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फालतू की कॉल और स्पैम मैसेज पर ट्राई का सख्त कदम | करी ये कार्रवाही

फालतू की कॉल और स्पैम मैसेज पर ट्राई का सख्त कदम | करी ये कार्रवाही
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दोस्तों अब भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने स्पैम कॉल और अनचाहे प्रमोशनल मैसेज पर रोक लगाने के लिए कड़े नियम लागू कर दिए हैं। देशभर में उपभोक्ताओं को मिलने वाले लगातार स्पैम कॉल और SMS की बढ़ती संख्या को देखते हुए TRAI ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन न करने पर टेलीकॉम कंपनियों और टेलीमार्केटर्स पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

सरकार और दूरसंचार नियामक इस समस्या पर लंबे समय से नजर बनाए हुए थे। बीते कुछ वर्षों में टेलीकॉम कंपनियों और व्यावसायिक संस्थाओं के जरिए किए जाने वाले अवांछित कॉल और मैसेज की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को असुविधा हो रही थी, बल्कि ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर क्राइम में भी इजाफा देखा गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए TRAI ने नए नियमों को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है।

TRAI के नए नियम ?

TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए कई नए दिशानिर्देश तय किए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को स्पैम कॉल और अनचाहे प्रमोशनल मैसेज से निजात दिलाना है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया हुई आसान

  • अब ग्राहकों को किसी स्पैम कॉल या मैसेज की शिकायत दर्ज करने के लिए 7 दिन का समय दिया जाएगा, जबकि पहले यह समय सीमा 3 दिन थी।
  • टेलीकॉम ऑपरेटरों को अब शिकायत का समाधान करने के लिए केवल 5 दिन दिए जाएंगे, जबकि पहले यह अवधि 30 दिन थी।
  • स्पैमर्स पर कार्रवाई के लिए अब 10 दिनों में 10 शिकायतों की जरूरत नहीं होगी, बल्कि 10 दिनों में सिर्फ 5 शिकायतें मिलने पर भी कठोर कार्रवाई की जा सकेगी।

TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि सभी प्रमोशनल, सर्विस, ट्रांजेक्शनल और सरकारी मैसेज आसानी से पहचाने जा सकें। इसके लिए नए टैगिंग सिस्टम को लागू किया गया है:

  • P (Promotional) - प्रमोशनल मैसेज
  • S (Service) - सर्विस से जुड़े मैसेज
  • T (Transactional) - बैंकिंग और ट्रांजेक्शनल मैसेज
  • G (Government) - सरकारी विभागों से जुड़े मैसेज

इसके अलावा, सभी टेलीमार्केटिंग कॉल के लिए 10 नंबर की जगह इन 140 और 1600 जैसी सीरीज वाले नंबरों का ही उपयोग किया जाएगा, ताकि उपभोक्ता इन्हें आसानी से पहचान सकें और इनसे बच सकें।

टेलीकॉम कंपनियों के लिए नई जिम्मेदारियां

TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि संभावित स्पैमर्स की पहचान की जाए और SMS और कॉल पैटर्न का गहराई से विश्लेषण किया जाए। इसके लिए हनीपॉट टेक्नीक का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं। टेलीकॉम कंपनियों को यह भी देखना होगा कि ग्राहकों को मिलने वाले सभी मैसेज ट्रेसेबल हों, यानी उनकी उत्पत्ति और सोर्स का आसानी से पता लगाया जा सके।

स्पैमर्स पर TRAI का सख्त रुख

TRAI ने स्पष्ट कर दिया है कि जो स्पैमर्स बार-बार अनचाही कॉल या मैसेज भेजते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

  • पहली बार उल्लंघन करने पर - संबंधित नंबर की आउटगोइंग सेवाएं 15 दिनों के लिए बंद कर दी जाएंगी
  • बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर - स्पैमर की सेवा को एक साल के लिए पूरी तरह से निलंबित कर दिया जाएगा
  • टेलीमार्केटर्स द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर - उनकी सिक्योरिटी डिपॉजिट को जब्त कर लिया जाएगा

टेलीकॉम कंपनियों पर भी लगाया जाएगा भारी जुर्माना

TRAI ने केवल स्पैमर्स और टेलीमार्केटर्स ही नहीं, बल्कि टेलीकॉम कंपनियों पर भी कड़ा रुख अपनाया है। यदि कोई टेलीकॉम ऑपरेटर इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे भी आर्थिक दंड का सामना करना पड़ेगा।

  • पहली बार नियम तोड़ने पर ₹2 लाख का जुर्माना।
  • दूसरी बार उल्लंघन करने पर ₹5 लाख का जुर्माना।
  • बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर ₹10 लाख तक का भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

COAI ने जताई आपत्ति

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने TRAI के नए नियमों पर आपत्ति जताई है। COAI का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों को सजा देना अनुचित है क्योंकि वे केवल मध्यस्थ (intermediary) की भूमिका निभाती हैं। COAI ने टेलीमार्केटर्स और ओवर-द-टॉप (OTT) सर्विस प्रोवाइडर्स पर भी समान रूप से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए भी स्पैम कॉल और मैसेज तेजी से बढ़े हैं। COAI का तर्क है कि असली जिम्मेदार टेलीमार्केटर्स और व्यावसायिक संस्थाएं हैं, इसलिए जुर्माना भी उन्हीं पर लगाया जाना चाहिए।

COAI के महानिदेशक एसपी कोचर ने कहा, "TRAI द्वारा लगाए गए नए आर्थिक दंड (Financial Disincentives - FD) को काफी बढ़ा दिया गया है, जबकि टेलीकॉम ऑपरेटर केवल एक मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं। ऐसे में, इन दंडों को टेलीमार्केटर्स और व्यावसायिक संस्थाओं पर लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि वे ही इन स्पैम कॉल और मैसेज का मुख्य स्रोत और लाभार्थी हैं।"

सरकार का रुख

सरकार और TRAI दोनों का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाना है। पिछले कुछ वर्षों में साइबर क्राइम और फर्जीवाड़े की घटनाओं में तेजी आई है, जिनमें से अधिकांश स्पैम कॉल और प्रमोशनल मैसेज के जरिए किए गए थे। ऐसे में, इन पर नियंत्रण पाना बेहद जरूरी हो गया था। साथ ही TRAI ने साफ किया है कि ये नए नियम उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद टेलीकॉम सेवा देने के लिए लागू किए गए हैं। सरकार का मानना है कि इन नियमों से न केवल स्पैम कॉल और मैसेज में कमी आएगी, बल्कि फ्रॉड और साइबर अपराधों पर भी लगाम लगेगी

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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