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सरसों में मंदी का माहौल आखिर कब तक | सरसों किसानों के लिए जरूरी रिपोर्ट

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सरसों में मंदी का माहौल आखिर कब तक | सरसों किसानों के लिए जरूरी रिपोर्ट | 27 Sep 22

किसान साथियो विदेशी बाजारों में आयी ज़बर्दस्त गिरावट और विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी की आशंका के चलते सोमवार को बाजार खुलते ही खाद्य तेलों की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली। इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम तेल का भाव ने पिछले 16 महीने के सबसे निचले स्तर को छू लिया। इस कमजोरी का असर भारत में भी दिखाई दिया और तेल तिलहन के भाव धड़ाम से गिर गए जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 125 रुपये कमजोर होकर 6,325 से 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। ब्रांडेड कंपनियों ने भी सरसों के खरीद भाव में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती कर दी। सलोनी प्लान्ट पर भाव 150 रुपये प्रति क्विंटल टूटकर 6700 से 6775 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि BP प्लान्ट पर भी खरीद भाव 6700 रुपये प्रति क्विंटल रहे। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों के खरीद भाव 6250, भरतपुर में सरसों 160 रुपये प्रति क्विंटल कमजोर होकर 5900 रुपये प्रति क्विंटल पर बिकी । हालांकि घटे हुए भाव पर बिकवाली ना आने के कारण सरसों की आवक में भी बड़ी गिरावट दिखी और सोमवार को सरसों की आवक केवल 1.50 लाख बोरियों की ही हुई ।

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क्या है गिरावट की बड़ी वज़ह?

गिरावट की बड़ी वज़ह पाम तेल में आयी ज़बर्दस्त गिरावट ही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तेल तिलहन के प्रमुख विश्लेषक दोराब मिस्त्री ने बीते शुक्रवार को कहा था कि मलेशियाई पाम तेल की कीमतें दिसंबर के अंत तक घटकर 2,500 रिंगिट प्रति टन के स्तर पर आ सकती है। किसान साथियो त्योहारी सीजन की मांग को देखते हुए घरेलू बाजार में सरसों तेल की मांग आगामी दिनों में बढ़ने का अनुमान है, लेकिन भाव बढ़ने पर अब संशय लगने लगा है। क्योंकि भारत में पाम तेल का ज़बर्दस्त आयात हो रहा है और भारत में खाद्य तेलों के भाव आयातित खाद्य तेलों के भाव पर निर्भर हैं । 

विदेशी बाजार अपडेट

विदेशी बाजारों की बात करें तो मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर दिसंबर वायदा अनुबंध में लगातार तीसरे दिन पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई और और पाम के भाव 190 रिगिट यानी की 5.08  प्रतिशत घटकर 3,546 रिगिट प्रति टन रह गए। पाम तेल के भाव का यह स्तर जून 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है। जैसा कि हमने बताया कि गोदरेज कंपनी के दोराब मिस्त्री के अनुसार पाम मे और गिरावट आ सकती है और यह 2500 के स्तर को भी छू सकता है।  इंडोनेशिया द्वारा अत्यंत सस्ती दरों पर भारत को पाम तेल निर्यात करने से पाम तेल की कीमतें पिछले 16 महिने के सबसे निचले स्तर पर आ गई है। और माना जा रहा है कि आगामी दिसंबर तक लगभग 20 लाख टन पाम तेल भारत आ सकता है। इस तरह इंडोनेशिया से भारतीय पाम तेल का आयात लगभग 3 गुणा बढ़ सकता है। भारतीय बाजार में इस समय पाम तेल सबसे सस्ता है और इसके दाम में लगातार गिरावट आ रही है। 

