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धान की ये किस्में किसानों के लिए हैं वरदान, जानिए क्या है इन किस्मों की खासियत

dhaan
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किसान साथियों, हमारे देश में धान की खेती कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। विशेष रूप से बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह लाखों किसानों की आजीविका का मुख्य स्रोत है। अगर बात की जाए धान की किस्मों की, तो पारंपरिक किस्मों की तुलना में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित उन्नत किस्में अब किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। ये किस्में न केवल कम समय में अधिक उपज देती हैं, बल्कि इनकी बाजार में मांग भी अधिक है। उन्नत किस्म की एक सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यह किस्में पारंपरिक किस्मों की तुलना में कम खर्चे में अधिक पैदावार देती हैं। आज हम आपको ऐसी ही कुछ किस्मों के बारे में बताएंगे, जिनकी खेती करके आप न केवल अपनी पैदावार को बढ़ा सकते हैं, अपितु कम समय में अधिक मुनाफा भी प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कुछ उन्नत किस्मों और उनकी विशेषताओं के बारे में विस्तार से इस रिपोर्ट में।

1. सुगंधा धान

सुगंधा धान अपनी मनमोहक खुशबू और उच्च गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। यह किस्म विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों के लिए लाभदायक है। इस किस्म से तैयार चावल का उपयोग अधिकतर बिरयानी, खिचड़ी जैसे व्यंजन बनाने में किया जाता है।

प्रमुख विशेषताएँ
अगर हम इसकी विशेषताओं की बात करें, तो धान की इस वैरायटी से प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। अगर इसके तैयार होने के समय की बात करें, तो धान की यह वैरायटी 140 से 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके अलावा यह कम पानी में पककर तैयार हो जाती है और रोगों के प्रति भी इसमें अन्य किस्मों की अपेक्षा प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। साथ ही इसमें खुशबू के कारण बाजार में इसका मूल्य भी काफी अच्छा मिल जाता है।

2. कस्तूरी धान

साथियों, कस्तूरी धान अपने मीठे स्वाद और पोषक तत्वों के लिए जानी जाती है। यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय है, क्योंकि इस वैरायटी में अन्य वैरायटियों की अपेक्षा पोषण तत्वों की मात्रा अधिक पाई जाती है।

प्रमुख विशेषताएँ
अगर इसकी विशेषताओं की बात करें, तो इसकी औसत उपज प्रति हेक्टेयर 35 से 40 क्विंटल बताई जाती है। धान की यह किस्म 115 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके छोटे और मोटे दाने पकने के बाद नरम और स्वादिष्ट हो जाते हैं। धान की यह किस्म बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के लिए काफी उपयुक्त बताई जाती है। कम समय में पककर तैयार होने के कारण किसानों को अगली फसल के लिए उपयुक्त समय मिल जाता है। इसलिए यह किस्म किसानों के बीच काफी चर्चा में रहती है। इससे बना चावल पोषण युक्त होता है और बाजार में इसकी कीमत भी काफी अच्छी मिलती है।

3. तरौरी धान

साथियों, तरौरी धान हरियाणा की प्रसिद्ध किस्म है, जिसकी खेती अब बिहार के किसान भी सफलतापूर्वक कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके पतले लंबे दाने पकाने के बाद अलग-अलग हो जाते हैं, जो खाने में काफी स्वादिष्ट होते हैं। धान की यह वैरायटी हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए काफी उपयुक्त बताई जाती है।

प्रमुख विशेषताएँ
अगर इसकी विशेषताओं की बात करें, तो धान की यह वैरायटी 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन देती है और यह 135 से 140 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस वैरायटी के लंबे व पतले दाने बासमती चावल जैसी गुणवत्ता के होते हैं। इसके अलावा बाजार में इसकी मांग भी काफी अधिक रहती है, जिसके कारण यह निर्यात के लिए काफी उपयुक्त किस्म बताई जाती है। साथ ही यह वैरायटी अन्य किस्मों की अपेक्षा रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी अधिक रखती है। इसलिए यदि आप क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों बेहतर चाहते हैं, तो यह वैरायटी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।

4. पूसा बासमती-1121

साथियों, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित यह किस्म उच्च उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है। यह धान की एक हाइब्रिड वैरायटी है, जिसे खासकर सिंचित क्षेत्र के लिए तैयार किया गया है। हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों के लिए यह वैरायटी काफी उपयुक्त मानी जाती है। इस किस्म की उपज क्षमता अधिक होने के साथ-साथ इसके लंबे और सुगंधित दाने भी बाजार में इसकी मांग को बढ़ाते हैं। क्योंकि इसके दाने एक्सपोर्ट क्वालिटी के होते हैं, इंटरनेशनल मार्केट में भी इसकी डिमांड काफी अधिक रहती है। अगर आपके पास सिंचाई की व्यवस्था अच्छी है, तो धान की यह किस्म आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।

प्रमुख विशेषताएँ
अगर उपज औसत की बात करें, तो धान की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 45 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। यह 140 से 145 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके अतिरिक्त, लंबे दाने होने के कारण बाजार में इसकी मांग भी अधिक रहती है, इसलिए निर्यात के लिए यह किस्म किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।

कौन सी किस्म चुनें

अगर आप कम समय में फसल चाहते हैं, तो कस्तूरी धान सबसे अच्छा विकल्प है। अगर ज्यादा उपज चाहिए, तो पूसा बासमती-1121 बेस्ट है। वहीं, अगर आप प्रीमियम क्वालिटी चाहते हैं, तो सुगंधा और तरौरी धान अच्छे ऑप्शन हैं।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ले।