सोया बाजार में दिखा पूरे सप्ताह मिला-जुला रुख। क्या मिल रहे हैं आगे के संकेत
किसान साथियों, इस हफ्ते में सोया बाजार में न ठोस तेजी आई, न भारी गिरावट, बल्कि एक तरह की अनिश्चितता और थकावट का माहौल बना रहा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में सोयाबीन की आवक कुछ बढ़ी, जिससे लोकल भावों में हल्का दबाव देखने को मिला, लेकिन राजस्थान जैसे राज्यों में बाजार लगभग स्थिर रहा। किसान अब भी ऊँचे भाव की आस में हैं, जबकि क्रशिंग यूनिट्स कम रफ्तार से काम कर रही हैं। इस बीच, केंद्र सरकार ने 30 मई को क्रूड वेजिटेबल ऑयल्स पर आयात शुल्क 20% से घटाकर 10% कर दिया, जिससे सस्ता तेल बाहर से आ सका और घरेलू तेल उद्योग पर हल्का दबाव पड़ा। हालांकि इससे उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत ज़रूर मिली, लेकिन कच्चे तेल का स्टॉक बढ़ने की वजह से रिफाइनरियां खरीदारी को लेकर सतर्क हो गईं। इसी बीच सोया रिफाइंड तेल की कीमतों में भी मामूली उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। कोटा और मुंबई में ₹5 की गिरावट, हल्दिया में ₹5 की बढ़त और कांडला में ₹15 तक की गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, सोया डीओसी बाजार में सुस्ती बनी रही, क्योंकि न तो निर्यातकों की ओर से भारी डिमांड दिखी और न ही देश में पशु आहार उद्योग से कोई बड़ी खरीदारी निकलकर आई। कई जगहों पर डीओसी के रेट्स में ₹200 से ₹500 प्रति टन तक की गिरावट देखी गई। सोया उत्पादन इस साल 125.82 लाख टन रहा है, जो बीते वर्ष से थोड़ा बेहतर है, लेकिन शुरुआती स्टॉक और आयात की कमी के चलते कुल उपलब्धता घटकर 134.76 लाख टन तक सीमित रह गई है। किसानों और ट्रेडर्स के पास इस समय 22.84 लाख टन स्टॉक बताया जा रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग आधा है, जिससे बाजार में माल की टाइटनेस बनी हुई है। मई तक सोयामील का कुल निर्यात 14.63 लाख टन रहा, लेकिन पशु आहार उद्योग की मांग कमजोर रही क्योंकि BDGS जैसे सस्ते विकल्पों ने बाजार में सेंध लगाई। इसी दौरान वनस्पति तेल आयात भी 11.87 लाख टन रहा जो पिछले साल से करीब 22% कम है, जो संकेत देता है कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, हालांकि बाज़ार का संतुलन अभी भी स्टॉक और मांग पर निर्भर है। कुल मिलाकर यह हफ्ता संभावनाओं और अनिर्णय के बीच झूलता रहा, जहां व्यापारी जल्दबाज़ी से बचते दिखे और किसान भी नमी और बुवाई की तैयारी में व्यस्त नज़र आए। तो चलिए इस सप्ताह सोयाबीन के बाजार में हुए उतार-चढ़ाव और आगे की स्थिति को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट में।
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गिरावट और ठहराव
साथियों, सप्ताह की शुरुआत में जब किसान मंडियों में माल लेकर पहुंचे, तब मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में थोड़ा दबाव दिखा। खासकर सरकारी स्टॉक और किसानों की बिक्री ने मंडियों में आपूर्ति बढ़ाई। इसके साथ ही, जो सबसे बड़ा असर पड़ा वो था सरकार की 30 मई की घोषणा, जिसमें क्रूड श्रेणी के सोया तेल, पाम तेल और सूरजमुखी तेल पर बेसिक इंपोर्ट ड्यूटी 20% से घटाकर 10% कर दी गई। जिसका सीधा असर बाजार में कीमतों पर दिखाई दिया। और कीमतों में हल्की मंदी आई। इसके अलावा राजस्थान की मंडियों में इस दौरान न तो खास तेजी दिखी, न ही बड़ी गिरावट। वहाँ स्थिरता बनी रही, जो इस बात का संकेत है कि व्यापारी अभी किसी बड़ी दिशा का इंतज़ार कर रहे हैं।