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घरेलु बाजार अपडेट

घरेलू बाजार की बात करें तो जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को 20-20 रुपये कमजोर होकर क्रमशः 1276 रुपये और 1266 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर आ गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 30 रुपये कमजोर होकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर आ गई। हाजिर मंडियों में सरसों के भाव की बात करें तो नोहर मंडी में सरसों का टॉप भाव 5750, श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 5680, संगरिया मंडी में सरसों का टॉप भाव 5691, पदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5720, खाजूवाला मंडी में सरसों का भाव 5592, गोलूवाला मंडी में सरसों का भाव 5613, आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5861, मथुरा मंडी में सरसों का टॉप रेट ₹5650, बीकानेर मंडी में सरसों का भाव 5700, सुमेरपुर मंडी में कंडीशन सरसों का भाव 6280, नागौर में सरसों का रेट 6000, खैरथल मंडी में सरसों का भाव 5900, विजयनगर मंडी में सरसों का रेट 5830, ग्वालियर में कंडीशन सरसों का भाव 5950, गंगापुर में सरसों का भाव 6100, और गोयल कोटा प्लांट पर सरसों का भाव 6100 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया

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किसान साथियो जब तक पाम तेल गिरता रहेगा भारतीय बाजारों में फंडामेंटल चाहे कितने भी मजबूत हो तिलहन के भाव में सुधार नहीं हो सकता। कोलकाता के बेस्ट च्वाइस आरबीडी पामोलिन का भाव 95 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर आ गया है। राजकोट और मुंबई दोनों में आरबीडी पामोलिन लगभग 90 रुपए के स्तर पर है। सोया तेल की कीमतें 113 रुपए से लेकर 115 रुपए तक बोली जा रही हैं। हालांकि सोया तेल में भी गिरावट बढ़ रही है और सोया तेल के साथ-साथ सूरजमुखी तेल के लिए भारत सरकार ने लगातार दो वर्षों के लिए 20-20 लाख टन तेल आयात करने के लिए ड्यूटी फ्री कर रखा है, जिससे इन तेलों पर भी भारी दबाव बना हुआ है। तेल बाजार के जानकार पाम तेल में अभी भी और 5 से 7 रुपए प्रति लीटर गिरावट की आशंका देख रहे है।

सरसों की आवक

घटे हुए भाव पर बिकवाली कम आने से देशभर की उत्पादक मंडियों में सोमवार को सरसों की दैनिक आवक घटकर 1.50 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि शनिवार को आवक 1.75 लाख बोरियों की हुई थी । राज्यवार सरसों की आवक इस प्रकार से रही:-
राजस्थान की मंडियों में सरसों की आवक 70 हजार बोरी
मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों की आवक 10 हजार बोरी
उत्तर प्रदेश की मंडियों में सरसों की आवक 25 हजार बोरी, 
पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में सरसों की आवक 10 हजार बोरी
गुजरात में सरसों की आवक 5 हजार बोरी अन्य राज्यों की मंडियों में सरसों की आवक 30 हजार बोरी 

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सरसों में आगे क्या 
किसान साथियो सरसों में अब केवल दो ही उम्मींद बची है जो इसके भाव को थोड़ा बहुत उपर खींच सकती हैं। पहली तो यह कि सितंबर महीने में पाम का उत्पादन अपने पीक पर रहता है। अक्टूबर के मध्य के बाद इसमें अच्छी ख़ासी कमी होने लगती है। चूँकि अब सितम्बर खत्म होने वाला है इसलिए उत्पादन में थोड़ी बहुत कमी देखने को मिल सकती है। और मलेशिया और इंडोनेशिया में स्टॉक कम होना शुरू हो सकता है। हालांकि इसके लिए और इंतजार करना पड़ेगा। दूसरा यह कि दीवाली आने वाली है जिसके कारण सरसों के तेल की डिमांड निकलना तय है। त्यौहार के चलते भाव में थोड़ी बहुत तेजी देखने को मिल सकती है। साथियो मौसम चाहे तेजी का हो या मंदी का लंबे समय तक नहीं टिका रह सकता। पिछले 5-6 महीने से लगातार खाद्य तेलों में मंदी का माहौल बना हुआ है ऐसा भी हो सकता है कि जल्दी ही यहां से यू टर्न मिल जाए। व्यापार अपने विवेक से करें।