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एक दिन में 200 रुपये तक लुढ़का गेहूं | जानिए क्या है वज़ह l क्या MSP के नीचे बिकेगा गेहूं, तेजी मंदी रिपोर्ट

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किसान साथियो गेहूं की फसल लगभग तैयार खड़ी है अगले कुछ ही दिनों में गेहूं की फसल मंडियों में आनी शुरू हो जाएगी। गेहूं के भाव अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के काफी उपर चल रहे हैं। चूंकि सरकार को सस्ते भाव में गेहूं खरीदना है इसलिए वह हर कोशिश कर रही है कि गेहूं के भाव को नीचे लाया जाए। इसी सन्दर्भ में सरकार ने सरकारी गेहूं के रिजर्व प्राइस को फिर से घटा दिया है। घटी हुई कीमतें 31 मार्च 2023 तक लागू रहेंगी। मतलब कि जब तक गेहूं की नई फसल बाजार में आ नहीं जाए तब तक यही कीमतें रहेंगी। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे

गेहूं सस्ता आटा महंगा
सरकार का कहना है कि आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। गेहूं के दाम भले ही गिरे हो लेकिन बाजार में इन दिनों आटे (Wheat Flour) का भाव अभी भी आसमान में चढ़ा हुआ है। गेहूं का थोक भाव 24-25 रुपये किलो है जबकि खुली बोरी वाला आटा 35 से 40 रुपये किलो बिक रहा है। ब्रांडेड कंपनियों की लूट तो अलग ही चल रही है इनका आटा तो 45 रुपये से 50 रुपये के बीच बिक रहा है।  एमपी सरबती गेहूं का आटा 50 से 55 रुपये प्रति किलो हो गया है। आटा का भाव के कारण पिछले महीने रिटेल इंफ्लेशन भी रिजर्व बैंक के अनुमानित स्तर को पार कर गया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने गेहूं का मूल्य घटा दिया है। यही नहीं, राज्य सरकारों को भी अब सस्ते मूल्य पर गेहूं मिलेगा ताकि वह अपनी योजनाओं के तहत इसका वितरण किया जा सके। देखें आज के गेहूं/कनक के लाइव रेट wheat kanak gehu Live Rate Today 18 Feb 2023

क्या रहेगा गेहूं का नया रेट
अब सरकार ने Open Market Sale Scheme (OMSS) के तहत फेयर एवरेज क्वालिटी के गेहूं (wheat price) की कीमत 2150 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। यह कीमत पूरे देश के लिए है। इसी के साथ Under Relaxed Specifications (URS) wheat की कीमत पूरे देश के लिए 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है।  गेहूँ की ये कीमतें प्राइवेट मिलर्स और कारोबारियों के लिए तय की गई हैं। अब प्राइवेट पार्टी इसी कीमत को आधार लगा कर बोली लगाएंगे। राज्य सरकार भी चाहे तो इसी कीमत पर गेहूं खरीद कर अपनी योजनाओं के तहत इसका वितरण कर सकती हैं। राज्यों को छूट होगी कि वह रिजर्व प्राइस पर ही गेहूं की खरीद करे। उन्हें बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लेना होगा। गेहूं की अगली ई-नीलामी के लिए एफसीआई ने आगामी 22 फरवरी का दिन तय किया है। उस दिन गेहूं की रिवाइज्ड रिजर्व प्राइस पर ही ई-नीलामी होगी। बासमती धान के ताजा भाव | Basmati Paddy Rate Today 18 February 2023

गेहूँ के भाव हुए धड़ाम
सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं बेचने के फैसले के बाद से ही गेहूं के बाजार लगातार गिरते जा रहे हैं। बाजार में गेहूं की खुली बिक्री करने के सरकार के कदम का असर बाजार में साफ दिखने लगा है। ई-नीलामी शुरू होने के बाद से गेहूं की थोक और खुदरा कीमतों में गिरावट आने लगी है। पहली नीलामी के बाद ही थोक में गेहूं के भाव जो कि 3100-3200 रुपये प्रति क्विंटल पर चल रहे थे अब इनमें 600-700 रुपये प्रति क्विंटल तक कि गिरावट आ चुकी है। गेहूँ के रिजर्व प्राइस को फिर से घटाने की खबर के बाहर आते ही एक ही दिन में गेहूं के भाव 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर गेहूं के रेट एक ही दिन में 220 रुपये गिरकर 2280 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। देखें आज के सरसों के लाइव रेट Sarso Live Rate Today 18 February 2023

अब तक दो ई-नीलामी में 13 लाख टन बिक चुके हैं गेहूं
भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा अभी तक दो बार गेहूं की ई-नीलामी की जा चुकी है। इसके पहले दौर में 9.2 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई थी। जबकि इसके दूसरे दौर में 3.85 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई। इस तरह दो दौर में अब तक 13.05 लाख टन गेहूं की बिक्री आटा मिलों, गेहूं उत्पाद निर्माताओं और व्यापारियों जैसे थोक खरीदारों को की गई है। Aaj Ka Narma Ka bhav नरमा और कपास के ताजा मंडी भाव Narma Price Today 18 February 2023

क्या MSP के नीचे बिकेगा गेहूं
किसान साथियो आमतौर पर यही देखा गया है कि किसान के पास जब फसल तैयार होकर आती है तो उसके भाव अपने निम्नतम स्तर पर रहते हैं। किसान को सही भाव लेने के लिए जुझना पड़ता है। इसके पीछे केवल डिमांड और सप्लाई का ही एक कारण नहीं है ब्लकि और बहुत सारे कारण हैं। जैसे कि किसान अपनी फसल को ज्यादा दिन तक स्टोर नहीं कर सकता। ना ही उसके पास स्टोरेज है ना ही इतना पैसा की वह फसल को होल्ड कर सके। उसे अगली फसल की तैयारी के लिए पैसा चाहिए। इसी बात का फायदा हमेशा बिचौलियों द्वारा उठाया जाता है। और किसान को उसकी फसल का सही भाव नहीं मिलता। जहां तक MSP की बात है मंडी भाव टुडे का मानना है कि सरकार को इस साल काफी मात्रा में गेहूं खरीदना है क्योंकि पिछले साल सरकार को उसके लक्ष्य का आधा गेहूं भी नहीं मिला था। ऐसे में सरकार को पिछले साल की भी भरपाई करनी है। इन सब तथ्यों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि गेहूं के भाव के MSP के नीचे जाने की उम्मीद नहीं है

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