सरसों में अभी और तेजी बाकी - तेजी मंदी रिपोर्ट
क्या सरसों में अभी और तेजी बची है? - तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियों जैसा कि हम अपनी लगभग हर रिपोर्ट में बताते हैं कि कभी-कभी तेजी के माहौल में जरूरत से ज्यादा तेजी आ जाती है । दिवाली के 1 हफ्ते पहले से ही सरसों में लगातार तेजी बनी हुई है ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरसों में जरूरत से ज्यादा तेजी आ गई है या फिर अभी और तेजी बाकी है । इसका उत्तर जाने के लिए आप को इस रिपोर्ट के हर तथ्य को बारीकी से समझने की जरूरत है। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे
ताजा मार्केट अपडेट
किसान साथियों दुनिया भर में खाद्य तेलों की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका से घरेलू बाजार में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सरसों के भाव में तेजी बनी रही। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये तेज होकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। भरतपुर में सरसों के भाव ₹30 तेज होकर 6580 और दिल्ली लारेंस रोड पर सरसों के भाव ₹50 तेज होकर ₹6600 प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। ब्रांडेड कंपनियों की बात करें तो सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव ₹50 तेज होकर 7500 के स्तर पर पहुंच गए। गोयल कोटा प्लांट पर भी सरसों का अंतिम भाव ₹6800 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। ये भी पढे :- सरसों जाएगी 7000 पार - तेजी मंदी रिपोर्ट 01 Nov 22
हाजिर मंडियों की अपडेट
हाजिर मंडियों में सरसों के भाव की बात करें तो राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों के भाव 6450, रावतसर में सरसों का रेट 6523 संगरिया मंडी में सरसों का रेट 6381 श्री गंगानगर मंडी में सरसों का रेट 6591 रायसिंहनगर मंडी में सरसों का भाव 6501 खैरथल में 42 लैब सरसों का भाव ₹6600 सादुलपुर में सरसों का रेट 6100 पदमपुर मंडी में सरसों का रेट 6220 रावला मंडी में सरसों का रेट 6075,अनूपगढ़ मंडी में सरसों का भाव 6425 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया हरियाणा की मंडियों की बात करें तो ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 6368, आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 6370, बरवाला मंडी में सरसों का रेट 6250 और चरखी दादरी मंडी में कंडीशन सरसों का रेट ₹6500 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया ये भी पढे :- देखें आज के सरसों के लाइव रेट Sarso Live Rate Today 01 Nov 2022
सरसों तेल के ताजा भाव
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को एक-एक रुपये तेज होकर भाव क्रमशः 1444 रुपये और 1434 रुपये प्रति 10 किलो हो गई। हालांकि सरसों खल की कीमतें 2525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। सरसों के भाव में लगातार तेजी होने के कारण किसान और स्टॉकिस्ट अपना माल निकाल रहे हैं जिसके चलते निकल रहे हैं जिसके चलते सरसों की दैनिक आवक 3 लाख बोरियों के उपर बनी हुई है।
तेजी के मुख्य कारण
सरसों के भाव की चाल को समझने के लिए तीन चीजों पर ध्यान देना जरूरी है । पहली तो यह कि विदेशी बाजारों में लगातार तेजी का माहौल बना हुआ है। इसका बड़ा कारण है कि रूस काला सागर के अनाज निर्यात सौदे से पीछे हट गया है जिसके कारण खाद्य तेलों की आपूर्ति बाधित होने का डर बन गया है । यही बड़ा कारण है कि विदेशी बाजारों में बाजार में लगातार दूसरे दिन खाद्य तेलों के भाव में तेजी बनी रही। दूसरा बड़ा कारण यह है कि सर्दियों का मौसम घरेलू बाजार में सरसों तेल की डिमांड का सीजन होता है इसलिए घरेलू बाजार में सरसों तेल में मांग बनी रहने की उम्मीद है इसलिए सरसों की कीमतों में अभी ज्यादा मंदे की उम्मीद नहीं है। ये भी पढे :- 1121 धान का भाव आसमान को छूता हुहा देखे आज दोपहर तक के ताजा मंडी भाव 01 november 2022
तीसरी बड़ी वजह को देखे तो तेल तिलहन को लेकर सरकारी रवैए में सुधार देखने को मिल रहा है। एक तरफ तो सरकार सरसों की स्टॉक लिमिट हटाने की बातें कर रही है दूसरी तरफ वायदा बहाल करने पर भी विचार चल रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल जब सरसों पर स्टॉक लिमिट लगायी गयी थी उस दिन सरसों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। अब यदि स्टॉक लिमिट हटती है और सरसों मे वायदा कारोबार फिर से शुरू होता है तो यह सरसों में और तेजी लाने मे कारगर सिद्ध हो सकता है।
विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजारों की बात करें तो मलेशिया मे BMD पर जनवरी डिलीवरी के वायदा अनुबंध में पाम तेल की में 187 रिगिट यानी 4.61 प्रतिशत की तेजी आकर भाव 4,241 रिगिंट पर प्रति टन हो गए। पॉम तेल के भाव में 25 अगस्त के बाद अपना उच्चतम स्तर छुआ । शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) पर सोया तेल की कीमतें 0.7 प्रतिशत ऊपर रहीं । डालियान में सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 2.4 प्रतिशत तेज हो गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 4.9 प्रतिशत बढ़ा।
रोके या बेचें
किसान साथियों आज पाम तेल में आयी बड़ी तेजी को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है कि जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव आज 7000 के लेवल को पार कर सकते हैं। डिमांड का सीजन होने के कारण सरसों की मांग बने रहने का अनुमान है। ऐसे में कोई बड़ी मंदी नजर नहीं आती। सरसों की चाल मोटे तौर पर विदेशी बाजारों की तेजी मंदी पर ही निर्भर कर रही है। चूंकि विदेशी बाजारों में तेजी का माहौल बना हुआ है इसलिए सरसों में फिलहाल मंदी की गुंजाइश कम है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।