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यूक्रेन की निर्यात नीति में बदलाव: गेहूं और मक्का के न्यूनतम निर्यात मूल्य में संशोधन

यूक्रेन की निर्यात नीति में बदलाव: गेहूं और मक्का के न्यूनतम निर्यात मूल्य में संशोधन
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किसान साथियों और व्यापारी भाइयो, काला सागर क्षेत्र में स्थित यूक्रेन ने अप्रैल महीने के लिए गेहूं के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को 201 डॉलर प्रति टन से घटाकर मई के लिए 188 डॉलर प्रति टन कर दिया है, जबकि मक्का के न्यूनतम निर्यात मूल्य को 185 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 189 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया गया है। यह कदम यूक्रेनी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए उठाया है, ताकि निर्यातक कम दाम पर शिपमेंट न करें।

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कुछ महीनों पहले, यूक्रेन सरकार ने प्रमुख अनाजों और तिलहनों के निर्यात पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि निर्यातक कृषि मंत्रालय द्वारा घोषित न्यूनतम मूल्य से नीचे दाम पर इन उत्पादों का निर्यात करने की कोशिश कर रहे थे। यूक्रेन मक्का के शीर्ष पांच निर्यातक देशों में शामिल है और गेहूं का भी एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश माना जाता है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (जुलाई-जून) के दौरान यूक्रेन से अब तक 364 लाख टन अनाज का निर्यात किया जा चुका है, जिसमें 193 लाख टन मक्का और 143 लाख टन गेहूं शामिल हैं। इसके अलावा, जौ का भी शिपमेंट हुआ है। यूक्रेन मक्का के निर्यात में दुनिया में अमरीका, ब्राजील और अर्जेन्टीना के बाद चौथे स्थान पर है, जबकि गेहूं के निर्यात में वह रूस, अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे देशों से पीछे है।

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भारत में यूक्रेन से गेहूं का निर्यात तो बहुत कम होता है, लेकिन मक्का का कभी-कभी थोड़ा-बहुत आयात हुआ है, क्योंकि यूक्रेन में गैर-जीएम (Genetically Modified) फसलों का उत्पादन होता है।

यूक्रेन में पिछले तीन वर्षों से रूस के साथ चल रहे युद्ध के कारण गेहूं, मक्का और अन्य अनाजों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है, और इसके निर्यात शिपमेंट में भी कठिनाई आ रही है। रूसी हमलों के कारण यूक्रेन के ओडेसा और कुछ अन्य प्रमुख बंदरगाह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे निर्यात प्रक्रिया में रुकावट आई है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों की प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए, यूक्रेन के निर्यातक सस्ते दामों पर गेहूं, मक्का और जौ का निर्यात करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उनके उत्पादकों की आमदनी में भारी कमी आई है, और सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, यूक्रेन का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है और उस पर कर्ज भी बढ़ रहा है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।