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गेहूं के भाव को लेकर सरकार क्या कर रही मंथन | जाने कैसे चलेगा गेहूं का बाजार

गेहूं के भाव को लेकर सरकार क्या कर रही मंथन | जाने कैसे चलेगा गेहूं का बाजार
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किसान साथियो सरकार ने हाल ही में OMSS के तहत खुले बाजार में गेहूं की बिक्री के लिए टेंडर की मात्रा को बढ़ाकर 5 लाख टन प्रति टेंडर कर दिया है। यह कदम गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे पहले, यह मात्रा डेढ़ लाख टन थी। इस निर्णय के बाद से ही गेहूं के दामों में कुछ गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सरकार इसी तरह नियमित रूप से गेहूं की सप्लाई करती रहे तो आने वाली नई फसल तक गेहूं की कीमतें स्थिर रह सकती हैं। सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में गेहूं का भंडार है, फिर भी उसने खुले बाजार में गेहूं की बिक्री में विलंब किया और समय पर टेंडर की मात्रा में वृद्धि नहीं की। इस कारण मंडियों में गेहूं की कमी हो गई और कीमतें बढ़ गईं और भाव 3350 तक जा पहुंचे लेकिन सरकार ने जब से गेहूं की नीलामी शुरू की है गेहूं का भाव 200 से 250 तक डाउन हो गया है आज दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव 3100 रूपये का खुला है।

सरकार ने गेहूं की तेजी पर लगाया ब्रेक
सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों को देखते हुए 15 जनवरी के पिछले टेंडर से 1000 टन की वृद्धि करते हुए कुल कोटा 6500 टन कर दिया है। पहले देशभर में भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा ओएमएसएस के माध्यम से साप्ताहिक रूप से 1 लाख मेट्रिक टन गेहूं की बिक्री की जा रही थी, जिसे अब बढ़ाकर 1.5 लाख टन कर दिया गया है। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के लिए साप्ताहिक टेंडर कोटा भी बढ़ा दिया गया है। पंजाब को 24,000 टन, उत्तर प्रदेश को 19,000 टन, राजस्थान और हरियाणा को 8,500-8,500 टन, जबकि गुजरात और पश्चिम बंगाल को 8,000-8,000 टन का कोटा आवंटित किया गया है। इससे स्पष्ट है कि सभी राज्यों में पहले की तुलना में कोटा बढ़ा दिया गया है, जिसमें हरियाणा में सर्वाधिक वृद्धि देखने को मिली। हरियाणा में कोटे की वृद्धि के चलते दिल्ली-एनसीआर के अस्थायी बाजार में गेहूं की मिल क्वालिटी 50-60 रुपये की गिरावट के साथ 3270-3275 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। हालांकि, इसके बावजूद गेहूं के भाव में अपेक्षित गिरावट नहीं आई। इसे देखते हुए सरकार ने 28 जनवरी को घोषणा की कि देशभर में साप्ताहिक बिक्री को 1.5 लाख टन से बढ़ाकर 5 लाख टन कर दिया जाएगा। इस निर्णय के प्रभाव से गेहूं के भाव 3050-3060 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे आ गए हैं। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

आगे कैसे रहेंगे गेहूं के भाव
जनवरी के पहले पखवाड़े में गेहूं की कीमतें 3335 से 3340 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास रही थीं। इस साल गेहूं की फसल अच्छी होने का अनुमान था, लेकिन फरवरी के अंत में होने वाले तापमान में वृद्धि जनवरी के मध्य से ही शुरू हो गई है। इस अचानक बढ़े तापमान ने गेहूं की पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। पहले अनुमान के मुताबिक गेहूं का उत्पादन 1160-1165 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद थी, लेकिन अब इस अनुमान में कमी आने की संभावना है। चूंकि नया गेहूं आने में अभी दो महीने का समय है, सरकार ने गेहूं की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए साप्ताहिक टेंडर की मात्रा बढ़ा दी है। हालांकि, बाजार में गेहूं की उपलब्धता सीमित होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव बना हुआ है। इसलिए, व्यापारियों को इस समय गेहूं के व्यापार में सावधानी बरतनी चाहिए और अपनी जरूरत के अनुसार ही गेहूं खरीदना चाहिए। रही बात जिन्होंने स्टॉक कर रखा उनको बता दे की सरकार अब गेहूं के भाव का बढ़ने नहीं देगी जिससे गेहूं का भाव 3000 से 3100 के दायरे में ही घूमता नजर आ सकता है बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।