देखे चने की फसल में फलियों की संख्या बढ़ाने के क्या है सही उपाय, जानिए अभी इस रिपोर्ट में!
चना की फसल में फलियों की संख्या बढ़ाने का क्या है सही उपाय, जानिए इस रिपोर्ट में!
किसान भाईयों, खेती भारतीय किसानों का पारंपरिक और महत्वपूर्ण व्यवसाय है, जो न केवल कृषि उत्पादों की आपूर्ति करता है, बल्कि यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा भी है। खेती का हर एक कदम, हर एक फसल का चरण किसानों के लिए महत्व रखता है, क्योंकि किसी भी फसल का सही समय पर सही तरीके से देखभाल और प्रबंधन ही अच्छे उत्पादन का मार्ग प्रशस्त करता है। चना, जो भारत में एक प्रमुख दलहनी फसल है, की खेती में किसानों के लिए कई तरह के कदम महत्वपूर्ण होते हैं। खासतौर पर चने की फसल में फूल आने से लेकर फली बनने तक का समय काफी संवेदनशील होता है, और इस समय में सही तकनीकों का उपयोग करके किसान अपनी उपज को अधिकतम कर सकते हैं। चना की खेती में एक आदर्श प्रबंधन प्रणाली का पालन करने से न केवल उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि यह किसानों को कम समय में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन की प्राप्ति भी दिलाती है। हालांकि, चने की फसल को अधिक उपज देने के लिए, किसानों को यह जानना जरूरी है कि इस प्रक्रिया में कौन सी ऐसी तकनीकें हैं, जो इस समय पर प्रभावी हो सकती हैं। विशेष रूप से जब फूलों से फली बनने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो यह समय फसल के लिए बेहद संवेदनशील होता है, और यही वह वक्त होता है जब सही खाद, रसायन, कीटनाशक और पानी का सही उपयोग करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा, इस समय अगर किसानों ने सही तरीके से चने की देखभाल की और उचित रसायन व तकनीकों का पालन किया तो न केवल फसल का स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि उत्पादन में भी वृद्धि होगी। इसलिए, चने की खेती को लेकर यह रिपोर्ट खास तौर पर उन किसानों के लिए है, जो अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार लाने के लिए नई तकनीकों और उपायों की तलाश कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको चने की खेती में फूल से फली बनने तक के विभिन्न कदमों को सरल और विस्तृत रूप में समझाएंगे, ताकि आप इन उपायों को अपनाकर अपनी फसल से बेहतरीन परिणाम प्राप्त कर सकें। तो चलिए शुरू करते हैं यह रिपोर्ट।
फूल आने का समय और तैयारी
किसान साथियों, जब चने की फसल फूल पर होती है, तो यह एक बेहद महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय पर अगर किसान कुछ खास उपायों को अपनाए तो उनकी फसल में अच्छी वृद्धि हो सकती है। चने की फसल में फूल आते समय, कई किसान भाई यही सोचते हैं कि उन्हें केमिकल या उर्वरकों का इस्तेमाल करके उत्पादन बढ़ाना चाहिए। चने की फसल में कुछ हद तक उर्वरकों की आवश्यकता होती है लेकिन आपको बता दें कि चने की फसल को अधिक उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन सही तरीके से अगर तैयारी की जाए तो इससे कहीं बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। फूल आने से पहले, आपको फसल की देखभाल सही तरीके से करनी चाहिए ताकि यह अधिक फलियों में बदल सके और उत्पादन बढ़ सके। चने की फसल में फूल आने के समय, फूलों की संख्या बढ़ाने और उन्हें झड़ने से बचाने के लिए, पानी में घुलनशील उर्वरक 13:00:45 और पोषक तत्वों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए, 1 किलोग्राम उर्वरक और 250 ग्राम पोषक तत्वों को 200 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए। अगर ड्रिप सिंचाई की सुविधा है, तो 3 किलोग्राम उर्वरक और 250 ग्राम पोषक तत्वों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
फली बनने के समय का महत्व
किसान भाइयों, जब चने में फूलों से फली बनने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो यह एक अहम समय होता है। इस समय अगर सही तरीके से पोषक तत्वों और रसायनों का उपयोग किया जाए, तो फसल का उत्पादन बढ़ सकता है। जैसे ही फली बनने की प्रक्रिया शुरू होती है, NPK 0124 जैसे रसायन का उपयोग करने से फली का भराव और दाने की गुणवत्ता बेहतर होती है। चने की फसल में फली बनने के समय 2 प्रतिशत यूरिया या डीएपी के घोल का छिड़काव करने से अच्छी उपज मिलती है। फसल में मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए। वैसे आमतौर पर चने की पछेती फसल में 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फ़ॉस्फ़ोरस, 20 किलोग्राम पोटाश, और 20 किलोग्राम सल्फ़र का इस्तेमाल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से करना चाहिए। जिन इलाकों में ज़िंक की कमी है, वहां चने की फसल में 20 किलोग्राम ज़िंक सल्फ़ेट प्रति हेक्टेयर का इस्तेमाल करना चाहिए।
