सरसों के बाजार की आज बदल सकती है हवा | सरसों नहीं बेची है तो ये जरूर पढ़ लेना
किसान साथियो और व्यापारी भाइयो, सरसों का बाजार इस सप्ताह वैश्विक और घरेलू दोनों स्तरों पर दबाव में रहा। अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक तनाव, विशेषकर अमेरिका द्वारा चीन, भारत और वियतनाम समेत अन्य देशों पर लगाए गए नए टैरिफ ने खाद्य तेल बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। इस टैरिफ वॉर के चलते सरसों समेत सभी तिलहन वायदा व हाजिर बाजारों में खरीदारी धीमी पड़ी है। घरेलू तौर पर सरसों की बढ़ी हुई आवक ne भाव पर दबाव बनाया। साथियों अब बड़ा यह उठता है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव तेल तिलहन के बाजार खास तौर पर सरसों के बाजार को किस तरफ लेकर जाएगा। क्या सोयाबीन की तरह उपरी स्तरों से सरसों के भाव भी धड़ाम हो जाएंगे। देखा जाए तो सरसों के भाव अपने उपरी स्तर से केवल 125 रुपये गिरे हैं जबकि सोयाबीन में यह गिरावट 250 रुपये की है। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के बाजार का गहराई से विश्लेषण करेंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में सरसों का बाजार किस तरफ जा सकता है।
घरेलू बाजार की स्थिति
भारत में सरसों की आवक इस सप्ताह करीब 11 लाख बोरी के आसपास बनी रही। भाव की बात करें तो जयपुर में 6300 भरतपुर में 5950, चरखी दादरी में 6000 और दिल्ली में 6100 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास के भाव की रेंज बनी हुई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में सरसों की कटाई तेजी से चल रही है। राजस्थान में 51 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन और मध्य प्रदेश में 13.50 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। इस नए उत्पादन के साथ ही बाजार में ताजा सरसों की आपूर्ति भरपूर हो रही है, जिससे कीमतों पर दबाव देखने को मिला है। थोक मंडियों में भाव कभी MSP से ऊपर तो कभी नीचे बने रहे, लेकिन व्यापारी, स्टॉकिस्ट और प्रोसेसर MSP के नीचे की दरों पर खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी एजेंसियों की खरीद यदि बड़े पैमाने पर शुरू होती है तो कीमतों में मजबूती आ सकती है।
प्लांटों पर क्या रहे सरसों के रेट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों अगर ब्रांडेड तेल मिलों के भाव को देखें तो सलोनी प्लांट पर सरसों का भाव काफी उतार चढ़ाव के बाद 6800 के स्तर पर बंद हुआ. अन्य प्लांट की बात करें तो शारदा प्लांट पर सरसों के भाव 6600 बीपी आगरा प्लांट पर 6550 और गोयल कोटा प्लांट पर 6100 प्रति क्विंटल के भाव देखने को मिले। अदानी अलवर और बूंदी प्लांट पर सरसों के रेट क्रमशः 6100 और 6125 के रहे।
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हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों की बात करें तो सरसों के भाव इस प्रकार से रहे बीकानेर मंडी में सरसों का भाव 5801, नोहर मंडी में सरसों का भाव 5887 अलवर मंडी में 6000 सुमेरपुर मंडी में 5700 नागौर मंडी में 5500 ऐलनाबाद मंडी में 5911 नदबई मंडी में 5950 आदमपुर मंडी में 5908 अशोक नगर मंडी में 5800 श्योपुर मंडी में 5900, टोहाना मंडी में 5650 और रतिया मंडी 5611 रुपये प्रति क्विंटल तक के भाव रहे।
विदेशी बाजारों की अपडेट
साथियों जैसा कि हमने बताया था कि विदेशी बाजारों में भारी उठा पटक चल रही है । टैरिफ वॉर का असर अब हर जगह दिखाई देने लगा है। विदेशी बाजारों में आज जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है। मलेशिया में पाम तेल मक्का बाजार आज 200 रिंगिट तक की गिरावट दिखा रहा है। ऐसे में आज भारतीय बाजार पर दबाव आने की पूरी संभावना है। चीन के बाजार भी भारी 4% की गिरावट दिखा रहे हैं।
सरसों स्टॉक और क्रशिंग स्थिति
1 अप्रैल 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार किसानों के पास 95.25 लाख टन, प्रोसेसर व स्टॉकिस्टों के पास 4.50 लाख टन और सरकारी एजेंसियों के पास 7 लाख टन सरसों का स्टॉक मौजूद है। कुल उपलब्धता 106.75 लाख टन आंकी गई है। मार्च महीने में ही लगभग 15 लाख टन सरसों की आवक हुई थी, जिसमें से 11.50 लाख टन की क्रशिंग हो चुकी है। इस प्रकार प्रोसेसिंग की गति भी मजबूत बनी हुई है।
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आयात-निर्यात और भविष्य की नीति
सरकार की योजना है कि वर्ष 2030-31 तक देश में तिलहन उत्पादन को 700 लाख टन तक पहुंचाया जाए, जिसके लिए ₹10,103.38 करोड़ की “ऑयल सीड मिशन” योजना लाई गई है। वर्तमान में भारत 57% खाद्य तेल का आयात करता है, जो खाद्य तेल सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। इसीलिए घरेलू तिलहन उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं विदेशी बाज़ारों में पिछले महीने 9.68 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ, जिसमें पाम और सोयाबीन तेल की मात्रा प्रमुख रही।
आज कैसे खुलेंगे सरसों के बाजार
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों जिस तरह से विदेशी बाजारों से संकेत मिल रहे हैं उसे देखते हुए आज सरसों में 50 से लेकर ₹100 की तक की गिरावट संभावित है। हालांकि बहुत बड़ी गिरावट होगी ऐसा नहीं लगता। विश्लेषकों की राय में सरसों की गुणवत्ता इस वर्ष बेहतर रही है। मंडियों में जो सरसों आ रही है, उसमें नमी कम और तेल की मात्रा ज्यादा देखी जा रही है। इससे प्रोसेसर खरीद में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। पिछले साल मई के महीने में सरसों में ब्रेक आउट हुआ था । भाव 5500 से बढ़कर सीधा 6400 तक चले गए थे। ऐसे में किसान चाहें तो हाल फ़िलहाल की गिरावट को नजरअंदाज करते हुए सरसों को कुछ दिन होल्ड कर सकते हैं। आपको 200 रुपये का रिस्क लेकर चलना होगा। व्यापारी MSP के नीचे की दरों पर खरीदारी का अवसर तलाश सकते हैं। हम मानते हैं कि इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टैरिफ वॉर और घरेलू स्तर पर भारी आवक के कारण बाजार में दबाव देखने को मिल रहा है, लेकिन लंबी अवधि को देखें सरसों में भारी गिरावट की संभावना नहीं है। जयपुर और भरतपुर जैसे बड़े बाजारों में सपोर्ट लेवल के आस पास बना हुआ है। ऐसे में किसान जल्दबाजी में बिक्री करने की बजाय स्थिति को समझते हुए रणनीति के तहत निर्णय लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।