गेहूं में पीलेपन का रामबाण इलाज | 5 दिन में रिज़ल्ट देखकर चौंक जाएंगे | जाने पूरा इलाज
पनक्या आपकी गेहूं की फ़सल पीलेपन के कारण उभर नहीं रही है
किसान साथियो इस साल गेहूं में पीलेपन की समस्या बहुत ज्यादा देखने को मिल रही है। खास तौर पर जिन खेतों में धान लगाया हुआ था उन खेतों में यह समस्या और भी ज्यादा है। पत्तों में आया पीलापन गेहूं को लगातार कमजोर करता और किसान का खेत लगातार बैठता जाता है। कई बार ऐसा होता है कि सिंचाई से पहले पत्तों में ठीक ठाक क्लोरोफिल यानि हरापन था लेकिन सिंचाई करने के बाद लगातार यह पूरा का पूरा खेत पीला पड़ जाता है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
कारण की करें पहचान
अगर आप इन पीले पड़े गेहूं के पौधों को उखाड़ कर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि स्वस्थ पौधे की तुलना में इसमें उखाड़ने के लिए बहुत कम जोर लगाना पड़ रहा है। इसका सीधा सा मतलब है कि आपके गेहूं की जड़ में जड़ माहू कीट का प्रकोप हो गया है। जड़ माहू हल्के हरे रंग का होता है। यह कीट गेहूं, जौ और जई आदि कई फसलों की जड़ों को खाकर नुकसान पहुंचाता है। जड़ माहूं कॉलोनी के रूप में रहकर जड़ों से रस चूसते हैं। रोग ग्रसित पौधों की पत्तियां सूखने लगती है और ऐसे पौधों को उखाड़कर देखने पर रूट एफिड की कॉलोनी जड़ों में आसानी से देखी जा सकती है। प्रभावित पौधों के आस-पास चीटियाँ सक्रिय हो जाती हैं जो मीठे चिपचिपे पदार्थों को खाती हैं और रूट एफिड को स्वस्थ पौधों में फैलाने का कार्य करती हैं. अधिक तापमान और जीरो टिलेज तकनीक इस कीट की सक्रियता को और बढ़ाती है. इस कीट के द्वारा फसलों में 15-20 % प्रतिशत तक नुकसान देखा गया है। जड़ माहू के अलावा गेहूं में पीलापन के अन्य कारण भी हैं आइए इन्हें भी जानते हैं।
फंगस के कारण पीलापन
पीलापन का दूसरा बड़ा कारण पानी हो सकता है। खेत के कुछ खेत के हिस्से में जहाँ पर लगातार पानी भरा रहा था, वहाँ पर भी गेहूं की की जड़ों में फंगस लगने के कारण पीलापन लगातार बढ़ जाता है। पौधे कहीं कहीं आपको सूखते हुए दिखाई देते हैं। अबकी बार ये जो प्रॉब्लम है, बहुत ज्यादा खेतों में दिखाई दे रही है। इनके जड़ों के अंदर एक तो जड़माउ है ना, उसका प्रकोप दूसरी सालों की तुलना में ज्यादा है। दूसरा जिन खेतों के अंदर लगातार पानी भरा रहता है, नमी रहती है। उन खेतों में अबकी बार फंगस की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा देखी गई है। और विशेषकर वो खेत जहाँ पर भारी मिट्टी है या फिर चिकनी मिट्टी है उन खेतों में यह ज्यादा है। तो दोस्तो इसको हम किस तरह से दोबारा अपने गेहूं को इन बीमारियों से रिकवर करे और बढ़िया इसकी ग्रोथ चालू करें। ये गेहूं भी किस तरह हरा भरा हो आज की पोस्ट में हम यही जानने वाले हैं
इलाज से मिलेगी फूल ग्रोथ
दोस्तो आप लोगों को कुछ ऐसे फॉर्म्युले बताने जा रहे हैं जिनको अगर आप अपने खेतों के अंदर अप्लाई करते हो तो केवल 5 दिन में आपके जो ये मरा हुआ गेहूं है वह उभर सकता है और इसके अंदर क्लोरोफिल दोबारा से बननी स्टार्ट हो जाएगी। आपके गेहूं की जो जड़े हैं वो भी चलनी स्टार्ट हो जाएंगी और ये जड़े अगर अंदर की तरफ चली जाएगी और नीचे जमीन के अंदर पहले से जो पोषक तत्व पड़े हैं उनको ये ग्रहण करके और इसके अंदर से निकलने वाले कल्ले है वो भी अच्छे निकलेंगे और यह अपनी नॉर्मल ग्रोथ के ऊपर आ जाएगी
पीलेपन का संक्षिप्त में कारण
तो दोस्तो जैसा कि हमने बताया गेहूं में पीलापन आने के मुख्य कारण तो तीन चार ही हैं।
