धान में अब क्या बन रही है पोजीशन ? धान को रोकना कितना सही, देखें धान की तेजी मंदी रिपोर्ट
धान में अब क्या बन रही है पोजीशन ? धान को रोकना कितना सही ? देखें धान की तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियो हमने अपनी पहले की रिपोर्ट में भी जिक्र किया है कि बासमती के किसानो की इस साल चांदी चल रही है। बासमती के उत्पादन में गिरावट की आशंका तथा निर्यात व घरेलु मांग में अच्छी बनी रहने की संभावना से धान और चावल बाजार रिकार्ड ऊंचाई पर चल रहा है। मौजूदा माहौल को देखकर कहा जा सकता है निकट भविष्य में इस बाजार में मंदे की संभावना बहुत कम है। हम जानते हैं कि बहुत सारे किसानों ने अभी भी बासमती को होल्ड करके रखा हुआ है और वे बासमती के बाजार की हर खबर पाना चाह रहे हैं। इसी प्रयास में हम यह रिपोर्ट लेकर आए हैं जिसमें आपके लिए बासमती के बाजार की लगभग हर ख़बर को कवर किया गया है। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे
विदेशों में क्या है माहौल
किसान साथियो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बासमती अपने टॉप पर जरूर चल रहा है लेकिन अभी भी बड़ी निर्यात मांग का इंतजार है। सऊदी ने अभी तक अधिकतम दो लाख टन चावल ही खरीदा है, जबकि अभी तक ईरान ने बाजार नहीं खोला है। इसके बावजूद निर्यातक स्टॉकिस्ट एवं मिलर्स की सक्रियता से धान और चावल बाजार में काफी तेजी बनी हुई है। वैरायटी वॉइज देखे तो धान में इन दिनों 1401 सबसे ऊंचे भाव पर कारोबार कर रहा है। मंडी भाव टुडे पर हमने सीज़न की शुरुआत में ही बता दिया था कि 1401 धान 1121 को पटखनी दे सकता है। यह भी पढ़ें:- गेहूं के किसानों के लिए झटका। सरकारी फैसले के बाद गिर सकते हैं भाव
ताजा मार्केट अपडेट
भाव की बात करें तो हरियाणा-पंजाब की अधिकतर मंडियों में 1401 धान का भाव 4400 से 4450 के बीच बोला जा रहा है। जबकि 1121 धान का भाव 4000 से 4400 के बीच में है। जबकि 1718 का भाव 3900 से 4200 रुपए और 1509 का भाव 3700 से 4000 रुपए के बीच चल रहा है। पारंपरिक बासमती (Basmati 30) 6300-6400 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। पारंपरिक बासमती (बासमती 30) का भाव ऊंचा होने के कारण 1401 और DP का भाव ऊंचा है, क्योंकि ये तीनों एक ही प्रजाति के हैं। एरोमेटिक बासमती चावल के शिपमेंट से निर्यात प्राप्ति अप्रैल-अक्टूबर, 2022-23 की अवधि में 23% बढ़कर 1056 डॉलर/टन रही है जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 857 डॉलर/टन थी। किसान साथियो बासमती के ये ऐतिहासिक भाव हैं। यह भी पढ़ें:- 1121 धान पहुंचा 4600 के पास देखे आज के धान के ताजा मंडी भाव | Aaj Ke Dhan Ke Taja Mandi Bhav 12 December 2022
तेजी की बड़ी वजह
ऊंचे भाव रहने की मुख्य वज़ह चावल मिलों द्वारा निरंतर खरीदी बढ़ाया जाना है। अच्छी बात यह है कि मिलों द्वारा तैयार चावल भी हाथों हाथ बिक रहा है, इसलिए धान और चावल दोनों में ही अच्छी तेजी बनी हुई है। जैसा कि हमने अपनी पिछली सभी रिपोर्ट में बताया है कि बासमती का पिछले साल का कैरी फारवर्ड शून्य है और इस साल धान की फसल पर बेमौसमी बरसात से नुकसान होने के कारण उत्पादन में गिरावट की संभावना देखी जा रही है। इसलिए बासमती की तगड़ी आवक को भी नजरअंदाज करते हुए पूरे सीज़न में धान में तेजी बनी हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल अमेरिकी डॉलर का भाव इन दिनों 77 रुपए के आसपास था, जो इस समय 82 रुपए के आसपास है। रुपये के कमजोर होने के कारण निर्यात को सपोर्ट मिल रहा है। इसके अलावा कंटेनरों का किराया लगभग 70 % टूट चुका है, इसलिए निर्यातक व्यापारियों को चावल का भाव ऊंचा होने के बावजूद लगभग पिछले साल जैसा ही भाव पड़ रहा है। इन सब कारणों से बासमती धान चावल में अभी और तेजी की गुंजाइश है। यह भी पढ़ें:- देखें आज के गेहूं/कनक के लाइव रेट wheat kanak gehu Live Rate Today 12 Dec 2022
ईरान और सऊदी अरब से अपडेट
किसान साथियो भारत हर साल 40 से 44 लाख टन बासमती चावल का निर्यात करता है। अंतर्राष्ट्रीय माहौल को देखते हुए इस साल इसमें कुछ वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि बांगलादेश और पाकिस्तान में बासमती के उत्पादन में बड़ी गिरावट आ रही है। इसलिए पूरी पूरी संभावना है कि इन देशों से जाने वाले बासमती की मांग भारत की तरफ शिफ्ट होगी। बासमती के बड़े आयातकों को देखें तो सऊदी अरब 8 से 10 लाख टन का अकेला ग्राहक है, जबकि ईरान 12 से 14 लाख टन माल का आयात करता है। क्योंकि इन दोनों देशों ने अभी तक कोई बड़े ऑर्डर नहीं दिए हैं इसलिये उम्मीद है कि ईन देशों की खरीद की सक्रियता बढ़ते ही बाजार कुछ और तेज हो सकता है। यह भी पढ़ें:- ग्वार में फिर से बन सकती है तेजी जाने वज़ह
रोके या बेचे
किसान साथियो हमने पहले भी बताया कि बासमती का बाजार अनिश्चितताओं से भरा हुआ है। इसमें खतरनाक मोड़ आते रहते हैं। फिलहाल बासमती के बाजार में तेजी बनी हुई है और आगे भी माहौल तेजी का ही लग रहा है। फ़िलहाल भाव अच्छे हैं ऐसे में थोड़ा थोड़ा माल तेजी के समय में निकालते रहना चाहिए। बहुत ज्यादा माल होल्ड करने में रिस्क हो सकता है। जो किसान भाई बड़ा रिस्क लेना चाहते हैं वे ही धान को होल्ड करें। MP और UP के किसान चाहें तो थोड़े दिन और होल्ड कर सकते हैं ।