आ गई है सरसों, चना, सोयाबीन और गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट | जाने किस में आएगी तेजी और किसमे गिरावट
सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों चीन ने अप्रैल के शुरुआती दिनों में ही ब्राज़ील से रिकॉर्ड 2.4 मिलियन टन सोयाबीन आयात कर लिया है, जो उसकी मासिक क्रशिंग का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है। यह बड़ा बदलाव अमेरिका पर लगाए गए भारी 145% आयात शुल्क की वजह से हुआ है, जबकि ब्राज़ील से सोयाबीन पर केवल 8% टैक्स है। इसके अलावा ब्राज़ील में इस साल सोयाबीन की मजबूत फसल, सस्ती CIF कीमतें और बेहतर लॉजिस्टिक व्यवस्था ने चीन को अपनी खरीद ब्राज़ील की ओर मोड़ने को मजबूर कर दिया है। अमेरिका का चीन के सोयाबीन आयात में हिस्सा पहले 38% था, जो अब घटकर 22% रह गया है। चीन अब 'ग्रीन सोर्सिंग' को बढ़ावा देते हुए ब्राज़ील में स्थानीय क्रशिंग यूनिट्स भी विकसित कर रहा है ताकि सप्लाई पर अधिक नियंत्रण बना सके। इस ट्रेंड का असर भारत पर भी पड़ सकता है, क्योंकि अमेरिका अब भारत से आयात शुल्क में नरमी की उम्मीद कर रहा है। चीन और अन्य देशों के साथ चल रहे अमेरिकी टैरिफ वॉर से भारतीय बाजार पर भी असर देखने को मिल रहा है। 2 से 3 दिनों में सोयाबीन का भाव 200 से 250 रुपये तक गिर गया है। आज की बात करें तो महाराष्ट्र सोया प्लांट कीर्ति में 60 रुपये की गिरावट के साथ 4700 पर कारोबार हो रहा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए और गिरावट की उम्मीद कम है क्योंकि 2 से 3 दिनों में सोयाबीन का भाव 200 से 250 रुपये तक टूट गया है, इसलिए अब सोयाबीन में सुधार आने की उम्मीद है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें और रोज़ाना भाव और आगे का अनुमान जानने के लिए जॉइन करें हमारा प्रीमियम व्हाट्सएप ग्रुप । इसका चार्ज मात्र ₹500 छह महीनों के लिए और ₹900 एक साल के लिए है। सिर्फ भाव पूछने के लिए परेशान न करें, जॉइन करने के लिए 9518288171 पर मैसेज करें।
गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियो और व्यापारी भाइयो, इस सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद को लेकर बढ़िया रुझान सामने आ रहा है। खरीद प्रक्रिया अभी चल ही रही है और यह काफी लम्बे समय तक चलने वाली है। आंकड़ों को देखें तो सरकार ने इस साल अब तक कुल 55.43 लाख टन गेहूं खरीदा है, जो पिछले साल इसी तारीख तक की खरीद से 17.19 लाख टन ज्यादा है। सबसे ज्यादा गेहूं मध्य प्रदेश में खरीदा गया है, जहां अब तक 36.24 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जो पिछले साल से 15.56 लाख टन ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में भी इस बार 3.75 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जो पिछले साल से 1.49 लाख टन ज्यादा है। राजस्थान, बिहार और पंजाब में भी खरीद में अच्छा इज़ाफा हुआ है। पंजाब में इस साल अब तक 1.13 लाख टन गेहूं खरीदा गया, जबकि पिछले साल सिर्फ 57 हजार टन ही खरीदा गया था। हालांकि हरियाणा में कटाई लेट चल रही है जिसके कारण अभी तक खरीद ने ज्यादा जोर नहीं पकड़ा है। हरियाणा में 17 अप्रैल तक गेहूं की खरीद 9.06 लाख टन की हुई है, जो पिछले साल से 4.80 लाख टन कम है। कुल मिलाकर, इस साल सरकारी खरीद पहले से काफी तेज चल रही है और कई राज्यों में अच्छी बढ़ोतरी देखी जा रही है। सरकारी खरीद के रुझान को देखकर कहा जा सकता है कि सरकार अपने खरीद लक्ष्य को पूरा कर लेगी जो कि आगे चलकर भाव को कंट्रोल करने में सहायक होगी | बाकी व्यापार अपने विवेक से करें और रोज़ाना भाव और आगे का अनुमान जानने के लिए जॉइन करें हमारा प्रीमियम व्हाट्सएप ग्रुप। इसका चार्ज मात्र ₹500 छह महीनों के लिए और ₹900 एक साल के लिए है। सिर्फ भाव पूछने के लिए परेशान न करें, जॉइन करने के लिए 9518288171 पर मैसेज करें।
