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भारतमाला परियोजना के तहत बिहार में बनेगा नया एक्सप्रेस-वे | जमीन के भाव बनेंगे रॉकेट

भारतमाला परियोजना के तहत बिहार में बनेगा नया एक्सप्रेस-वे | जमीन के भाव बनेंगे रॉकेट
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बिहार में 6 लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण: एक ऐतिहासिक पहल

किसान भाइयों, अन्य राज्यों की तरह अब बिहार में परिवहन प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य में पहली बार 6 लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जो राज्य की जनता के लिए बड़ी खुशखबरी साबित हो सकता है। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को तेज और सुगम बनाएगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी कम करेगा। इस परियोजना का लक्ष्य बिहार के विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ना और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करना है। एक्सप्रेसवे की शुरुआत आमस और दरभंगा के बीच 189 किलोमीटर लंबे मार्ग पर होगी, जो राज्य के सात जिलों और 19 प्रमुख शहरों को जोड़ेगा। यह सड़क परिवहन के क्षेत्र में एक नया बदलाव लेकर आएगी, जिससे यात्रा की गति बढ़ेगी और लोगों को व्यापार और अन्य गतिविधियों में तेजी से फायदा होगा। आईए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे की क्या-क्या खासियत है और कब इस पर काम शुरू होगा और कब तक यह पूरा हो जाएगा और इससे बिहार के लोगों को कितना फायदा होगा इन सब बातों पर विस्तार से जानने के लिए चलिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

बिहार का पहला सुपर हाईटेक एक्सप्रेसवे

किसान साथियों, आधुनिक परिवहन प्रणाली के रूप में बिहार के आमस और दरभंगा के बीच बनने वाला यह एक्सप्रेसवे एक ऐतिहासिक परियोजना है। यह राज्य का पहला ऐसा मार्ग होगा, जिसमें छह लेन होंगे और जिसे पूरी तरह से एक्सेस-कंट्रोल्ड (access-controlled) बनाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि इस मार्ग पर प्रवेश और निकासी केवल विशेष स्थानों से ही हो सकेगी, जिससे सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यात्रा को सुविधाजनक बनाया जाएगा, बल्कि यह बिहार के उत्तर और दक्षिण हिस्सों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगा। इससे लोगों को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के बीच यात्रा करने में काफी समय की बचत होगी।

भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेसवे निर्माण

साथियों, आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत हो रहा है। भारतमाला योजना का उद्देश्य पूरे देश में एक मजबूत और उच्च गुणवत्ता वाली सड़क नेटवर्क तैयार करना है, ताकि राजस्व और व्यापार में वृद्धि हो सके। यह परियोजना 2017 में शुरू की गई थी और इसके तहत विभिन्न राज्यों में हाईवे, इकोनॉमिक कॉरिडोर और एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। अब भारतमाला योजना के तहत बिहार में इस परियोजना के अंतर्गत बनने वाला यह एक्सप्रेसवे राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे न केवल राज्य के भीतर यात्रा की गति तेज होगी, बल्कि देशभर से व्यापार और पर्यटकों के लिए बिहार को एक आकर्षक स्थान भी बना देगा।

यात्रा की गति में सुधार और सुरक्षा

साथियों, इस एक्सप्रेसवे के डिज़ाइन में सुरक्षा और यात्रा की गति को सर्वोपरि माना गया है। चूंकि यह मार्ग एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा, इसलिए केवल निर्धारित स्थानों से ही गाड़ियों का प्रवेश और निकासी संभव होगा। इससे सड़क पर दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी और यातायात का प्रवाह सुचारू रहेगा। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से एक सुपर हाईटेक हाईवे होगा, जिसमें वाहनों को बिना किसी रुकावट के तेज गति से दौड़ने की सुविधा मिलेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि यात्री बिना किसी अवरोध के अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंच सकें, चाहे वह व्यापारिक यात्रा हो या व्यक्तिगत। सभी प्रकार के लोग इसका फायदा उठा सकेंगे।

सात जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा

किसान भाइयों, आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण बिहार के सात जिलों और 19 प्रमुख शहरों को जोड़ने का कार्य करेगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए आमस, रामनगर, गुरारू, पंचानपुर, बेला, बहुआरा, शाहपुर बधौनी, ताजपुर, शिव नंदनपुर और दरभंगा जैसे शहरों को आपस में जोड़ा जाएगा। इससे इन क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक विकास तेज़ी से होगा, और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही, इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से व्यापारिक गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी। बिहार के विभिन्न हिस्सों में व्यापार के बेहतर अवसर मिलेंगे और राज्य के व्यापारिक केंद्रों के बीच संपर्क मजबूत होगा।

बिहार के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार

दोस्तों, यह एक्सप्रेसवे बिहार के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को एक नया रूप देगा। इससे राज्य में व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के भीतर यात्रा अधिक सुगम होगी। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को घटाएगा, बल्कि लोगों को विभिन्न शहरों के बीच तेज़ और सुरक्षित यात्रा करने का विकल्प भी उपलब्ध कराएगा। उम्मीद की जा रही है कि यह एक्सप्रेसवे 2025 तक पूरा हो जाएगा, और इसके निर्माण से राज्य की सड़क परिवहन की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। इससे बिहार के कई छोटे और बड़े शहरों को एकजुट करने के साथ-साथ बाहरी दुनिया से भी जुड़ने में मदद मिलेगी।

पड़ोसी राज्यों से प्रेरणा

किसान भाइयों, बिहार के लिए यह एक्सप्रेसवे एक बड़ी सफलता की दिशा में एक कदम है, खासकर तब जब पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में पहले ही कई एक्सप्रेसवे बन चुके हैं। अब बिहार इस परियोजना के जरिए उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से समानता की ओर बढ़ रहा है। इस प्रकार, यह परियोजना बिहार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत सड़क नेटवर्क में शामिल करेगी, जो राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस परियोजना से बिहार में उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी जिससे वहां के उद्यमियों को ट्रांसपोर्ट के मामले में काफी आसानी होगी।

भारतमाला परियोजना की भूमिका

साथियों, भारतमाला परियोजना के तहत, केंद्र सरकार ने हाईवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई है, ताकि देशभर में बेहतर रोड कनेक्टिविटी स्थापित की जा सके। इस योजना के तहत केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य देश के सभी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय राजमार्गों को एक दूसरे के साथ इस प्रकार से कनेक्ट करना है कि पूरे देश में परिवहन कार्य बिल्कुल आसान हो जाए। आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे इस परियोजना का हिस्सा है और यह बिहार के विकास के लिए एक अहम कड़ी साबित होगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य में आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी, और बिहार राज्य भी देश के अन्य विकसित राज्यों के बराबर पहुँच सकेगा।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।