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सोयाबीन का बाजार क्या दे रहा आवाज | जाने आज मंडियो में सोयाबीन की तेजी मंदी का क्या है रुझान

सोयाबीन का बाजार क्या दे रहा आवाज | जाने आज मंडियो में सोयाबीन की तेजी मंदी का क्या है रुझान
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किसान साथियों, आज हम सोया तेल की मौजूदा स्थिति पर बात करेंगे। ताजा जानकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मिले-जुले रुझान और सोया तेल के आयात-निर्यात के बीच पैदा हो रहे असंतुलन के कारण सोया तेल की कीमतों में हल्की सी मंदी देखने को मिली। अगर हम सोया तेल की साप्ताहिक रिपोर्ट की बात करें, तो पिछले एक सप्ताह में सोया तेल के दामों में अधिक फर्क दिखाई नहीं दिया। घरेलू बाजारों में सोया तेल का कारोबार हल्की तेजी-मंदी के साथ हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में सोया तेल की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई, जिसका प्रमुख कारण विदेशी बाजारों में मिले-जुले रुझान और घरेलू मांग में सुस्ती है। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात की जाए, तो ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सीबीओटी बाजार में सोया तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई, लेकिन अर्जेंटीना में सोया तेल के भाव स्थिर रहे। इस बीच, भारत में सोया तेल के आयात में गिरावट और स्थानीय बाजार में सोयाबीन की आपूर्ति में वृद्धि से भी भावों पर दबाव बना हुआ है। कुछ जानकारों का कहना है कि आगामी दिवाली के त्यौहार को देखते हुए, और ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव का असर सोया तेल के भावों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है। इसके साथ ही, लैंडिंग कॉस्ट में बढ़ोतरी और रेडी भाव में कमजोरी से इम्पोर्ट पर असर पड़ा है, जिससे आयातित और घरेलू तेलों के दामों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। सोया तेल के दामों में तेजी-मंदी और आयात-निर्यात में हो रहे बदलाव के बारे में विस्तार से जानने के लिए आइए पढ़ते हैं आज की यह रिपोर्ट। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

विदेशी बाजारों में रुझान:
दोस्तों, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार की बातें की जाएं, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार स्थिति कुछ उतार-चढ़ाव वाली बनी रही। अमेरिकी सीबीओटी बाजार में पिछले सप्ताह सोया तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि अर्जेंटीना के सोया तेल के भाव स्थिर रहे। चीन के खाद्य तेलों के बाजार में सुधार और तेज मांग के कारण सोया तेल की कीमतों में 0.31% की वृद्धि देखी गई। हालांकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) के दामों में 0.62% की गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं। चीन के बाजार में सोया तेल की मांग में तेजी आई है, लेकिन बाकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है।

आयात-निर्यात में परिवर्तन:
किसान भाइयों, सरकार द्वारा देश में आयात शुल्क बढ़ाने के बाद भी, पोर्ट पर सोया तेल की पर्याप्त आपूर्ति और कमजोर मांग के कारण सोया तेल के दामों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। सोयाबीन की घरेलू आपूर्ति में वृद्धि से किसान लाभान्वित हो सकते हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

क्या रहे आज सोयाबीन के भाव
विदिशा मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3500/4600, गदरवाड़ा मंडी सोयाबीन भाव ₹ 4200/4400, खुराई मंडी सोयाबीन भाव ₹ 4000/4400, खातेगांव मंडी सोयाबीन भाव ₹ 4000/4400, देवास मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3500/4600, सागर मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3800/4400, बीना मंडी सोयाबीन भाव ₹ 4000/4400, अशोकनगर मंडी सोयाबीन भाव ₹ 4000/4500, मंदसौर मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3800/4600, गंज बासोड़ा मंडी सोयाबीन भाव ₹ 4000/4500, बार्शी मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3800/4300, वाशिम मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3800/4450, दर्यापुर मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3500/4300, शिरपुर मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3800/4300, खामगांव मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3500/4550, वेरावल मंडी सोयाबीन भाव ₹ 3700/4450 रूपये का रहा |

स्थानीय मांग में गिरावट:
किसान भाइयों, त्योहारी सीजन होने के बावजूद भी घरेलू बाजारों में सोया तेल की मांग में कमी देखी जा रही है। कांडला पोर्ट पर सोया तेल के भाव में 5-10 रुपये प्रति 10 किलो की गिरावट देखी गई है, जबकि एमपी लाइन के प्लांट्स ने भाव 2-3 रुपये प्रति किलो घटाए हैं। ट्रेडर्स पहले से स्टॉक में हैं, जिससे हाजिर मांग कमजोर बनी हुई है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सरकार की नीतियां:
किसान भाइयों, सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात ड्यूटी बढ़ाए जाने के बाद, खाद्य तेलों के बढ़ते दामों को देखकर ऐसा लग रहा था कि सरकार का यह फैसला गलत साबित होगा, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि सरकार ने यह कदम सोच-समझकर उठाया था। आयात ड्यूटी बढ़ाने की नीति का उद्देश्य था कि घरेलू तेलों के भाव आयातित तेलों से नीचे रहें, ताकि घरेलू किसानों को फायदा हो। इससे इम्पोर्ट डिस्पैरिटी घटकर 1.7 रुपये प्रति किलो तक आ गई है, जो भविष्य में आयातित तेल की कीमतों में स्थिरता ला सकती है।

भविष्य की संभावनाएँ:
किसान भाइयों, जानकारों का अनुमान है कि दिवाली के त्यौहार तक सोया तेल के दामों में बड़ी तेजी की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है। घरेलू बाजारों में थोड़ी-बहुत तेजी-मंदी देखने को मिल सकती है, इसलिए व्यापारी वर्ग को अधिक निवेश न करने की सलाह दी जाती है। मुनाफा वसूली में बढ़ोतरी होने के कारण दामों में स्थिरता बनी रहने की उम्मीद है, और घरेलू बाजार में मांग की स्थिति दिवाली के बाद ही स्पष्ट होगी।

नोट: ऊपर रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और इंटरनेट के माध्यम से इकट्ठा की गई है। प्रतिकूल परिस्थितियों में बदलाव के कारण बाजार में हालात कभी भी बदल सकते हैं। इसलिए आप व्यापार अपने रिस्क एवं विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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