सोयाबीन और सोया तेल के बाजार से आ रही बड़ी अपडेट | सोयाबीन बेचने से पहले ये रिपोर्ट जरूर देख लें
किसान साथियों खाद्य तेलो को लेकर बाजार में प्रतिदिन हलचल का माहौल रहता है अगर सोया तेल की बात की जाए तो पिछले 3-4 दिन के सुधार को छोड़ दिया जाए तो सोया तेल और सोयाबीन का बाजार लगभग दबाव में ही है। त्योंहारी सीजन होने के बावजूद भी सोया तेल बाजार में कुछ खास फर्क नहीं डाल पा रहा। हालांकि पोर्ट पर सप्लाई टाइट होने से सप्ताह के अंत में सोया तेल में 5-10 रुपए प्रति किलो की बढ़त देखी गई थी, लेकिन बावजूद इसके बाजार में कोई खास फर्क नहीं दिखाई दिया। पिछले साप्ताहिक रिपोर्ट में कांडला पोर्ट पर भीड़ भाड़ को देखते हुए हम ने 10 अगस्त तक 2-3 रुपये/किलो की अस्थायी रिकवरी की रिपोर्ट दी थी जो कि लगभग सही साबित होती नजर आ रही है। अगर देखा जाए तो सोया तेल में इस सप्ताह लगभग 3% की गिरावट से सोया तेल पुरे सप्ताह दबाव में ही रहा। सोयाबीन के वैश्विक उत्पादन और घरेलू उत्पादन बढ़ने से सोया तेल में दबाव दिख रहा है। वहीं भारतीय बाजार में भी सोया तेल आयात बढ़ने से बाजार पर इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। हाल के सप्ताहों में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट के बाद पिछले 4-5 दिन में भारतीय सोयाबीन की कीमतों में पिछले कुछ दिनों में रिकवरी हुई। आपकी जानकारी के लिये बता दें कि, अमेरिकी सोयाबीन की कीमतें बड़े वैश्विक भंडार और अमेरिका में अनुकूल फसल मौसम के कारण अभी भी चार साल के निचले स्तर के आसपास बनी हुई हैं। हाल ही में कीमतों में सुधार से और अब फिर वृद्धि की उम्मीद जगी है। हालांकि, अच्छी बुवाई की प्रगति और पर्याप्त कैरीओवर स्टॉक एक दबाव का दृष्टिकोण ही बना रहे हैं। चूंकि सोयाबीन के भाव पहले से ही इतने गिर चुके हैं कि अब बहुत बड़ी गिरावट नहीं लगती। आइए जान लेते हैं बाजार में क्या कुछ चल रहा है।
सोयाबीन के बाजार पर ताजा रिपोर्ट
किसान भाइयों पिछले तीन-चार दिन में सोयाबीन के भाव में₹50 तक का सुधार देखने को मिला है लेकिन फंडामेंटल को देखें तो सोयाबीन में बहुत बड़ी तेजी की गुंजाइश नहीं है अगर पुराने स्टॉक की बात करें तो पुराना स्टॉक भी काफी मात्रा में बचा हुआ है और यदि मौसम अनुकूल रहा तो इस बार उत्पादन पिछले साल की अपेक्षा और अधिक होने की संभावना है। अभी महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट का रेट 4600 हो गया है लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह रेट कब तक रहेगा। दोपहर बाद ही भाव टूटने की संभावना ज्यादा दिखाई दे रही है इसका कारण यह है कि इस साल भी सोयाबीन की बुवाई काफी अधिक बताई जा रही है सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक सोयाबीन की बुवाई 120 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की हो चुकी है इस बार बरसात ने भी बढ़िया साथ दिया है जिसके कारण फसल की पोजीशन भी काफी अच्छी बताई जा रही है खास तौर पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में। इन सब बातों से अनुमान लगाया जा रहा है कि अक्टूबर महीने में बाजार में सोयाबीन की आवक का प्रेसर बनेगा जिससे बाजार और मंदा होने की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं फिलहाल सोयाबीन के भाव एमएसपी से काफी नीचे चल रहे हैं अगर सोयाबीन के रेट एमएसपी को छू लेते हैं तो यह बहुत बड़ी बात होगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और तिलहन की कमजोरी ने भी सोयाबीन पर दबाव बनाया है। मौसम विभाग के अनुसार अगस्त और सितंबर में बारिश औसत से कहीं अधिक होने की संभावना है जिससे आने वाले समय में फसल प्रभावित हो सकती है फिलहाल सोयाबीन में तेजी का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। सप्लाई और डिमांड को देखते हुए सोयाबीन में अभी और गिरावट का अनुमान है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
आगे कैसा होगा सोयाबीन का बाजार
किसान भाइयों अगर हम कृषि जानकारो की माने तो सोयाबीन में अभी दूर-दूर तक बहुत तेजी की कोई गुंजाइश दिखाई नहीं देती।अगर मौसम सामान्य रहा तो सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल से ऊपर जा सकता है और मंदी की संभावनाएं और बढ़ सकती हैं लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अगस्त सितंबर में बारिश औसत से कहीं ज्यादा होने की उम्मीद है यदि ऐसा हुआ तो फसलों में नुकसान की रिपोर्ट से बीच में 100-150 रुपए की रिकवरी आ सकती है प्राप्त जानकारी के अनुसार सोयाबीन में तेजी के आसार सितंबर के अंत से लेकर दिसंबर तक आने की उम्मीद जताई जा रही है फिलहाल बॉटम का अनुमान लगाना मुश्किल है लेकिन यदि मौसम अनुकूल रहा तो 4200 के करीब बॉटम बन सकता है
सोया तेल की ताजा रिपोर्ट
किसान भाइयों सोयाबीन के वैश्विक उत्पादन बढ़ने से सोया तेल पर भी दबाव दिखाई दे रहा है वहीं दूसरी तरफ भारतीय बाजार में भी सोया तेल का आयात बढ़ने से बाजार पर इसका असर पड़ रहा है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार बढ़ते आयात और सीमित डिमांड को देखते हुए 960-970 से ऊपर टिकना मुश्किल लग रहा है अर्जेंटीना और ब्राजील से जहाजों के मैनिफेस्ट को देखते हुए आगे भी सप्लाई ऊँचा बना रहेगा। सोया तेल का आयात जुलाई महीने में 43% बढ़कर 4 लाख टन पर पहुंच गया। अगर ताजा रिपोर्ट की बात करें तो अगस्त और सितंबर में भी आयात बढ़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं त्यौहारी सीजन होने के बावजूद भी सोया तेल का बाजार रफ्तार नहीं पकड़ पाया।जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सोया तेल में तेजी की अभी कोई संभावना नहीं है फिलहाल कांडला सोया तेल 930-960 के दायरे में ट्रेड करता नजर आ रहा है और फिसल कर नीचे 880 तक जा सकता है चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
आगे चलकर सोया तेल में तेजी की कितनी है संभावना
बढ़ते आयात और सिमित डिमांड को देखते हए सोया तेल 960-970 के ऊपर जाना मुश्किल लग रहा है वहीं वैश्विक बाजार और भारतीय बाजार भी सोया तेल में तेजी को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि जो भी लेन-देन करें सावधानी से करें।ऊँचे में फॉरवर्ड महीने का माल लेने में रिस्क है इसलिए तैयार माल लेकर काम करें। अगर तेजी की बात करें तो लम्बी तेजी अब सितम्बर के बाद ही देखने को मिल सकती है जहाँ से दिवाली तक एक बड़ी तेजी की उम्मीद है जिसकी फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि जो भी व्यापार करें, सोच समझ कर और अपने विवेक से करें
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।