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गेहूं का रकबा बढ़ा | रिकार्ड उत्पादन की उम्मीद | जाने गेहूं के भाव पर इसका असर

गेहूं का रकबा बढ़ा |  रिकार्ड उत्पादन की उम्मीद | जाने गेहूं के भाव पर इसका असर
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गेहूं का रकबा बढ़ा |  रिकार्ड उत्पादन की उम्मीद | जाने गेहूं के भाव पर इसका असर
किसान साथियो सरकार जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार गेहूं के रकबे में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है सरकारी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खबर है कि इस साल  पिछले साल की तुलना में 9.65 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र को गेहूं खेती के दायरे में लिया गया है। चालू रबी सीज़न में अब तक गेहूं की बुआई का रकबा 3.18 प्रतिशत बढ़कर 312.26 लाख हेक्टेयर हो चुका है। जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 302.61 लाख हेक्टेयर था। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने गुरुवार को कहा कि गेहूं की फसल के उत्पादन की संभावनाएं अच्छी हैं क्योंकि फिलहाल मौसम पौधों के विकास और बेहतर पैदावार के लिए काफी अनुकूल है। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे

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राज्यवार कितनी बढ़ी है बुवाई
राज्यवार देखें तो राजस्थान में 1.99 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 1.74 लाख हेक्टेयर उत्तर प्रदेश में 1.57 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.51 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.43 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 0.83 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 0.64 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 0.24 लाख हेक्टेयर, जम्मू और कश्मीर में 0.23 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 0.15 लाख हेक्टेयर और असम में 0.01 लाख हेक्टेयर रकबा बढ़ने की जानकारी प्राप्त हुई है।

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भाव पर कितना होगा असर
किसान साथियो जिस तरह से गेहूं का रकबा बढ़ा हुआ बताया जा रहा है इससे उम्मीद बन रही है कि इस साल गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है। अगर केवल बढ़े हुए रकबे को ही लें और मौसम की अनुकूलता मान के चलें तो कम से कम 30 लाख टन गेहूं की पैदावार अतिरिक्त बढ़ने का अनुमान है। जैसा कि आप सबको पता है कि सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है ऐसे में यदि उत्पादन अच्छा रहा तो यह प्रतिबंध हटाया जा सकता है। जिसके बाद विदेशों में भारतीय गेहूं का निर्यात सम्भव हो सकेगा। इसलिए यह कहा जा सकता है कि ज्यादा उत्पादन होने के कारण गेहूं के भाव में कोई बड़ी गिरावट आने की संभावना कम है। हालांकि हाल फिलहाल में चल रहे भाव बहुत ज्यादा हैं और नई फ़सल आने पर थोड़ी बहुत गिरावट आनी स्वाभाविक है।

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सरसों चावल और अन्य फसलों की बुवाई भी बढ़ी
गेहूं के अलावा रबी सत्र में छोटे पैमाने पर उगाए जाने वाले चावल की बुआई का रकबा भी अब तक 14.42 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 12.60 लाख हेक्टेयर था।

आंकड़ों के अनुसार चने का रकबा भी बढ़ा हुआ बताया जा रहा है जबकि बाजार के जानकारों का कहना है कि ग्राउण्ड रियलिटी में चने की बुवाई घटी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार तुलनात्मक अवधि के दौरान 102.65 लाख हेक्टेयर की तुलना में थोड़ा बढ़कर 103.37 लाख हेक्टेयर हो गया है।
तिलहन फसलों की बात करें तो चालू रबी सत्र में अब तक तिलहन की बुवाई 101.47 लाख हेक्टेयर के अधिक रकबे में की गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 93.28 लाख हेक्टेयर थी । तिलहन में सरसों की बुवाई 92.67 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो रकबा पिछले साल समान अवधि में 85.35 लाख हेक्टेयर था।