गेहूं में पहली सिंचाई कब करें ताकि उत्पाद ज्यादा हो सके देखे पूरी जानकारी इस रिपोर्ट मे
किसान साथियों आज हम बात करेंगे कि गेहूं में पहली सिंचाई कब करें ताकि उत्पाद ज्यादा हो सके क्योकि गेंहु की फसल में सिचाई का एक बड़ा महत्वपूर्ण रोल होता है क्योकि सिचाई कम या ज्यादा करने से गेहू कि पैदावार मे 3 क्विंटल तक कि कमी आ सकती है और अगर ठीक से सिचाई कि जाए तो बढ़ भी सकती है अगर आप सिचाई ज्यादा कर देते हो तो गेहू कि पत्तियों में पीलापन आ जाता है इसी लिए गेहूं मे पहला सिचाई गेहूं की दशा और दिशा दो बदल देती है इसके साथ हम आप को बताएंगे की कौन कौन सी खाद का प्रयोग करना चाहिए जिससे की गेहू कि फसल मे फुटाव ज्यादा हो WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
किस भूमि में कैसी सिंचाई करनी चाहिए
साथियों सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार करना चाहिए जैसे जल निकास का प्रबंधन करना और समतल भूमि में गेहूं की बिजाइ करना चाहिए गेहू की फसल में सिचाई अलग अलग भूमि के हिसाब से होती है यानी के हल्की भूमि जैसे रेतीली ,रेतीली दोमट , बलुई दोमट भूमि पर जल्दी जल्दी सिचाई की जरुरत होती है लेकिन काली भूमि ,काली दोमट ,चिकनी दोमट भूमि पर थोडा अंतर को बढाकर सिचाई करना है गेहूं की अक्टूबर में बुवाई करने से अंकुरण जल्दी हो जाता है और मौसम में गर्मी रहने से भूमि जल्दी सूखने लगती है लेकिन 15 नवम्बर आते आते मौसम में ठंड हो जाती है जिसके कारण अंकुरण थोडा धीरे होता है कुछ भूमि तो एसी होतो है जो पानी को लम्बे समय तक पकड़कर रखती है और कुछ भूमि एसी होती है जिसमे 7 से 8 दिन में पानी खत्म हो जाता है तो सिचाई आवश्यकता अनुशार करे ओर आपको समतल सिंचाई करनी है यह भी पढ़े :- दिवाली के बाद कैसा रहेगा बासमती धान का बाजार, जानें इस रिपोर्ट में
गेहूं में पहली सिंचाई कब करनी चाहिए
साथियों अगर आप ने अक्टूबर मे बिजाइ की है तो 18 से 22 दिनों के बाद पहला पानी देना चाहिए अगर आप नवम्बर मध्य पर बुवाई करते है तो 25 से 26 दिन का अंतर रखकर पहला पानी देना चाहिए क्योंकि तब तक गेहूं की फसल में 2 से 3 पत्ती आ जाती है तब जड़ो के ऊपर गाथ बन जाती है जिसे हम क्राउन कहते है उसी क्राउन से नयी जड़े आती है जिससे ज्यादा फुटाव भी देखने के लिए मिलती है उसी समय क्राउन रूट इनिशियल स्टेज कहते है उसी समय पानी देना बहुत जरुरी होता है यदि किसान हम अपने खेत पर अपनी गेहूं की फसल पर समतल सिचाई करेंगे और उसी समय हम सूक्ष्म पोषक तत्व, समुद्री शैवाल दृढ़ जिंक और यूरिया की पूर्ति करेंगे तो हमारी फसल में एक बढ़िया अच्छी पदावार मिलती है
नोटः दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इन्टरनेट के विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। किसी भी सलाह को प्रयोग में लाने से पहले अपने नजदीकी कृषि सलाह केंद्र से सलाह जरूर ले लें
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।