सोयाबीन के भाव में तेजी के कितने है आसार | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियो सोयाबीन के लगातार गिर रहे दाम किसान भाइयों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है जिस प्रकार से सोयाबीन के दामों में लगातार गिरावट आ रही है और विदेशों में सोयाबीन की बढ़ती पैदावार को देखा जाए तो सोयाबीन के दामों में अभी तेजी की कोई उम्मीद भी दिखाई नहीं दे रही है, अगर बात अपने देश की की जाए तो देश में पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में अच्छी वृद्धि हुई है और फसलों की हालत भी संतोषजनक बताई जा रही है। सोया तेल की बात करें तो विदेशों से सस्ते सोया तेल का विशाल आयात हो रहा है। जबकि किसानों और व्यापारियों के पास सोयाबीन का पुराना भंडारण काफी मात्रा में बचा हुआ है। अगेती बजाई वाली सोयाबीन की फसल की कटाई अगले महीने तीसरे चौथे सप्ताह से शुरू हो जाएगी। इस स्थिति में किसान भाई सोचने पर मजबूर हो गया है कि वह अपने पुराने माल को बेचे या ना बेचे। आज की इस रिपोर्ट में हम ऐसी कुछ बातों का समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे और पता लगाने की कोशिश करेंगे की सोयाबीन के दामों में तेजी की उम्मीद है भी या नहीं आईए जानते हैं हम इस रिपोर्ट में। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
पिछले सप्ताह क्या घटा क्या बढ़ा
साथियो साप्ताहिक रिपोर्ट की बात करें तो पिछले सप्ताह के दौरान तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में 50-100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई और इसका भाव घटकर सरकारी समर्थन मूल्य से बहुत अधिक नीचे आ गया। जिसका सबसे बड़ा कारण कमजोर मांग और विदेशों में सोयाबीन का अधिक उत्पादन बताया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन के बड़े उत्पादन और भारत में सोया तेल के हो रहे सस्ते आयात के कारण दामों में गिरावट का दौर जारी रहा।
सोया तेल बाजार में क्या चल रहा है
देश की विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के दाम 4100 से 4500 रुपए क्विंटल पर अटके हुए है। जिसका असर सोया तेल पर भी पड़ रहा है त्योहारी सीजन होने के बावजूद सोया तेल का बाजार भाव 880-950 प्रति 10 किलो पर रुका हुआ है। बाजार में खाद्य तेलों में आपसी प्रतिस्पर्धात्मक होड़ भी सोया तेल के भाव पर असर डाल रहा है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
इस सीजन कितना उत्पादन हुआ है
विदेशो में इस बार सोयाबीन का उत्पादन बहुत अधिक मात्रा में बताया जा रहा है अकेले अमेरिका में विश्व का 60% सोयाबीन का उत्पादन होता है। इस साल अमेरिका में भी उत्पादन उम्मीद से कहीं अधिक बताया जा रहा है जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोया तेल के भाव में भी काफी गिरावट आई है। वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत में भी फसल के अनुकूल वर्षा होने के कारण पिछले साल की अपेक्षा सोयाबीन का उत्पादन बहुत ज्यादा बताया जा रहा है। जिसके कारण सोयाबीन के दामों में तेजी की उम्मीद नजर नहीं आ रही।
मंडियों और प्लांटों में कितनी आवक हो रही है
अगर देश में सोयाबीन की आवक की बात करें तो जुलाई तक देश में 107 लाख टन सोयाबीन की आवक पूरी हो चुकी है जो पिछले साल की अपेक्षा अधिक है। पिछले साल 99.5 लाख टन की तुलना में अब तक 104.5 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के आंकड़ों के अनुसार किसाने और व्यापारियों के पास 27 .11 लाख टन अभी भी स्टॉक बचा हुआ है। जो सितंबर के मध्य में नई फसल आने तक काफी है। जानकारी के अनुसार अमेरिका से भी अगले महीने से नए माल की आवक शुरू हो सकती है। इसका असर ब्राजील तथा अर्जेन्टीना पर भी देखा जा रहा है। जुलाई महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार से भारत में आयात काफी अधिक मात्रा में हुआ। त्योहारी सीजन होने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गिरते दामों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि अगस्त महीने में भी सोया तेल का आयात काफी मात्रा में होने की उम्मीद है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
सोयाबीन के भाव बढ़ने के कितने है चांस
साथियों किसान और व्यापारियों के पास स्टॉक माल को देखते हुए और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ते हुए उत्पादन को देखकर यही अनुमान लगाया जा रहा है की सोयाबीन के दामों में अभी तेजी की कोई उम्मीद नहीं है। अगर सरकार बचे हुए स्टॉक और बढे हुए उत्पादन को निर्यात के द्वारा खपाने में कामयाब होती है तो कुछ हद तक सोयाबीन के दामों में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन इसके लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सितंबर के मध्य में नई फसल आने की उम्मीद है नई फसल आने पर भी क्वालिटी के आधार पर दामों में तेजी की कुछ उम्मीद जताई जा रही है, सूत्रों के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर के बीच सोयाबीन के भाव बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं, किंतु मौजूदा हालातों को देखते हुए इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में हो रही हलचल के आधार पर तो यही अनुमान लगाया जा रहा है की सोयाबीन के भाव में कुछ और गिरावट आ सकती है। किसान भाई और व्यापारी नई फसल की क्वालिटी के ऊपर सितंबर के अंत में कुछ मुनाफा कमा सकते हैं। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।