सरसों का स्टॉक पड़ा हुआ है तो ये रिपोर्ट जरूर देख लेना | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों सरसों का बाजार लगातार दबाव में चल रहा है। सोशल मीडिया से लेकर यूट्यूब पर बाजार तो तथाकथित जानकार सरसों में तेजी को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। लेकिन मंडी भाव टुडे ने सरसों की चाल पर अपना नजरिया बिल्कुल साफ़ रखा है। सरसों में इस समय तेजी की कम और मंदी आने की संभावना ज्यादा है। जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के भाव घटते हैं तो ब्रांडेड तेल मिल एक-एक दिन में 200-200 रुपये तक भाव घटा रहे हैं। लेकिन जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के भाव बढ़ते हैं तो 25-50 रुपये तक भी सरसों के भाव नहीं बढ़ा रहे। इसे एक नकारात्मक संकेत की तरह देखा जाना चाहिए। यहां से आगे सरसों में तेजी आने के लिए सोयाबीन और सोया तेल के भाव का बढ़ना जरूरी है लेकिन आप देख ही रहे हैं कि सोयाबीन का बाजार आए दिन नया धरातल ढूंढ रहा है। अब सोयाबीन का रेट MSP से 1000 रुपये तक नीचे चला गया है। ऐसे में किसानों को सरसों में 100-50 के तेजी के इंतजार की बजाय 200-400 की मंदी से डरने की जरूरत है। आज की रिपोर्ट में हम सरसों और तेल तिलहन के बाजार का गहराई से अध्ययन करेंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या बाजार में अब भी ऐसा कुछ बचा है जो बाजार को तेज कर दे। अगर आपके पास सरसों का स्टॉक पड़ा हुआ है तो ये रिपोर्ट आपको अंत तक पढ़नी चाहिए।
ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों बुधवार के बाजार में कुछ नया नहीं देखने को मिला। तेल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में सरसों के भाव कमजोर हो गए। जयपुर में कंडीशन 42 लैब की सरसों के भाव 25 रुपये घटकर 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से दिल्ली का बाजार भी 6400 से गिरकर 6300 का रह गया। हालांकि भरतपुर के बाजार में स्थिरता देखने को मिली और अंतिम भाव 6175 पर बंद हुए और इसमें मामूली ₹4 की तेजी देखने को मिली। बात चरखी दादरी की करें तो यहां पर भी सरसों के भाव 75 रुपए तक टूट गए और अंतिम भाव 6250 के रहे। इसी तरह से अन्य व्यापारिक केंद्रों पर भी सरसों के भाव में गिरावट का ही रुझान देखने को मिला। भाव की बात करें तो हिसार में सरसों का रेट 5900, बरवाला में 6000, मुरैना में 5925, ग्वालियर में 6100, खैरथल में 6150, निवाई में 6150, टोंक में 6130 और गंगापुर सिटी में कंडीशन सरसों के भाव 6200 तक देखने को मिले। बुधवार को सरसों की आवक 185000 से घटकर 175000 बोरी की रह गई।
प्लांट पर भी गिरावट का रुझान
ब्रांडेड तेल मिलों ने भी सरसों के भाव में कटौती की। गोयल कोटा प्लांट पर सरसों का भाव 6200 तक रिपोर्ट हुआ है। अदानी बूंदी और अलवर प्लांट पर सरसों का भाव ₹50 गिरकर 6450 का रह गया। वंश सीतापुर प्लांट पर सरसों का रेट 6000 का रहा। पिछले चार दिनों में इस प्लांट में सरसों के भाव में ₹500 तक की कटौती कर दी गई है। बात सलोनी प्लांट की करें तो सलोनी प्लांट पर भी सरसों के भाव में ₹50 की गिरावट देखने को मिली और अंतिम भाव 7100 के रहे।
हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों की ताजा भाव को देखें तो जैतसर मंडी में सरसों के भाव 5000 से 6200 रुपए, देवली मंडी में सरसों के भाव 5000 से 6200 रुपए, सरसों 42% के भाव 6120 से 6190 रुपए, गजसिंहपुर मंडी में सरसों के भाव 5535 से 5770 रुपए, नोहर मंडी में सरसों के भाव 5700 से 6040 रुपए, बीकानेर मंडी में सरसों के भाव 5200 से 5501 रुपए, सूरतगढ़ मंडी में सरसों के भाव 5614 से 5737 रुपए और आदमपुर मंडी में सरसों के भाव 5963 रुपए (लैब 40.28) प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।
विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में दूसरे दिन मिलाजुला रुख रहा। आज भी बाजार कमजोरी के साथ खुला है। कल की बात करें तो मलेशियाई पाम तेल के दाम शाम के सत्र में करीब 2% कमजोर होकर बंद हुए, चीन के डालियान में भी खाद्य तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। मलेशिया के वायदा बाजार में पाम तेल का फरवरी वायदा 96 रिंगिट यानी कि 1.14% गिरकर 4855 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए। चीन के बाजार का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा 1.12% गिरा। हालांकि इसका फॉर्म तेल वायदा 1.72% तक तेज हुआ। बात अमेरिका के बाजार की करें तो यहां पर 0.68% की तेजी सोया तेल वायदा में दर्ज की गई। मलेशिया में पाम तेल के बकाया स्टॉक में कमी आई है, साथ ही इसका निर्यात भी कम हुआ है।
तेल और खल के बाजार
घरेलू बाजार बुधवार में सरसों तेल की कीमतों में तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई, जबकि इस दौरान सरसों खल के भाव स्थिर ही बने रहे। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी के भाव 7 रुपए घटकर 1333 रुपए प्रति 10 किलो रह गए। इसी के साथ सरसों तेल एक्सपेलर के भाव भी 7 रुपए कमजोर होकर 1323 रुपए प्रति 10 किलो रह गए। जयपुर में सरसों खल के भाव 2320 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।
सरसों की आवक घटी
बुधवार को सरसों की आवक घटकर 1.75 लाख बोरियों की हुई, जबकि मंगलवार को यह 1.85 लाख बोरियों की हुई थी। राज्यवार देखें तो राजस्थान की मंडियों में सरसों की 85 हजार बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 20 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 5 हजार बोरी तथा गुजरात में 5 हजार बोरी एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 35 हजार बोरियों की आवक हुई।
सरसों को निकालने में फायदा
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों ताजा मार्केट के सेंटीमेंट को देखते हुए और आने वाले सरसों सीजन को देखते हुए हमारी यह सलाह है कि जिन किसान साथियों और व्यापारी भाइयों के पास सरसों का स्टॉक पड़ा हुआ है इसे हल्का करते चले और ज्यादा तेजी का इंतजार ना करें। अगर विदेशी बाजारों में पाम तेल के भाव में थोड़ी बहुत भी गिरावट होती है तो सरसों के भाव जयपुर में 6400 का स्तर दिखा सकते हैं। ऊपर जाने की संभावना फिलहाल बहुत ही कमजोर है। ऐसा लगता नहीं कि इस सीजन में अब 7000 के भाव फिर से देखेंगे। अगर पाम तेल में कोई बहुत बड़ी तूफानी तेजी आ गई तो ही सरसों के भाव बढ़ सकते हैं अन्यथा इसकी संभावना बहुत कम है। व्यापार अपने विवेक से ही करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।