चना की तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियो और व्यापारी भाइयो, जैसा कि हमने अपनी कल सुबह की रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि परसों चने में जो तेज़ी देखी गई थी, वह एक अस्थायी उछाल था। आज वही परिदृश्य सटीक रूप से बाजार में दोहराया गया। सुबह के समय देशभर की प्रमुख मंडियों में चना मजबूत दिखा और कई जगहों पर ₹50 से लेकर ₹100 तक की तेजी देखने को मिली थी। विशेष रूप से MP और महाराष्ट्र की मंडियों में चना तेज हुआ। लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा, बाजार का रुख बदल गया। दिल्ली मंडी में चना में लगभग ₹100 की गिरावट दर्ज की गई, वहीं अन्य कई मंडियों में ₹50 से ₹100 तक भाव टूट गए। जलगांव, खामगांव, कटनी, नोहर, भालकी और हनुमानगढ़ जैसे केंद्रों में शाम तक बिकवाली का दबाव बढ़ गया और तेजी सुबह के मुकाबले धराशायी हो गई। इस समय देशभर में चना की आवक बढ़ी हुई है, और सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह पिछले वर्ष की तुलना में 4.05% अधिक है। गंजबसौदा, पिपरिया, इंदौर, हिंगनघाट और अजमेर जैसी मंडियों में आवक भारी रही, जिससे दबाव और बढ़ा है। इसके अलावा, भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया से बड़ी मात्रा में चना आयात किया है। अकेले फरवरी 2025 में भारत ने 2.35 लाख मीट्रिक टन चना आयात किया, जिससे घरेलू आपूर्ति पर असर पड़ा है। इस विदेशी आयात और घरेलू आवक के दबाव के चलते मंडियों में अधिक तेजी टिक नहीं पा रही। हालांकि इतना जरूर कहा जा सकता है कि चना के भाव में ज्यादा गिरावट की गुंजाइश नहीं है। अभी बाजार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के थोड़ा ऊपर या नीचे के स्तर पर चल रहा है। स्टॉकिस्टों और मिलर्स की खरीदी बनी हुई है और किसानों द्वारा माल रोकने की प्रवृत्ति भी नजर आ रही है इसलिए गिरावट होने पर बिकवाल नहीं हैं। बाजार सीमित तेजी मंदी के दायरे में रहने की उम्मीद है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें और रोज़ाना भाव और आगे का अनुमान जानने के लिए जॉइन करें हमारा प्रीमियम व्हाट्सएप ग्रुप। इसका चार्ज मात्र ₹500 छह महीनों के लिए और ₹900 एक साल के लिए है। सिर्फ भाव पूछने के लिए परेशान न करें, जॉइन करने के लिए 9518288171 पर मैसेज करें।
सरसो की तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों सरसों को लेकर हम मंडी मार्केट मीडिया पर अक्सर रिपोर्ट देते रहते हैं हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया था की सरसों का बाजार फंडामेंटल के हिसाब से मजबूत है और हर गिरावट पर खरीद की जा सकती है। हालांकि 6400 के स्तर पर जयपुर में और 6050 के स्तर पर भरतपुर में सरसों की तेजी को रेजिस्टेंस देखने को मिल रहा है। सरसों की आवक कमजोर ही चल रही है। अब सरसों के कमजोर उत्पादन की बात धीरे-धीरे कन्फर्म होने लगी है। यहां से आगे सरसों में बड़ी मंदी की संभावना नहीं है। अब सरसों के बाजार के लिए जो एकमात्र चिंता है वह है विदेशी बाजारों में चल रही है अनिश्चितता । टेरिफ युद्ध के कारण व्यापारियों के मन में शक संदेह चल रहा है। आज विदेशी बाजारों से स्थिरता से लेकर हल्की तेजी के संकेत मिले हैं। घरेलू बाजार में माहौल ऐसा है कि जैसे ही भाव नीचे आते हैं निचले रेट पर प्लांटों की खरीद बढ़ जाती और भाव फिर से उपर चलने लगते हैं। सलोनी प्लान्ट पर सरसों का रेट 6950 का चल रहा है और थोड़ा सा विदेशी बाजारों का सहारा मिलते ही यह 7000 हो सकता है। ओवर ऑल पिक्चर यह है कि जब तक जयपुर में 6400 और भरतपुर में 6050 का स्तर पार नहीं होता तब तक बाजार के सीमित तेजी मंदी के साथ कारोबार करने की उम्मीद है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें और रोज़ाना भाव और आगे का अनुमान जानने के लिए जॉइन करें हमारा प्रीमियम व्हाट्सएप ग्रुप। इसका चार्ज मात्र ₹500 छह महीनों के लिए और ₹900 एक साल के लिए है। सिर्फ भाव पूछने के लिए परेशान न करें, जॉइन करने के लिए 9518288171 पर मैसेज करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।