नोएडा से निकलकर 68 गांव से होते हुए बुलंदशहर तक जाएगा यह 44 किलोमीटर लंबा 6 लेन का एक्सप्रेसवे
दोस्तों उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है, और इसमें गंगा एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में उभर रहा है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर को प्रदेश के अन्य भागों से जोड़ने के साथ औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। 44 किलोमीटर लंबी 6-लेन लिंक रोड नोएडा और बुलंदशहर के 68 गांवों से होकर गुजरेगी |
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गंगा एक्सप्रेसवे को एक प्रमुख परियोजना के रूप में प्राथमिकता दी गई है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बेहद तेज गति से चल रहा है, जिसमें पहले चरण में अधिकांश फ्लाईओवर, अंडरपास और पुलों का निर्माण लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अधिकारियों के अनुसार, आगामी महीने तक मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर और अमरोहा तक इस एक्सप्रेसवे पर यातायात प्रारंभ हो जाएगा। परियोजना की गति बनाए रखने के लिए अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं ताकि निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके।
दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
गंगा एक्सप्रेसवे न केवल मेरठ और प्रयागराज के बीच यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि इसे अन्य प्रमुख एक्सप्रेसवे जैसे यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। इससे दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी, जिससे यात्रियों और व्यापारिक गतिविधियों को अत्यधिक लाभ मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे गंगा नदी के किनारे बसे शहरों और गांवों को प्रदेश के औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्रों से जोड़ने में सहायक होगा।
इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 150 हेक्टेयर भूमि पर मेरठ, हापुड़, बरेली, मुरादाबाद, हरदोई, लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में औद्योगिक गलियारों का विकास किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयां, लॉजिस्टिक्स हब और वेयरहाउस बनाए जाएंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा का समय घटकर केवल 6 से 8 घंटे रह जाएगा, जबकि वर्तमान में इस दूरी को तय करने में 10 से 12 घंटे लगते हैं। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी और यह मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज में समाप्त होगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में तेज और निर्बाध परिवहन संभव होगा। साथ ही, राज्य के कृषि और औद्योगिक उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाने में भी यह मार्ग बेहद उपयोगी साबित होगा।
गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए विशेष रूप से 44 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। यह लिंक रोड नोएडा और बुलंदशहर के कुल 68 गांवों से होकर गुजरेगी, जिससे इन ग्रामीण क्षेत्रों को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। इस लिंक रोड में नोएडा जिले की जेवर तहसील के 7 गांव शामिल हैं, जबकि नोएडा के ही जेवर तहसील के अन्य 3 गांव भी इससे लाभान्वित होंगे। बुलंदशहर जिले की खुर्जा तहसील के 19 गांव, सिकंदराबाद तहसील के 3 गांव, शिकारपुर तहसील के 3 गांव और बुलंदशहर तहसील के 21 गांव इस लिंक रोड के अंतर्गत आएंगे। इसके अलावा, डिबाई तहसील का एक गांव और स्याना तहसील के 12 गांव जैसे सेगाजगतपुर, खाद मोहनगर और थल भी इस परियोजना का हिस्सा होंगे। इस लिंक रोड के निर्माण से जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचना बेहद आसान होगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों को सुगम हवाई संपर्क मिलेगा |
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।