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चना में गिरावट की क्या है वज़ह | दिवाली के बाद कैसे रहेगा बाजार जाने इस रिपोर्ट में

चना में गिरावट की क्या है वज़ह | दिवाली के बाद कैसे रहेगा बाजार जाने इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो चना के भावों में हाल ही में 125 से 150 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट देखी गई है। इसका मुख्य कारण बाजार में चने की कम मांग है। व्यापारियों का मानना है कि सरकार द्वारा केंद्रीय पूल से सस्ता चना बेचने की संभावना और ऑस्ट्रेलिया से आयातित चने के दामों में नरमी आने से भी चने के भावों पर असर पड़ा है। त्योहारी सीजन के खत्म होने के बाद मांग में कमी आना भी एक कारण है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया से नया चना नवंबर-दिसंबर में ही आएगा और घरेलू बाजार में अच्छी गुणवत्ता का चना सीमित मात्रा में बचा है। इस कारण दाल मिलों की मांग में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है।

दालों के बाजार में उतार-चढ़ाव
घरेलू बाजार में देसी चने की मांग अधिक होने के कारण इसका स्टॉक कम होता जा रहा है। नई फसल आने में अभी कुछ समय है, जिससे आने वाले समय में चने के दामों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में दालों के दामों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। मुंबई में कनाडा की पीली मटर के दाम 25 रुपये कम होकर 3,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं, वहीं रसिया की पीली मटर के दाम भी 25 रुपये घटकर 3,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। हालांकि, मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की पीली मटर के दाम 100 रुपये बढ़कर 3,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। भारत में, उत्तर प्रदेश की कानपुर मंडी में देसी मटर के दाम 3,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे हैं। कुल मिलाकर, दालों के बाजार में अभी अनिश्चितता का माहौल है और आने वाले समय में दामों में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।

चना के हाजिर मंडियों के भाव
दिल्ली में राजस्थान लाइन के चना के दाम शाम के सत्र में 150 रुपये घटकर 7,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश लाइन के चना के भाव 125 रुपये कमजोर होकर 7,000 से 7,025 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इंदौर मंडी में काबुली चना का भाव ₹ 11500/13800 रहा और आवक 2200/2300 बोरी की रही। अमरावती मंडी में चना का भाव ₹ 6400/6900 दर्ज हुआ और आवक 200/300 बोरी रही। उज्जैन मंडी में काबुली चना का भाव ₹ 11500/12500 रहा, जहाँ 200 बोरी की आवक हुई। बीना मंडी में चना ₹ 6500/7000 में बिका और आवक 250/300 बोरी रही। अलिराजपुर मंडी में चना का भाव ₹ 7000 पर रहा, जबकि जोबट मंडी में ₹ 6800 में बेचा गया। छतरपुर मंडी में चना का भाव ₹ 6200/6300 रहा और महोबा मंडी में ₹ 6300/6600 दर्ज हुआ। भाटापारा मंडी में चना का भाव ₹ 5500/6200 रहा, जहाँ मंदी 100 की रही और 100 बोरी की आवक हुई। राजकोट मंडी में चना ₹ 6800/7500 में बिका और आवक 700 बोरी की रही। छिन्दवाड़ा मंडी में भी चना का भाव ₹ 6800/7500 दर्ज हुआ। देवास मंडी में काबुली चना ₹ 11000/13100 और ₹ 12500/13800 के भाव पर बिका, जिसमें 700 बोरी की आवक रही। अलवर मंडी में चना ₹ 6650/6700 के भाव पर बिका और मंदी 100 की रही, लेकिन यहाँ आवक 00 कट्टे की रही। जबलपुर मंडी में चना का भाव ₹ 5500/6830 दर्ज हुआ, जहाँ 600 बोरी की आवक रही। ललितपुर मंडी में ₹ 6000/6500 के भाव पर चना बिका और आवक 250 बोरी रही। जयपुर मंडी में चना का भाव ₹ 7150/7200 रहा, जिसमें मंदी 150 की दर्ज हुई। पिपरीया मंडी में चना ₹ 6000/6700 के भाव में बिका और 2000 बोरी की आवक रही। सागर मंडी में ₹ 6200/6800 का भाव दर्ज हुआ और मंदी 100 की रही, जबकि 400 बोरी की आवक हुई। उदगीर मंडी में चना का भाव ₹ 6000/6800 रहा और 100 कट्टों की आवक दर्ज हुई। जाओरा मंडी में चना ₹ 7100/7300 के भाव पर बिका, जहाँ आवक 200 बोरी रही। यहाँ काबुली चना भी ₹ 10000/13400 के भाव पर बिका और आवक 700 बोरी रही। किशनगढ़ मंडी में चना का भाव ₹ 6200/6500 रहा और मंदी 100 की रही, जिसमें 100 बोरी की आवक दर्ज हुई। दमोह मंडी में चना ₹ 6300/6800 के भाव पर बिका, जहाँ मंदी 100 की रही और आवक 1300 बोरी की हुई।

आगे क्या रहेंगे चना के भाव
साथियो देशी चने के उत्पादन में कमी के कारण महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसी प्रमुख मंडियों में चने की आवक में 64-65% तक की कमी देखी गई है। कम उत्पादन के कारण किसान मंडियों में कम मात्रा में चना ला रहे हैं। इसी कारण लॉरेंस रोड पर चने के दाम 7500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे, लेकिन मांग कम होने के कारण यह दाम फिर से गिरकर 7320 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया है। वहीं, काबुली चने के दामों में पिछले दो महीनों से गिरावट देखी गई है। हालांकि, स्थानीय मांग के कारण अंदरूनी महाराष्ट्र में काबुली चने के दाम 98-101 रुपये प्रति किलो तक बने हुए हैं। लेकिन वर्तमान में बाजार में मांग कम होने के कारण दामों में स्थिरता देखी जा रही है। स्टॉकिस्ट भी उच्च दामों पर माल खरीदने से हिचक रहे हैं और अपने मौजूदा स्टॉक को बेचने की कोशिश कर रहे हैं। इस कारण बाजार में खरीद क्षमता कम हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी गुणवत्ता वाले देशी या काबुली चने में लंबी अवधि तक दामों में तेजी आने की संभावना कम है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।