धान मे आखिरी सिंचाई कब करें | सही समय का 90% लोगों को नहीं पता
किसान भाइयों आज हम बात करेंगे धान की फसल में सिंचाई के आखिरी समय के बारे में। अक्सर देखा जाता है कि ज्यादातर किसान भाई धान की फसल में बालियां आने के बाद सिंचाई रोक देते हैं, लेकिन उनको यह नहीं पता होता कि इससे उनकी फसल के उत्पादन पर बहुत अधिक असर पड़ता है। धान की फसल में आखिरी सिंचाई का सही समय और प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। अगर इस समय किसान सही तरीके से पानी का प्रबंध नहीं करते हैं तो इसका सीधा असर फसल की गुणवत्ता और पैदावार पर पड़ सकता है। सही समय पर पानी बंद करना,मौसम और मिट्टी का ध्यान रखना और पानी का सही स्तर बनाए रखना ही सफल खेती का मूल मंत्र है। आज की रिपोर्ट में हम आपको धान की फसल में आखिरी सिंचाई के बारे में कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिन्हें अपना कर किसान भाई अपनी धान की फसल से बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। धान की फसल के पूरे विकास के दौरान सिंचाई का बहुत महत्व है, लेकिन आखिरी सिंचाई का सही समय और तरीका विशेष ध्यान देने योग्य होता है। सही समय पर की गई सिंचाई न केवल फसल की गुणवत्ता को बढ़ाती है, बल्कि पैदावार को भी सुधारती है। इसलिए आज की रिपोर्ट के माध्यम से आइए जानते हैं कि आखिरी सिंचाई कब और कैसे करनी चाहिए ताकि हमें अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।
धान की फसल में सिंचाई प्रबंधन
किसान भाइयों धान की फसल की सिंचाई पूरे फसल काल के दौरान आवश्यक होती है, क्योंकि पानी की सही मात्रा से ही पौधों को उचित पोषण मिलता है। खासकर, जब फसल पकने की अवस्था में होती है, तब पानी का प्रबंधन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर इस समय पानी की कमी या अधिकता हो जाए, तो फसल की गुणवत्ता और पैदावार दोनों प्रभावित होते हैं। सही समय पर सिंचाई करने से पानी की बचत होती है। और पौधों को आवश्यक नमी मिलती है। अगर आप अपनी फसल में समय पर सिंचाई करते हैं तो आपकी फसल में कीट और रोगों से बचाव होता है। और फसल की कटाई में आसानी होती है।
आखिरी सिंचाई का सही समय
किसान साथियों धान की फसल में अगर आगरी सिंचाई की बात की जाए तो, जब धान की फसल लगभग पकने के करीब होती है, तो उस समय आखिरी सिंचाई का सही समय पहचानना महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए ध्यान देने वाली कुछ मुख्य बातें हैं:
1.साथियों जब धान के दाने लाल या सुनहरे रंग में आने लगते हैं और बालियां नीचे की तरफ झुकने लगती हैं, तब यह संकेत होता है कि फसल लगभग तैयार हो चुकी है।
2.किसान भाइयों जब आपको लगे कि आपकी फसल के 90-95% दाने पकने की अवस्था में आ गए हैं, तब आखिरी सिंचाई की योजना बनानी चाहिए।
3.किसान भाइयों धान की फसल में आखिरी सिंचाई धान की कटाई से लगभग 12 से 15 दिन पहले बंद कर देनी चाहिए। इससे खेत अच्छे से सूख जाएगा और कटाई में कोई कठिनाई नहीं आएगी।
4.किसान भाइयों धान की फसल में आखिरी सिंचाई का समय निश्चित करते समय आपको मौसम और मिट्टी की स्थिति का ध्यान रखना जरूरी होता है। यदि बारिश की संभावना है, तो खेत में अतिरिक्त पानी न लगाएं, क्योंकि इससे फसल गिर सकती है और कटाई के समय दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा, खेत की मिट्टी का प्रकार भी ध्यान में रखना चाहिए। बलुई मिट्टी में पानी जल्दी सूख जाता है, इसलिए यहां आखिरी सिंचाई अधिक समय तक करनी चाहिए। दोमट मिट्टी में नमी को बनाए रखने की क्षमता होती है, इसलिए यहां थोड़ा अधिक समय तक सिंचाई कर सकते हैं चिकनी मिट्टी पानी को अधिक समय तक बनाए रखती है, इसलिए यहां अंतिम सिंचाई जल्दी बंद करना बेहतर होता है।
5.पानी का स्तर और नमी का प्रबंधन
किसान भाइयो आखिरी सिंचाई के समय पानी का स्तर सही बनाए रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि पानी की मात्रा अधिक हो जाती है तो फसल गिरने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे पैदावार में कमी आ सकती है। साथ ही, कीटों का हमला, जैसे हॉपर, इस स्थिति में अधिक होता है, जिससे फसल की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। इसलिए आखिरी सिंचाई के बाद खेत में केवल नमी बनी रहनी चाहिए, ताकि फसल पक सके और खेत आसानी से कटाई के लिए तैयार हो सके।
सावधानियां
1.बारिश का ध्यान: अगर बारिश की संभावना है, तो खेत में अतिरिक्त पानी न लगाएं। इससे फसल गीली हो जाएगी और कटाई में परेशानी आएगी।
2.फसल गिरने का खतरा: ज्यादा पानी फसल को कमजोर कर सकता है, जिससे पौधे गिर सकते हैं और कीटों का हमला बढ़ सकता है।
3.नमी का सही प्रबंधन: खेत में नमी बनी रहनी चाहिए, लेकिन पानी अधिक न हो, ताकि फसल स्वस्थ रहे और समय पर कटाई हो सके।
नोट: दोस्तों को रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और इंटरनेट के माध्यम से इकट्ठा की गई है। किस संबंध किसी भी जानकारी के लिए किसान भाई कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अवश्य लें और निर्णय अपने विवेक और सूझबूझ से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।