Movie prime

हल्की मिट्टी में करें बाजरे की इन 2 किस्मों की बुवाई। पैदावार देखकर नहीं होगा विश्वास

हल्की मिट्टी में करें बाजरे की इन 2 किस्मों की बुवाई। पैदावार देखकर नहीं होगा विश्वास
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

किसान साथियों, भारत में बाजरा एक महत्वपूर्ण मोटा अनाज है, खासकर उन इलाकों में जहां पानी की कमी होती है या मिट्टी की क्वालिटी कमजोर होती है। यह फसल कम समय में तैयार हो जाती है और कठिन परिस्थितियों में भी अच्छी पैदावार देती है। अगर आपके खेत की मिट्टी हल्की (रेतली या दोमट) है और सिंचाई के साधन सीमित हैं, तो बाजरे की कुछ खास किस्में आपके लिए बेस्ट साबित हो सकती हैं। इनमें राशि 53 और टाटा 71 जैसी किस्में शामिल हैं, जो कम पानी में भी अच्छा रिजल्ट देती हैं। बाजरे की खेती करने वाले किसानों के लिए सही किस्म का चुनाव करना बेहद जरूरी है। गलत किस्म लगाने से पैदावार कम हो सकती है या फसल खराब हो सकती है। इसलिए, आज हम आपको दो ऐसी किस्मों के बारे में डिटेल में बताएंगे, जो हल्की मिट्टी और कम पानी वाले इलाकों के लिए परफेक्ट हैं। इन किस्मों की खासियत, पैदावार, बुवाई का तरीका और फायदों के बारे में जानकर आप बेहतर निर्णय ले पाएंगे। तो चलिए इन दोनों किस्मों के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

सिर्फ 600 रुपये में 6 महीने तक Whatsapp पर भाव पाने के लिए 9729757540 पर मैसेज करें

राशि 53 

साथियों, राशि 53 बाजरे की एक उन्नत किस्म है, जिसे खासतौर पर हल्की मिट्टी और कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए डेवलप किया गया है। यह किस्म जल्दी पकने वाली है और कम सिंचाई में भी अच्छी पैदावार देती है। अगर आपके इलाके में बारिश कम होती है या सिंचाई के लिए पानी की कमी है, तो यह किस्म आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकती है। अगर इसकी विशेषताओं की बात करें तो राशि 53 बाजरे की फसल सिर्फ 70-72 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह शॉर्ट ड्यूरेशन वाली किस्म है, जिससे किसानों को दूसरी फसल लगाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। इसकी बिजाई के लिए बीज दर  प्रति एकड़ लगभग 1.5 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है। अगर इसके बुवाई के समय की बात करें तो इसे खरीफ सीजन (जून-जुलाई) में बोया जाता है। बाजरे की यह वैरायटी हल्की मिट्टी के लिए काफी उपयुक्त मानी जाती है। अगर सही तरीके से खेती की जाए, तो राशि 53 से प्रति एकड़ 10-12 क्विंटल तक की पैदावार ली जा सकती है। यह पैदावार कम पानी वाले इलाकों के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। इस किस्म को कम सिंचाई की जरूरत होती है। अगर बारिश ठीक हो, तो सिर्फ 2-3 बार हल्की सिंचाई करके भी अच्छी फसल ली जा सकती है। यह किस्म सूखा सहन करने वाली है, इसलिए कम सिंचाई वाले इलाकों के लिए आदर्श है। इसके अलावा यह किस्म कई सामान्य बीमारियों के प्रति रेजिस्टेंट है, जिससे फसल को नुकसान कम होता है।  

बुवाई की विधि 

राशि 53 की खेती के लिए बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करें। खेत को तैयार करने के बाद बीज को फंगीसाइड से ट्रीट करके ही बोएं। लेकिन ध्यान रखें कि अगर बारिश न हो, तो हल्की सिंचाई करें। और किसी भी प्रकार के खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई जरूर करें।  

सिर्फ 600 रुपये में 6 महीने तक Whatsapp पर भाव पाने के लिए 9729757540 पर मैसेज करें

टाटा 71 

साथियों, टाटा 71, टाटा कंपनी द्वारा डेवलप की गई बाजरे की एक उन्नत किस्म है, जो हल्की मिट्टी और कम पानी वाले क्षेत्रों में बेहतरीन परफॉर्मेंस देती है। यह किस्म किसानों के बीच काफी पॉपुलर है क्योंकि इसमें कम समय में अच्छी पैदावार ली जा सकती है। अगर इसकी विशेषताओं की बात करें तो टाटा 71 की फसल 70-75 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जो इसे शॉर्ट ड्यूरेशन वाली किस्म बनाती है। इसकी बुवाई के लिए बीज दर प्रति एकड़ 1.5 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है। अगर इसके बुवाई का समय की बात करें तो इसे खरीफ सीजन में जून-जुलाई में बोया जाता है। इसकी बुवाई के लिए हल्की मिट्टी उपयुक्त बताई गई है। बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें। अनुकूल परिस्थितियों में टाटा 71 से प्रति एकड़ 10-12 क्विंटल तक की पैदावार मिल सकती है। इसके अलावा इस किस्म को भी कम पानी की जरूरत होती है। अगर बारिश ठीक हो, तो 2-3 सिंचाई से ही अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। यह वैरायटी कम पानी में भी अच्छी ग्रोथ करती है। साथ ही यह कई सामान्य बीमारियों के खिलाफ रेजिस्टेंट है।  

सिर्फ 600 रुपये में 6 महीने तक Whatsapp पर भाव पाने के लिए 9729757540 पर मैसेज करें

बुवाई की विधि

साथियों, टाटा 71 की खेती के लिए बिजाई से पहले दो-तीन बार अच्छी तरह जुताई कर लें। उसके बाद बुवाई से पहले बीज को अच्छी क्वालिटी के फंगीसाइड से ट्रीट करें। खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें। - अगर बारिश न हो, तो हल्की सिंचाई करें।  

नोट:- रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।


👉व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े

👉 चावल के रियल टाइम में भाव और चावल व्यापार के लिए एप डाउनलोड करें

👉 सिर्फ सर्विस लेने वाले ही *WhatsApp करें – 9729757540*

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।