अमरीका-चीन टैरिफ युद्ध दोनों देशों के लिए सबक | जाने क्या है इस रिपोर्ट मे
किसान साथियों और व्यापारी भाइयो, अमरीका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध ने दोनों देशों के आयात-निर्यात को गंभीर रूप से प्रभावित किया था, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व में भी भारी कमी आई थी। चीन ने अमरीका से सोयाबीन, मक्का और गेहूं का आयात बंद कर दिया था, जिसके कारण अप्रैल 2025 के दौरान चीन का सोयाबीन आयात पिछले दस वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इस व्यापारिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से, अमरीका और चीन के बीच जेनेवा में टैरिफ मुद्दे पर बातचीत की गई।
इस वार्ता के बाद, दोनों देशों ने अस्थायी रूप से सीमा शुल्क की दरों में भारी कटौती करने पर सहमति जताई। अमरीका ने चीन से आने वाले सामानों पर आयात शुल्क को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया, जबकि चीन ने अमरीकी उत्पादों के आयात पर सीमा शुल्क को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। यह समझौता 14 मई तक लागू होगा।
🔥💥 सिर्फ ₹ 500 में 6 महीने तक रोज़ाना धान, चावल, सरसों, सोयाबीन और चना के लाइव भाव पाएँ। सिर्फ सर्विस लेने वाले ही *WhatsApp करें – 9729757540* ध्यान दें दोस्तों सिर्फ भाव पूछने के लिए कॉल/मैसेज न करें। धन्यवाद 🙏😊
विशेषज्ञों का मानना है कि अमरीकी राष्ट्रपति ने यह समझ लिया है कि टैरिफ युद्ध के माध्यम से चीन पर दबाव डालना अब कठिन है, क्योंकि चीन के पास कई अमरीकी उत्पादों के लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए, चीन अब ब्राजील से सोयाबीन, रूस और ऑस्ट्रेलिया से गेहूं, और ब्राजील, अर्जेंटीना और यूक्रेन से मक्का का आयात कर सकता है। मटर और मसूर के लिए भी रूस और ऑस्ट्रेलिया के पास विकल्प मौजूद हैं।
टैरिफ युद्ध से पहले, चीन अमरीका से सोयाबीन का सबसे बड़ा आयातक था और मक्का का भी एक प्रमुख खरीदार था। दूसरी ओर, अमरीकी बाजार खोने के कारण चीन को भी चिंताएं थीं, क्योंकि वह जिन उत्पादों को अमरीका को निर्यात करता था, उनके लिए वैकल्पिक बाजार खोजने में कठिनाई हो रही थी।
🔥💥 सिर्फ ₹ 500 में 6 महीने तक रोज़ाना धान, चावल, सरसों, सोयाबीन और चना के लाइव भाव पाएँ। सिर्फ सर्विस लेने वाले ही *WhatsApp करें – 9729757540* ध्यान दें दोस्तों सिर्फ भाव पूछने के लिए कॉल/मैसेज न करें। धन्यवाद 🙏😊
दोनों देशों को एक-दूसरे के उत्पादों की सख्त आवश्यकता है, और यह स्पष्ट है कि व्यावसायिक दृष्टिकोण से अमरीकी राष्ट्रपति को अब यह एहसास हो गया है कि इस प्रकार के शुल्क युद्ध से कोई लाभ नहीं होगा। इसलिए, दोनों देशों ने शुल्क कटौती पर सहमति बनाई है, और तीन महीने का समय दिया गया है ताकि दोनों देश आपसी बातचीत से स्थायी समाधान पर पहुंच सकें। इस प्रक्रिया से वैश्विक व्यापार में सुधार की उम्मीद है, और अब दोनों देशों की तरफ से व्यापार संबंधों की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।
👉व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े
👉 चावल के रियल टाइम में भाव और चावल व्यापार के लिए एप डाउनलोड करें
👉 सिर्फ सर्विस लेने वाले ही *WhatsApp करें – 9729757540*
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।