RH 725 से 14% ज्यादा सरसों उत्पादन देने वाली वैरायटी आ गई है | जाने पूरी डिटेल्स
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार(एचएयू) के वैज्ञानिकों ने सरसों की काफी पुरानी और विश्वसनीय वैरायटी RH 725 का अपडेट वर्जन तैयार कर दिया है। सरसों की इस वैरायटी का नाम है RH 1424। यह किस्म हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और जम्मू के किसानों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है। इसका उत्पादन RH 725 से 14 प्रतिशत अधिक है। अगर इन दोनों की हाइट की बात की जाए तो यह है वैरायटी RH 725 से हाइट में थोड़ी कम है, इसकी उत्पादन क्षमता 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की है । यह किस्म बराने क्षेत्र के लिए तैयार की गई है। यह कम सिंचाई वाले क्षेत्र में अधिक उत्पादन देने में सक्षम किस्म है। लेकिन आप इसकी बिजाई हर प्रकार की मिट्टी में कर सकते हो। यह हाइब्रिड वैरायटी नहीं है, यह एक रिसर्च वैरायटी है, जिसका बीज आपको एक बार लेने के बाद दोबारा लेने की आवश्यकता नहीं है, आप चार-पांच साल तक इस बीच को उपचारित करके बिजाई कर सकते हैं। सरसों की किस्म RH 1424 के बारे में विस्तार से जानने के लिए आई पढ़ते हैं यह रिपोर्ट। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
विशेषताएं:
उपज:
विश्व वैरायटी की उत्पादन औसत 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ हैं। अगर इसकी उत्पादन क्षमता की बात करें तो यह 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हैं, जो अन्य किस्मों की तुलना में अधिक है। अगर इसकी फ्लावरिंग की बात करें तो इसमें 40 से 50 दिन में फूल जाते हैं और 135 से 140 दिन में पक कर तैयार हो जाती है।
फायदे:
सरसों की वैरायटी में तेल की मात्रा: 40 % होती है जो इसकी उत्तम गुणवत्ता की पहचान कराती है। यह वैरायटी उच्च गुणवत्ता वाला तेल प्रदान करती है। इसमें तेल की मात्रा अधिक के कारण अन्य वैरियटयों के मुकाबले किसानों को इसका भाव भी अच्छा खासा मिल जाता है। यह वैरायटी पाले के प्रति सहनशील है, जो खराब मौसम में भी अच्छी उपज देती है। इसकी फलिया काफी लंबी होती हैं और दानो आकार बड़ा होता है, जो वजनदार होने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले बीज प्रदान करते हैं। इसमें फसल में खर्च भी बहुत कम आता है। इस वैरायटी में बहुत कम सिंचाई की आवश्यकता होती है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलता है और किसने की आमदनी में इजाफा होता है।
बुवाई का समय:
सरसों की इस किस्म की बिजाई का सही समय सितंबर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक होता है। बारानी क्षेत्रों में बुवाई 25 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच और सिंचित क्षेत्रों में 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच करनी चाहिए। इस समय बुवाई करने से पौधे को उचित तापमान और नमी मिलती है, जो उनकी वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
बिजाई भूमि और खाद:
इस वैरायटी की बिजाई के लिए आपको ज्यादा रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि यह कम सिंचाई वाली फसल है। आप बिजाई से पहले खेत में गोबर की खाद या कम्पोस्ट डाल सकते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में सहायक होता है। वैसे तो यह है कि समय हल्की और रेतीली मिट्टी के लिए तैयार की गई है, लेकिन आप इसकी हल्की, मध्य ओर भारी सभी प्रकार की मिट्टी में बिजाई कर सकते हैं। हल्की मिट्टी में यह वैरायटी अधिक उत्पादन प्रदान करती है।
निष्कर्ष:
सरसों की वैरायटी आरएच-1424 सरसों की नई उन्नत किस्म किसानों के लिए वरदान साबित होगी। यह वैरायटी किसानों को कम से कम लागत में अधिक मुनाफा प्रदान करती है। इसकी उच्च उपज और बेहतर गुणवत्ता के तेल के कारण किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, उपभोक्ताओं को भी बेहतर गुणवत्ता का तेल प्राप्त होगा, इसके तेल से विनय खाद्य पदार्थ अधिक मात्रा में पौष्टिक और गुणकारी होंगे ,जो आम आदमी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
नोट:- रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठी की गई है। खेती संबंधित किसी भी जानकारी के लिए कृषि वैज्ञानिकों या कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें, और निर्णय अपने विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।