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भारत के ऑयलमील एक्सपोर्ट में आई गिरावट | सरसों खली पर पड़ा सबसे ज्यादा असर

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किसान साथियो और व्यापारी भाइयो सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-फरवरी महीने में भारत का ऑयलमील निर्यात 39.33 लाख टन रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 44.90 लाख टन था। इस प्रकार, इस वर्ष ऑयलमील के निर्यात में 12.39 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। फरवरी 2024 में कुल ऑयलमील का निर्यात 5.15 लाख टन था, जो फरवरी 2025 में घटकर 3.30 लाख टन रह गया। विशेषज्ञों के अनुसार, रेपसीड मील की विदेशी बाजारों में मांग में कमी और वैश्विक बाजार में सोयाबीन मील की अत्यधिक आपूर्ति के कारण भारत के ऑयलमील निर्यात में गिरावट आई है।  नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव whatsapp पर चाहिए तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

क्या कहते हैं आंकड़े ?
एसईए (SEA) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बताया कि विदेशी बाजारों में मांग कम होने के कारण अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान रेपसीड मील के निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि रेपसीड मील के निर्यात मूल्य में भी भारी कमी आई है, जो एक महीने पहले 270 डॉलर प्रति टन से घटकर 17 मार्च को 190 डॉलर प्रति टन रह गया। जबकि मार्च 2024 में यह मूल्य 285 डॉलर प्रति टन था। भारत ने अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान 16.82 लाख टन रेपसीड मील का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 20.39 लाख टन था, अर्थात 17.53 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी प्रकार, अरंडी के आटे के निर्यात में भी 21.44 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो अप्रैल-फरवरी 2024-25 में घटकर 2.74 लाख टन रह गया, जबकि पिछले वर्ष यह 3.49 लाख टन था। मेहता ने यह भी बताया कि अगस्त 2023 से तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पूर्वी भारत के घरेलू उत्पादकों को भारी नुकसान हुआ है, जिसके कारण स्थानीय मूल्य एक साल पहले के 13,500 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 8,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।  चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

वर्ष 2024-25 के पहले 11 महीनों में सोयाबीन खली का निर्यात लगभग स्थिर रहा। भारत ने अप्रैल से फरवरी 2024-25 तक 19.40 लाख टन सोयाबीन खली का निर्यात किया, जबकि पिछले वर्ष 2023-24 में इसी अवधि में 19.34 लाख टन निर्यात किया गया था। इस स्थिरता का श्रेय जर्मनी और फ्रांस द्वारा किए गए निरंतर आयात को दिया जा सकता है। हालांकि, अक्टूबर से फरवरी 2024-25 के बीच सोयाबीन खली के निर्यात में 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस अवधि में भारत ने 10.31 लाख टन सोयाबीन खली का निर्यात किया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 13.47 लाख टन खली का निर्यात हुआ था। सोया खली की कीमतों में भी गिरावट देखी गई है, जो एक महीने पहले 380 डॉलर प्रति टन थी, अब 360 डॉलर प्रति टन हो गई है। इसका मुख्य कारण विश्व बाजार में अधिक आपूर्ति और कम मांग को माना जा रहा है।

प्रमुख आयातक देश कोन कोन से है
दक्षिण कोरिया ने अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत से 6.14 लाख टन खली का आयात किया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 7.87 लाख टन था। इस आयात में 3.94 लाख टन रेपसीड मील, 1.66 लाख टन कैस्टरसीड मील और 54,156 टन सोयाबीन मील शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारत ने 2024-25 के पहले 11 महीनों में वियतनाम को 2.21 लाख टन ऑयलमील का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष 3.94 लाख टन था। इस निर्यात में 1.87 लाख टन रेपसीड मील, 22,208 टन सोयाबीन मील, 11,283 टन डी-ऑइल राइसब्रान एक्सट्रैक्शन और 3,003 टन मूंगफली मील शामिल हैं। थाईलैंड ने अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत से 4.13 लाख टन ऑयलमील का आयात किया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 6.04 लाख टन था। इस आयात में 3.88 लाख टन रेपसीड मील, 15,879 टन सोयाबीन मील और 8,655 टन मूंगफली मील शामिल है। भारत ने 2024-25 के पहले 11 महीनों में बांग्लादेश को 6.89 लाख टन ऑयलमील का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 7.79 लाख टन था। इस निर्यात में 5.51 लाख टन रेपसीड मील और 1.38 लाख टन सोयाबीन मील शामिल है। इसके अतिरिक्त, केन्या ने अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के दौरान 1.49 लाख टन सोयाबीन मील का आयात किया। विशेषज्ञों के अनुसार, यूरोपीय देश भारतीय सोयाबीन मील के प्रमुख आयातक बन गए हैं, जिन्होंने 2024-25 के पहले 11 महीनों में लगभग 5.95 लाख टन आयात किया।  नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव whatsapp पर चाहिए तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

आगे क्या रह सकता है बाजार
वर्तमान में सोयामील की कीमतें $370-$506 प्रति टन के बीच बनी हुई हैं, जबकि सरसों खली की कीमत $190 प्रति टन तक गिर चुकी है। वैश्विक बाजार में सप्लाई अधिक होने और कमजोर मांग के कारण, निकट भविष्य में ऑयलमील निर्यात पर दबाव बना रह सकता है। अगर मांग में सुधार नहीं हुआ, तो आने वाले महीनों में कीमतें और नीचे जा सकती हैं। इस समय निर्यातकों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। सरसों खली का निर्यात सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जबकि सोयामील को यूरोपीय बाजारों से समर्थन मिल रहा है। केन्या जैसे नए बाजारों की ओर ध्यान देना जरूरी होगा ताकि निर्यात को मजबूती दी जा सके। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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