़ा धीमा कर सकता है। अगर OLR का स्तर जल्दी नहीं घटता, तो मानसून की घोषणा में 1-2 दिन की देरी हो सकती है। लेकिन अगर सब कुछ मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक रहा, तो 24-26 मई तक केरल में मानसून की आधिकारिक घोषणा हो जाएगी। इसके बाद यह कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और फिर उत्तर भारत की तरफ बढ़ेगा।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।