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बासमती निर्यात ने तोड़े सारे रिकॉर्ड | अगले सीज़न में क्या रहेगी दिशा दशा

बासमती निर्यात ने तोड़े सारे रिकॉर्ड | अगले सीज़न में क्या रहेगी दिशा दशा
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किसान साथियो वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीने अप्रैल और मई में, देश से बासमती चावल के निर्यात में 16.26% की वृद्धि हुई है, जबकि गैर-बासमती चावल के निर्यात में 32% की भारी गिरावट देखने को मिली है। एपीडा के अनुसार, इस अवधि में बासमती चावल का निर्यात 16.26% बढ़कर 9.65 लाख टन हो गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में यह केवल 8.30 लाख टन था। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करे

अप्रैल और मई में 32 प्रतिशत तक गिरा गैर बासमती चावल का निर्यात
साथियो चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों, अप्रैल और मई में, गैर-बासमती चावल के निर्यात में 32% की भारी गिरावट आई है, जिससे कुल निर्यात केवल 19.35 लाख टन रह गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात 28.46 लाख टन था। व्यापारियों के अनुसार, उत्पादक मंडियों में साठी धान की आवक बढ़ने से बासमती चावल की कीमतों पर दबाव आया था, जिसके कारण हाल ही में बासमती चावल की कीमतों में 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, पुराने धान का स्टॉक अब सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है, इसलिए मौजूदा कीमतों में अब ज्यादा गिरावट आने की संभावना नहीं है।

ताजा मार्किट अपडेट
साथियो उत्तर भारत की उत्पादक मंडियों में सोमवार को पूसा 1,121 स्टीम चावल के भाव 8,500 से 8,700 रुपये और इसके सेला चावल के भाव 7,700 से 7,900 रुपये प्रति क्विंटल रहे। इसी अवधि में पूसा 1,509 किस्म के स्टीम चावल का दाम 7,400 से 7,600 रुपये और इसके सेला चावल का दाम 6,200 से 6,400 रुपये प्रति क्विंटल रहा। पूसा 1,718 किस्म के स्टीम चावल का व्यापार 7,900 से 8,100 रुपये और इसके सेला चावल का व्यापार 7,000 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। इसी तरह पूसा 1,401 किस्म के स्टीम चावल का व्यापार 7,800 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

उत्तराखंड की गदरपुर मंडी में पूसा 1,509 किस्म के साठी धान का भाव 2,550 से 2,670 रुपये, नूरी किस्म के धान का भाव 1,850 से 1,980 रुपये और पीआर 26 किस्म के धान का भाव 1,800 से 1,870 रुपये प्रति क्विंटल रहा। हरियाणा की करनाल मंडी में नए साठी पूसा 1,509 धान के भाव 2,500 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। नए मालों में नमी की मात्रा अधिक है और क्वालिटी हल्की है।

बासमती में आगे क्या है उम्मीद
किसान साथियो अगर पिछले साल के ट्रेंड को देखें तो जुलाई अगस्त में धान के भाव बढ़े थे। लेकिन इस बार बासमती का बाजार इस ट्रेंड को कैसे ही फोलो करेगा इसमे संदेह नजराने लगा है। उत्तर भारत में बारिश ठीक ठाक हो रही है। हालांकि इसे उत्साह देने वाली नहीं कहा जा सकता लेकिन फिर भी ऐसा लगता है कि धान की रोपाई लक्ष्य के हिसाब से हो जाएगी। भाव के सही ट्रेंड की जानकारी तो बुवाई का पूरा आंकड़ा आने के बाद ही स्पष्ट रूप से देना सम्भव होगा। लेकिन कुल मिलाकर बाजार पिछले साल के मुकाबले कमजोर हो रहने के आसार हैं। अगर आने वाले 1-2 हफ्ते में ईरान से कोई बड़ा ऑर्डर मिलता है तो ही बाजार उपर उठ पाएगा। इसकी काफी उम्मीद भी है क्योंकि 22 जुलाई से ईरान की बुकिंग क्लॉज होने की खबर है। अगर जल्दी ही कोई बड़ा ऑर्डर नहीं मिलता है तो बाजार के मामूली तेजी मंदी के दायरे में ही रहने के आसार हैं। बाकी व्यापार अपने विवेक से ही करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।