सबसे पहला कारण है न्यूट्रिशन डेफिशियेंसी। अगर आपके खेतों के अंदर पोषक तत्वों की कमी है तो भी पौधा पीला होगा। दूसरा कारण है इनकी जड़ों के अंदर लगने वाला माहू रोग। जीसको रूट एफिड भी बोलते है अगर आपके खेत में माहू लगा हुआ है और ऊपर से आप जितना भी खाद ले लो चाहे आपने यूरिया डाला हो, जिंक डाला हो, कितने भी माइक्रोन्यूट्रेंट डाल दिए हो तो भी आपका जो गेहूं का पौधा है वो ग्रोथ नहीं कर पाएगा। तीसरा कारण है फंगस। आपके खेत के अंदर अगर लगातार सिंचाई की वजह से पानी भरा रहता है और मौसम के अंदर लगातार नमी रहती है, एक तो जरूर आपके खेत के अंदर फंगस जनित बीमारियों का प्रकोप होगा और उसकी वजह से आपकी जो ये रूट्स है, जो जड़े हैं ना वो बिलकुल डैमेज हो जाएगी। अगर हाल ही में आपने अपने खेतों के अंदर किसी खरपतवार नासी का स्प्रे किया है तो उससे भी गेहूं की ग्रोथ को झटका लग सकता है। उससे भी पौधा पीलापन की तरफ चला जाता है। यह पीलेपन का चौथा कारण बन सकता है। इसके अलावा लगातार आप अगर एक ही तरह की खेती कर रहे हैं यानी कि खेत में क्रॉप रोटेशन नहीं अपनाते हो, लगातार गेहूं की बुवाई करते चले जा रहे हो तो भी आपके गेहूं की फसल के अंदर इस तरह का पीलापन दिखाई देगा।
जड़ माहू का निवारण
सबसे पहले बात करते हैं जड़ माहू की। क्योंकि इस टाइम पर सबसे ज्यादा जो शिकायतें आ रही है, विशेषकर वो खेत जो धान के थे, जिनके अंदर लगातार नमी बनी रहती है, उन खेतों में अबकी बार बहुत ज्यादा जड़ माहू का प्रकोप देखने को मिल रहा है तो दोस्तो जड़ माहू को कंट्रोल करने के लिए आपको सिंचाई से पहले इसके नियंत्रण के लिए आपको यूरिया लेना है, अगर आप पहली और दूसरी सिंचाई पर यूरिया डाल चुके हैं तो आप केवल 10-15 किलो यूरिया दोबारा से ले लीजिये। इस यूरिया में आपको "confidor" "कोनफिडोर" जिसके अंदर इमिडाक्लोरोपिड 17.8% आती है उसको लेना है 200 एमएल पर एकड़ के हिसाब से या फिर आप तीन किलो से पांच किलो कार्टप हाइड्रोक्लोराइड जो आती है केलडान के नाम से वो ले सकते है। इसके अलावा आप Regent के नाम से आने वाली फिप्रोनिल जो कि तीन किलो से पांच किलो तक लेनी है। ये दानेदार फॉर्म में आती है। या इसके अलावा आप आधा लीटर क्लोरोपाइरीफॉस 20% वाली आती है। इसे आप ले लीजिये। इन चारों कीटनाशकों में से आप कोई एक ले लीजिये। उसको आप अपने इस यूरिया के अंदर मिला लीजिए और खेत में मिलाकर डाल दीजिए आपको जड़ माहू से छुटकारा मिल जाएगा।
फंगस का निवारण
दोस्तो आपको लग रहा है कि आपके खेत में कुछ जगहों पर लगातार सिंचाई से पानी भरा रहता है। खास तौर पर वह खेत जहां पहले धान की खेती की गई थी। ऐसे खेतों में निश्चित तौर पर फंगस जनित बिमारी आती है। इस फंगस को कंट्रोल करने के लिए आपको आधा किलो थायोफैनेट मिथाईल 70% या फिर आपको कार्बनडाजिम मैनकोजेब लगभग 700 ग्राम पर एकड़ के हिसाब से लेना है। इन सभी को आप लीजिए यूरिया के अंदर मिलाइये, मिलाने के बाद आप पहले छिड़क दीजिए, ऊपर से आपको सिंचाई करनी है। ये कीटनाशक फफूंद नाशक है यह पानी के साथ जमीन में नीचे चला जाएगा। गेहूं की जड़ों में लगे माहू कीट इससे मर जाएंगे और साथ ही अगर गेहूं की जड़ों में फंगस जनित बिमारी होगी तो भी ये फफूंद नाशक जो इस खाद के अंदर मिला कर डाले हैं वो गेहूं की जड़ों में या मिट्टी में मिले फंगस को खत्म कर देगा। सिंचाई करने के लगभग 2-4 दिन बाद जैसे ही आप अपने खेत के अंदर सुगमता से जा सकें तब आपको एक स्प्रे करनी है। स्प्रे में आपको एनपीके 19-19-19 के साथ कोई एक एक टॉनिक जैसे "इसेबियोन" या फिर "quantis" क्वांटिस आदि को NPK में मिलाकर स्प्रे कर दीजिए जिससे आपकी गेहूं में जो भी आपने दवा डाली हैं उसका झटका आपकी फ़सल को नहीं लगेगा।
पोषण की कमी का निवारण
किसान साथियों हो सकता है कि आपकी फसल में ना तो जड़माहू का रोग लगा हो और ना ही कोई फंगस जनक बीमारी हो फिर भी ऐसा हो सकता है कि आपका गेहूं में पीलापन आया हुआ हो। अगर ऐसा है तो फिर 100% यह कहा जा सकता है कि आपके खेत में पोषक तत्वों की कमी है। ऐसी कंडीशन में आप यूरिया के साथ जिंक सल्फेट 21% और मैग्नीशियम सल्फेट डाल दें।
नोटः दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध भरोसेमंद स्त्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को प्रयोग में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।