बेहतर पैदावार के लिए इतने दिन बाद करें प्याज में सिंचाई | उत्पादन से भर जाएंगे भंडार
प्याज की रोपाई के बाद सिंचाई कब और कैसे करें?
प्याज की खेती में सही समय पर सिंचाई करना बहुत जरूरी होता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह के अनुसार, प्याज की रोपाई करने के एक दिन बाद ही पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पौधे की जड़ें मिट्टी में अच्छी तरह से जम जाएं और उसका विकास सही तरीके से हो सके। अगर रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई नहीं की जाती है, तो पौधों की जड़ें सूख सकती हैं और उनकी ग्रोथ रुक सकती है। इसलिए, यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्याज की पहली सिंचाई समय पर और उचित मात्रा में की जाए। अगर रोपाई के बाद सही समय पर सिंचाई कर दी जाए तो प्याज के पौधों की जड़ें जल्दी और मजबूती से मिट्टी में स्थापित हो जाती हैं। इससे पौधे को जरूरी पोषक तत्व (Nutrients) आसानी से मिलते हैं और उनकी ग्रोथ तेजी से होती है।
कुछ किसान इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि अगर खेत में पानी ज्यादा हो गया तो क्या होगा? इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज की जड़ों को शुरुआती दिनों में थोड़ी अधिक नमी की जरूरत होती है, इसलिए, खेत में नमी संतुलित रखना बेहद जरूरी होता है | प्याज के पौधों को बहुत अधिक या बहुत कम पानी देना दोनों ही नुकसानदायक हो सकता है। अगर पानी कम मिलेगा तो पौधे कमजोर रहेंगे और सूख सकते हैं। वहीं, ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ने का खतरा रहता है।
प्याज लगाने की सही विधि
कई किसान प्याज की रोपाई करते समय धान की खेती की तरह खेत में पहले पानी भर देते हैं और फिर पौधों की रोपाई करते हैं, लेकिन यह तरीका हर जगह कारगर नहीं होता। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां मिट्टी का प्रकार अलग होता है, वहां प्याज की खेती के लिए खास सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर सही विधि से रोपाई की जाए, तो प्याज का उत्पादन बेहतर होता है और फसल की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है।
प्याज की खेती के लिए सूखी और हल्की भुरभुरी मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसलिए खेत को तैयार करने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से जोता और समतल किया जाना चाहिए, ताकि जड़ों को बढ़ने के लिए उपयुक्त वातावरण मिल सके। अगर मिट्टी बहुत कठोर होगी, तो जड़ें ठीक से नहीं जम पाएंगी |
इसके बाद जब प्याज के पौधों की रोपाई की जाती है, तो पहले दिन हल्की सिंचाई करना जरूरी होता है। इसका उद्देश्य पौधों को मिट्टी में सही तरीके से स्थापित करना और उनकी जड़ों को जरूरी नमी देना होता है। प्याज की फसल में पौधों के बीच उचित दूरी रखना बहुत जरूरी है ताकि हर पौधे को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। रोपाई के दौरान पौधों के बीच 10-15 सेमी की दूरी और कतारों के बीच पर्याप्त गैप रखना चाहिए। इससे पौधों को पोषक तत्व मिलते हैं और वे मजबूत बनते हैं। अगर दूरी बहुत कम होगी तो पौधे आपस में उलझ सकते हैं |
प्याज की अच्छी पैदावार के लिए मल्चिंग (Mulching) एक बेहतरीन तकनीक है। इसमें खेत की मिट्टी पर जैविक मल्च (खाद या भूसे की परत) डाली जाती है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और खरपतवार (Weeds) नहीं पनपते। इसके अलावा, मल्चिंग करने से मिट्टी का तापमान भी संतुलित रहता है, जिससे प्याज के पौधों का विकास तेजी से होता है।
खेत की सही तैयारी
प्याज की अच्छी पैदावार के लिए खेत की सही तैयारी बेहद जरूरी होती है। अगर मिट्टी को ठीक से तैयार नहीं किया जाए, तो फसल कमजोर रह सकती है और उत्पादन कम हो सकता है। इसलिए खेत तैयार करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- प्याज की खेती के लिए मिट्टी का नरम और भुरभुरा होना जरूरी है, ताकि पौधों की जड़ें आसानी से फैल सकें और जल निकासी सही बनी रहे। इसके लिए खेत की कम से कम तीन बार जुताई करें। अगर मिट्टी बहुत कड़ी होगी, तो पौधों की जड़ों को पोषक तत्व मिलने में दिक्कत होगी और उनका विकास धीमा रह सकता है।
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए खेत में गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट या हरी खाद का उपयोग करें। इससे मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा बढ़ेगी और प्याज की जड़ों को पर्याप्त पोषण मिलेगा। नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की संतुलित मात्रा भी खेत में डालनी चाहिए, ताकि प्याज की फसल स्वस्थ और मजबूत हो।
- प्याज की खेती में जलभराव नुकसानदायक होता है, इसलिए खेत में ऊंची क्यारियां (Raised Beds) बनाना जरूरी है। इससे पानी का सही निकास होगा और जड़ों को सड़ने से बचाया जा सकता है। विशेष रूप से बारिश के समय यह विधि बहुत फायदेमंद होती है।
- प्याज की अच्छी उपज के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। अगर मिट्टी ज्यादा अम्लीय (Acidic) या क्षारीय (Alkaline) हो, तो इसे संतुलित करने के लिए जिप्सम या चूना (Lime) का उपयोग किया जा सकता है। इससे प्याज की जड़ों को पोषक तत्व ठीक से मिलते हैं
सिंचाई के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- जब प्याज की रोपाई की जाती है, तो पहले ही दिन हल्की सिंचाई करना जरूरी होता है। इससे पौधे मिट्टी में अच्छी तरह स्थापित हो जाते हैं और उनकी जड़ों को जरूरी नमी मिलती है।
- प्याज की फसल के लिए मिट्टी में हमेशा हल्की नमी बनाए रखना जरूरी है। बहुत ज्यादा पानी देने से जलभराव हो सकता है, जिससे प्याज की जड़ें गलने लगती हैं। सामान्यत: हर 5-7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए, लेकिन यह मौसम और मिट्टी के प्रकार पर भी निर्भर करता है।
- 3पानी देने का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम होता है। दिन में तेज धूप के समय सिंचाई करने से पानी जल्दी वाष्पित हो सकता है, जिससे नमी कम हो जाती है।
- अगर संभव हो, तो टपक सिंचाई प्रणाली (Drip Irrigation) का उपयोग करें। यह विधि पानी की बचत करती है और सीधे जड़ों तक नमी पहुंचाती है। इससे जलभराव की समस्या नहीं होती और प्याज के पौधे बेहतर तरीके से बढ़ते हैं।
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।