ज्यादा तापमान में भी बढ़िया उगेगा आपका गेहूं | बस देख लें ये जरूरी जानकारी
गेहूं की बिजाई में बढ़े तापमान का असर और उससे बचने के उपाय
दोस्तों किसान साथियों इस साल गेहूं की बिजाई के लिए अपेक्षित औसत तापमान 22°C होना चाहिए था, लेकिन इस बार तापमान 24°C तक बढ़ चुका है। इस बदलाव के कारण, गेहूं की बुआई का समय थोड़ा प्रभावित हुआ है और इसका असर फसल पर भी पड़ सकता है। आमतौर पर, जब तापमान सामान्य से अधिक होता है, तो गेहूं के बीज जल्दी उगने लगते हैं, जैसा कि इस साल देखा गया है। खेतों की तैयारी भी पूरी नहीं हो पाई है और पानी की कमी भी महसूस हो रही है। ऐसे में, यह सवाल उठता है कि इस बढ़े हुए तापमान का गेहूं की फसल पर क्या असर होगा और इसको कैसे रोका जा सकता है।
तो दोस्तों तापमान ज्यादा होने के कारण गेहूं की फसल पर असर जरूर पड़ेगा। अगर तापमान बहुत बढ़ जाता है, तो गेहूं के पौधे की वृद्धि में कमी हो सकती है और फुटाव (उगना) भी सही से नहीं हो पाएगा। इस साल, कुछ जगहों पर बुआई के बाद ही पांचवे दिन गेहूं उगने लगा है, जो सामान्य से ज्यादा तेज़ है। यह संकेत देता है कि तापमान के कारण बीज जल्दी अंकुरित हो रहे हैं, लेकिन इससे फसल की स्थिरता पर असर पड़ सकता है, क्योंकि पूरी तरह से तैयार खेतों में ही अच्छी वृद्धि हो सकती है। इस प्रकार के मौसम में, अगर पौधे जल्दी उगते हैं और सही तरीके से जड़ें नहीं बन पातीं, तो भविष्य में उपज पर विपरीत प्रभाव हो सकता है।
पानी का प्रबंधन
सबसे पहली बात यह है कि गेहूं की फसल को समय पर पानी देना जरूरी है, लेकिन पानी की मात्रा कम रखें। यदि आप पानी ज्यादा देते हैं, तो इससे खेत की मिट्टी दब जाएगी और गेहूं के पौधे की वृद्धि पर असर पड़ेगा। गेहू दब जाता है क्यारी (खेत की लकीरें) भर जाने के बाद, यह ध्यान रखें कि पानी की मात्रा बढ़ी हुई ना हो। जब आप क्यारी खोलते हैं, तो वहां से दूसरे हिस्से में पानी निकालने की कोशिश करें, ताकि जरूरत से ज्यादा पानी ना रहें। यह सुनिश्चित करे कि पानी सही तरीके से मिट्टी में समाहित हो और गेहूं के पौधों को सही मात्रा में पानी मिल सके।
पोषक तत्वों का सही प्रबंधन
कभी-कभी गेहूं की फसल में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसका असर उसके विकास पर पड़ता है। तापमान ज्यादा होने की वजह से पौधों में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे फुटाव में कमी आ सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए, कुछ विशेष सूक्ष्म पोषक तत्वों का स्प्रे करना फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आप निम्नलिखित पोषक तत्वों का इस्तेमाल कर सकते हैं:
- जिंक सल्फेट (33%) – 700 ग्राम
- फेरस सल्फेट (लोहा) – 500 ग्राम
- मैंगनीज सल्फेट – 500 ग्राम
- मैग्नीशियम सल्फेट – 1 किलो
- यूरिया – 1 किलो
इन सभी को अलग-अलग घोल बनाकर स्प्रे किया जा सकता है। इस स्प्रे से पौधों को जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे और इससे न सिर्फ फुटाव में सुधार होगा, बल्कि पत्तियों का पीलापन भी ठीक हो सकता है। यह उपाय पौधों को ठीक से विकसित होने में मदद करेगा और विकास की गति को बढ़ाएगा।
कम लागत वाला प्रभावी फार्मूला
दोस्तों आज कल DAP नहीं मिल पा रहा है मिल भी रहा तो बहुत महंगा पड़ रहा है ऐसे मे यह फार्मूला महंगा नहीं है, बल्कि बहुत सस्ता और असरदार है। मात्र 200 से 250 रुपये में तैयार किया गया फार्मूला पौधों के विकास में सहायक होता है और यह पूरी तरह से काम करता है। इस फार्मूला का प्रयोग करके आप गेहूं की फसल के फुटाव को बढ़ा सकते हैं और फसल को हरियाली से भर सकते हैं। साथ ही, यह आपके खेतों में पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा करेगा।
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।