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आवक
अगर सोयाबीन की आवक की बात करें तो सोपा (Soybean Processors Association of India) के मुताबिक, अक्टूबर 2024 से मई 2025 के दौरान देशभर की मंडियों में सोयाबीन की कुल आवक 83.50 लाख टन रही, जबकि क्रशिंग घटकर 79 लाख टन रह गई। यह गिरावट बताती है कि मार्केट में प्रेशर है, लेकिन दाम संभलकर चल रहे हैं। लेकिन इसी हफ्ते की शुरुआत में यानी 7 जून को देशभर की मंडियों में करीब 2.20 लाख बोरी (क्विंटल) सोयाबीन की सप्लाई हुई। जो यह दिखाता है कि आवक अभी भी बनी हुई है, और डिमांड के मुकाबले थोड़ा ज़्यादा माल आ रहा है। इसके अलावा 2024-25 के लिए सोपा का अनुमान है कि इस सीजन का कुल उत्पादन बढ़कर 125.82 लाख टन हो गया है, जो पिछले साल से लगभग 7 लाख टन ज़्यादा है। लेकिन वहीं, कुल उपलब्धता घटकर 134.76 लाख टन ही रह गई है, क्योंकि पिछला स्टॉक बहुत कम है और आयात भी इस साल जबरदस्त गिरावट के साथ सिर्फ 0.25 लाख टन ही हुआ है, जबकि पिछले साल 6.25 लाख टन था। साथ ही क्रशिंग के लिए उपलब्ध कुल मात्रा इस बार 122.01 लाख टन है, जो पिछले साल 136.06 लाख टन थी। यानी उत्पादन भले ही बढ़ा हो, लेकिन बाजार में घूमने वाला माल घटा है — जिससे व्यापारी थोड़े दुविधा में हैं कि डिमांड कहां से बनेगी।
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मंडी भाव
अगर फिलहाल सोयाबीन के भावों की बात करें तो कोटा ₹4000–₹4250, अमरावती ₹4000–₹4250, खामगांव ₹4000–₹4350, दर्यापुर ₹3800–₹4100, उदगीर ₹3800–₹4200, लातूर ₹4000–₹4350 मंदी ₹50, मुर्तिजापुर ₹4250–₹4400 मंदी ₹50, सागर ₹3900–₹4250, वाशिम ₹4100–₹4300 स्थिर, और बीदर में ₹3888–₹4260 रुपए प्रति क्विंटल बने हुए हैं। वहीं अगर कुछ सोया प्लांट की कीमतों की बात करें तो महाराष्ट्र सोया प्लांट दीसान ₹4530, तेनंदूरबार ₹4520, सन स्टार ₹4550 और राजस्थान सोया प्लांट शिव एडिबल ₹4300, गोयल प्रोटीन्स ₹4300, महेश एडिबल ₹4675 रुपए प्रति क्विंटल पर बने हुए हैं।
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सोया रिफाइंड की कीमतें
अगर बात करें सोया रिफाइंड तेल की, तो इस सप्ताह इसका रुख भी कुछ मिला-जुला ही रहा, थोड़ी नरमी, ज़्यादा ठहराव। खासकर कोटा और मुंबई में ₹5 प्रति 10 किलो की गिरावट देखी गई। कांडला में ₹15 तक का फर्क आया, जबकि हल्दिया में ₹5 की बढ़त ने माहौल को संतुलित बनाए रखा।
सोया डीओसी
सोया डीओसी (De-oiled Cake) यानी सोयामील के कारोबार में इस सप्ताह थोड़ी सुस्ती देखी गई। क्रशिंग यूनिट्स की रुकी हुई रफ्तार, बीज उत्पादन में घटती मांग, और निर्यात में आई ठंडक — इन तीन कारणों ने मिलकर डीओसी की कीमतों में ₹200 से ₹500 प्रति टन तक की नरमी ला दी। मई 2025 तक सोयामील का कुल निर्यात 14.63 लाख टन रहा, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ी बढ़त दिखाता है। लेकिन जब हम पशु आहार के लिए खपत देखें, तो वहां से बाजार को झटका लगा क्योंकि पिछले साल जहां 15.30 लाख टन खपत हुई थी, इस बार यह घटकर 12 लाख टन रह गई। एक बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि अब BDGS (By-products of Distilleries Grains) का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे सोया डीओसी की डिमांड कम हो रही है। इसके अलावा, घरेलू उपभोग में हल्की सी बढ़त (5.48 से 5.66 लाख टन) दिख रही है, लेकिन ये बढ़त इतनी नहीं है कि क्रशिंग यूनिट्स में रफ्तार लाई जा सके।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।