पानी की स्थिति और तैयारी
किसान भाइयों, चना की फसल के लिए पानी की उपलब्धता बेहद महत्वपूर्ण होती है। अगर किसान के पास पानी की कमी है, तो वह सही तरीके से फसल की देखभाल नहीं कर पाएंगे। लेकिन यदि आपके पास पर्याप्त पानी है, तो भी इसे सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है। पानी की उपलब्धता के हिसाब से, किसान को कुछ खास रसायनों का उपयोग करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, अगर पानी की कमी है, तो आपको कुछ ऐसे फंगीसाइड्स का उपयोग करना चाहिए, जो कम पानी में भी प्रभावी होते हैं। वहीं, जिन खेतों में पानी की अधिकता हो, उन्हें कुछ ऐसे रसायन उपयोग में लाने चाहिए जो अधिक पानी वाली परिस्थितियों में काम करें।
कीटनाशकों का सही इस्तेमाल
किसान साथियों, चने की फसल में फलियों की संख्या बढ़ाने और बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए कीटनाशकों का उपयोग करना भी जरूरी होता है। चने में कीटों के हमले से फसल को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए, फूल आने के बाद कीटनाशकों का सही इस्तेमाल करना बहुत महत्वपूर्ण है। IMVaccine जैसे कीटनाशक को आप 90 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से डाल सकते हैं। यह सस्ता और प्रभावी कीटनाशक है, जो ठंडी के मौसम में फसल को बचाता है। इसके साथ ही, आप Corazon जैसे केमिकल्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन IMVaccine इससे कहीं अधिक प्रभावी साबित होता है।
फफूंदी नाशक का उपयोग
किसान भाइयों, फफूंदी चने की फसल में कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है, खासकर जब हवा और नमी का स्तर उच्च हो। ऐसे में फफूंदी नाशकों का उपयोग फसल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। Native या Opera जैसे फफूंदी नाशक चने की फसल के लिए अच्छे होते हैं, जो आपके खेतों को फफूंदी से बचाते हैं और उत्पादन को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, जिनके पास पानी की कमी है, उन्हें Hexacaptin जैसे फंगीसाइड्स का उपयोग करना चाहिए। यह आपकी फसल को सही तरीके से बचाता है और बीमारी से मुक्त रखता है।
टॉनिक का उपयोग
साथियों, जब चने में फूल से फली बनने का समय आता है, तो यह समय पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस समय अगर सही टॉनिक का उपयोग किया जाए, तो यह चने की फसल को तेजी से बढ़ने में मदद करता है। बहुत से किसान भाई टॉनिक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उन्हें सही परिणाम नहीं मिलते। इसका कारण यह हो सकता है कि पौधों के पास पर्याप्त नमी नहीं होती। जब तक पौधों के पास नमी नहीं होगी, तब तक टॉनिक प्रभावी नहीं हो पाएगा।
कम पानी वाली भूमि के लिए टॉनिक
दोस्तों, अगर आपके पास कम पानी वाली भूमि है, तो इस अवस्था में चने की फसल के लिए Coromandel Fantastic Plus टॉनिक का उपयोग बहुत प्रभावी हो सकता है। यह टॉनिक खासकर तब उपयोगी होता है जब पानी की कमी हो, क्योंकि इसमें अमीनो एसिड और विटामिन्स होते हैं, जो बिना अधिक पानी के भी पौधों में असर करते हैं। इसका उपयोग करने से फसल में तेज वृद्धि होती है और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है।
अधिक पानी वाली भूमि के लिए टॉनिक
दोस्तों, वहीं, यदि आपके पास अधिक पानी वाली भूमि है और फसल को ताजे पानी की अधिकता मिल चुकी है, तो आपके लिए Godrej Double जैसे टॉनिक का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। यह टॉनिक आपकी फसल को अच्छे से पोषित करता है और उनके विकास में मदद करता है। इसके अलावा, यह पौधों में जल को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ाता है। यह फसल में फूलों की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है ताकि आगे चलकर फलियां की संख्या पौधे में अधिक से अधिक हो सके।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।