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सरसों में कब बनेगा तेजी का जोश | जाने इस रिपोर्ट में

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सरसों में कब बनेगा तेजी का जोश | जाने इस रिपोर्ट में

किसान भाइयों कल विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमत में करीब - करीब एक-सा रूख दिखाई दे रहा था। विदेशी बाजारों में पाम तेल और घरेलू बाजार में तेल मिलों की मांग कमजोर होने से घरेलू बाजार में बुधवार को सरसों का भाव स्थिर ही बना रहा । जयपुर में कंडीशन की सरसों का भाव 5975 रुपए प्रति क्विंटल रहे। जबकि दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों 5650 के हिसाब से बिकी है। भरतपुर की मंडी को देखें तो यहाँ पर टोप भाव 5580 रुपये प्रति क्विंटल तक बोला गया है। बात रेवाड़ी की करें तो 19 अक्टूबर को 5700 तक बिकने के बाद भाव फिर से 100 रुपये तक टूट गए हैं। बुधवार को सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 450000 बोरी की हुई। मंडी के व्यापारियों के अनुसार त्यौहार के कारण पिछले दो दिनों से मंडीयों में सरसों की दैनिक आवको में कमी दिखाई दे रही थी लेकिन बुधवार को बाजार खुलते ही आवको मे बढोत्तरी देखने को मिली।

प्लांटों पर क्या हुई घट बढ़

बुधवार को सलोनी प्लांट पर कई बार घट-बढ़ का माहौल देखने को मिला विदेशी बाजारों की कमजोरी ने कई बार सरसों के रेट को 6400 के स्तर से नीचे धकेला लेकिन घरेलू डिमांड के कारण फिर से भाव 6400 पर आकर स्थिर हो गए। अन्य प्लांट की बात करें तो गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव 5800 रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से चल रहे हैं जबकि आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों की रेंज 6100 रुपये प्रति क्विंटल की बनी हुई है।

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मार्केट पर किसका दबाव

किसान साथियो इस समय घरेलू बाजार में दिवाली की त्योहारी डिमांड मौजूद है लेकिन विदेशी तेलों के सस्ता होने के कारण इस पर दबाव बना हुआ है। मलेशिया और अमेरिका से लेकर चीन तक खाद्य तेलों के भाव में गिरावट देखने को मिल रही है जिसके चलते भारतीय बाजारों में वो जोश नहीं दिख रहा है जो आमतौर पर दिवाली के समय दिखता है। इसके अलावा इस बार उत्पादक राज्यों में किसानो एवं स्टॉकिस्टों के पास सरसों का बकाया स्टॉक अभी भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है इसलिए दैनिक आवक बनी रहेगी

विदेशी बाजारों में क्या है रूझान

मजबूत रिंगगिट के कारण बुधवार को मलेशियाई पाम तेल वायदा सुबह के सत्र में कमजोर खुला था, लेकिन शाम के सत्र में इसके भाव में हल्का सुधार आया। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (BMD) पर जनवरी महीने के पाम तेल वायदा अनुबंध में 17 रिंगिट की तेजी के बाद भाव 3,684 रिंगिट प्रति टन हो गए। मलेशियाई मुद्रा रिंगिट में डॉलर के मुकाबले 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रिगिंट मजबूत होने से पाम तेल के आयात पड़ते महंगे हुए हैं । इस दौरान अमेरिका के शिकागो में CBOT पर सोया तेल की कीमतें 0.34 %  तेज हुई। लेकिन चीन के बाजार कमजोरी से बाहर नहीं निकल सके। डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.9 फीसदी तक कमजोर हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 1.1 फीसदी तक घट गया। जानकारों के अनुसार चीन की राजकोषीय प्रोत्साहन घोषणा के बावजूद, कमजोर पेराई मार्जिन और खाद्वय तेलों की पर्याप्त व आपूर्ति के कारण आयात मांग कमजोर बनी हुई है। आज सुबह के बाजार की बात करें तो मलेशिया में पाम तेल के भाव मजबूती के साथ कारोबार कर रहे हैं इसलिए हो सकता है कि आज भारत में सरसों के भाव तेज खुलें।

घरेलू तेल और खल के बाजार

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में बुधवार को सुधार आया। सरसों तेल कच्ची घानी के भाव एक रुपये तेज होकर दाम 1,086 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि एक्सपेलर तेल के दाम भी एक रुपये बढ़कर भाव 1,076 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। बात खल के भाव की करें तो जयपुर में सरसों खल के दाम 3,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। पड़ते ना होने के कारण सरसों तेल उत्पादन कमजोर है इसलिए सरसों खल की मांग बढने की संभावना है। दूसरी ओर अन्य पशु खाद्य पदार्थ भी सस्ते नहीं है इसलिये इस समय सरसों खल की डिमांड सामान्य से अधिक है। आने वाले दिनों में खल की मांग के और बढ़ने की संभावना है। खल में यह तेजी नवंबर में केवल 10 से 15 दिन तक ही सीमित रह सकती है

सरसों को रोके या बेचे
घरेलू मंडियों में खरीफ तिलहनी फसलों की आवक लगातार बढ़ रही है, जिससे खाद्वय तेलों की उपलब्धता भी ज्यादा है। वैसे भी खाद्वय तेलों का आयात बढने से घरेलू बाजार में त्योहारी सीजन के दौरान खाद्वय तेलों का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। यद्यपि खपत का सीजन होने के कारण आने वाले दिनों में सरसों के मांग में सुधार आएगा लेकिन इसकी प्राइस/कीमतों में तेजी या मंदी इस बात पर निर्भर करेगी की आयातित खाद्य तेलों की कीमतें क्या रहेगी।  गौर करने वाली बात यह है कि पिछले साल दिवाली के बाद से ही सरसों के भाव में भयंकर गिरावट शुरू हो गई थी। तो किसान साथियो मंडी भाव टुडे का यही मानना है कि किसानों को दिवाली से पहले सरसों को निकालने के बारे में सोचना चाहिए।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट(Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।