गेहूं के बाजार में कल क्या होगा | जाने क्या कहती है बाजार की रिपोर्ट
20 फरवरी से 04 मार्च के बीच के 10-12 दिनों में दिल्ली के बाजारों में गेहूँ की कीमतों में ₹225 की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस समय दिल्ली में गेहूं के भाव 3300 से घटकर 3070 के आसपास रह गए हैं। नए सीजन की आहट को देखते हुए व्यापारियों और स्टॉकिस्टों की मांग घट रही है जिसके चलते बाजार में गिरावट का आना स्वाभाविक है। मध्य भारत में नई फसल की आवक बढ़ रही है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यहां से आगे गेहूं के भाव में चल रही यह नरमी मई अंत तक जारी रह सकती है। गेहूं से जुडी सभी प्रकार की जानकारी और रोजाना भाव पाने के लिए ले हमारी प्रीमियम सर्विस जो केवल 500 रूपये की है 6 महीनो तक की लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे।
सरकारी नीलामी का प्रभाव
सरकार द्वारा ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत गेहूँ की नीलामी लगातार जारी है। पिछले सप्ताह 5 लाख टन गेहूँ की बिक्री हुई, जबकि उससे पहले सप्ताह में 4 लाख टन बेचा गया था। अब तक सरकार द्वारा 13 साप्ताहिक नीलामियों में कुल 25 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की बिक्री की जा चुकी है। गेहूं से जुडी सभी प्रकार की जानकारी और रोजाना भाव पाने के लिए ले हमारी प्रीमियम सर्विस जो केवल 500 रूपये की है 6 महीनो तक की लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे।
भारत सरकार का खरीद लक्ष्य
भारत सरकार ने इस साल 310 लाख मीट्रिक टन गेहूँ खरीदने का लक्ष्य रखा है, जिसमें अकेले पंजाब से 120.5 लाख मीट्रिक टन खरीद की जाएगी। हालांकि, सरकारी नीलामी और नई आवक के कारण बाजार पर दबाव बढ़ रहा है।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में बढ़ती आवक
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूँ की आवक बढ़ने लगी है, जिससे कीमतों पर और दबाव देखा गया है। दिल्ली बाजार में भी पिछले सप्ताह के दौरान ₹125-150/क्विंटल की नरमी देखी गई, क्योंकि नई फसल का दबाव बढ़ रहा है और नीलामी में कम बोली लग रही है।
बढ़ते तापमान का उत्पादन पर प्रभाव
उत्तर प्रदेश में गेहूँ की फसल की स्थिति अच्छी बनी हुई है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ राज्यों में मार्च में बढ़े तापमान के कारण पूरे भारत में गेहूँ के उत्पादन में 2 से 4 मिलियन मीट्रिक टन तक की कमी हो सकती है। इस स्थिति में कुल उत्पादन 93-94 मिलियन मीट्रिक टन तक सीमित रह सकता है, जो किसानों और बाजार के लिए चिंता का विषय बन सकता है। हालांकि मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि पिछले साल के मुकाबले परिस्थितियाँ बेहतर हैं और गेहूं का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा होगा
विदेशी बाजारों की खबर
नेपाल जल्द ही चीन को चक्की आटा निर्यात करना शुरू करेगा, ताकि भारतीय और नेपाली प्रवासियों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। नेपाल ने भारत से गेहूँ के आयात पर 5% शुल्क लगाया है, जबकि ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन से आयात पर यह शुल्क 10% है।
गेहूं मे 200 से 300 रुपये गिरावट सम्भावित
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि यहां से आगे गेहूं के भाव में स्वाभाविक रूप से गिरावट होनी है । इस समय जो भाव मंडियों में चल रहे हैं वहां से कम से कम 200 से 300 रुपये की गिरावट संभावित है। MP की मंडियों से नए गेहूं के भाव 2500 से 2850 तक रहने के समाचार मिले हैं। पिछले दो-तीन दिन से उत्तर भारत कुछ इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है हालांकि मौसम के ठंडा होने का पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल पर कुछ सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकता है। कुल मिलाकर मौसम अनुकूल रहा है और यह कहा जा सकता कि गेहूं का उत्पादन पिछले साल से बेहतर होगा। ऐसे में गेहूं की सप्लाई पिछले साल से बेहतर रहेगी और गेहूं के भाव भी मौजूदा भावों के मुकाबले कमजोर रहने की संभावना है। गेहूं से जुडी सभी प्रकार की जानकारी और रोजाना भाव पाने के लिए ले हमारी प्रीमियम सर्विस जो केवल 500 रूपये की है 6 महीनो तक की लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे। व्यापार अपने विवेक से करें
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।