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दिसंबर महीने में लगाई जाने वाली चुनिंदा सब्जी फसलों के बारे में जानकारी

दिसंबर महीने में लगाई जाने वाली चुनिंदा सब्जी फसलों के बारे में जानकारी
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नमस्कार किसान साथियों दिसंबर का महीना किसानों के लिए बेहद खास होता है, खासकर उन किसानों के लिए जो सब्जी की खेती करते हैं। इस महीने में कुछ ऐसी चुनिंदा सब्जी फसलें हैं, जिन्हें यदि सही तरीके से उगाया जाए तो न सिर्फ उत्पादन बढ़िया होता है, बल्कि बाजार में भी इनकी कीमतें बहुत अच्छी मिलती हैं। अगर आप भी ऐसे सब्जी उत्पादक बनना चाहते हैं जो विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छा मुनाफा कमा सकें, तो इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित हो सकती है।

इस आर्टिकल में हम तीन प्रकार की फसलों के बारे में बात करेंगे:

  1. ओपन फील्ड में उगाई जाने वाली फसलें
  2. प्रोटेक्टिव क्रॉप्स (सुरक्षित तरीके से उगाई जाने वाली फसलें)
  3. छोटी सब्जी फसलें जिनकी लागत कम और मुनाफा अधिक है

ओपन फील्ड में उगाई जाने वाली फसलें

दिसंबर के महीने में अगर आपके खेत खाली हैं तो आप कुछ चुनिंदा सब्जी फसलें उगा सकते हैं, जो खुले आसमान के नीचे बिना किसी सुरक्षा उपाय के भी अच्छे से उग सकती हैं और अच्छे दाम भी प्राप्त कर सकती हैं। एक ऐसी फसल है हरी मटर

हरी मटर की खेती

हरी मटर को दिसंबर महीने में बोने से आपको बहुत अच्छा फायदा हो सकता है। इस फसल को ठंडे इलाकों में भी बिना किसी परेशानी के उगाया जा सकता है। इसके अलावा, हरी मटर के लिए बाजार में पिछले दो-तीन सालों से अच्छे भाव मिल रहे हैं। खासकर, अगर आप मटर की बुआई नवंबर या दिसंबर के पहले भाग में कर लेते हैं, तो बाजार में इसके भाव काफी अच्छे होते हैं। हरी मटर की खेती दिसंबर में विशेष रूप से लाभकारी होती है। इस फसल को आप खुले आसमान के नीचे, बिना किसी विशेष सुरक्षा उपाय के भी उगा सकते हैं। जहां अधिक ठंड पड़ती है या पाला जमता है, वहां भी हरी मटर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। पिछले कुछ वर्षों में इस फसल के बाजार भाव में निरंतर वृद्धि देखी गई है। जिन किसानों ने इस फसल को नवंबर या 15 दिसंबर से पहले बोया है, उनके लिए बाजार में अच्छे भाव मिल रहे हैं। इस समय हरी मटर के थोक भाव ₹70 से ₹80 किलो तक पहुँच चुके हैं, और कई मंडियों में ₹100 प्रति किलो तक मिल रहे हैं।

हरी मटर के पौधों को ठंडे मौसम में कोई खास समस्या नहीं होती, जैसे कि ठंढ़ या पाला लगने की स्थिति में। इसके उत्पादन में किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या नहीं होती, बशर्ते किसान सही तरीके से फसल का ध्यान रखें। इस फसल के लिए यदि उचित देखभाल की जाती है, तो आपको अच्छे बाजार भाव मिल सकते हैं।

प्रोटेक्टिव क्रॉप्स (सुरक्षित तरीके से उगाई जाने वाली फसलें)

अगर आप थोड़ा सा अधिक खर्च करने के लिए तैयार हैं, तो आप ऐसी फसलों का चुनाव कर सकते हैं, जिन्हें आप प्रोटेक्टिव तरीके से उगा सकते हैं। इन फसलों को उगाने के लिए आपको कुछ अतिरिक्त कदम उठाने होंगे, जैसे कि उनका सही से संरक्षण करना और कुछ प्रकार की तकनीकों का उपयोग करना। हालांकि, इन फसलों से प्राप्त लाभ काफी अधिक होता है और इन्हें उगाकर आप अच्छे मुनाफे में जा सकते हैं।

इन फसलों के लिए आपको थोड़ी सी अतिरिक्त मेहनत करनी होगी, लेकिन इनका उत्पादन और बाजार मूल्य आपको साल भर अच्छा मुनाफा दे सकता है।

छोटी सब्जी फसलें जिनकी लागत कम और मुनाफा अधिक है

दिसंबर महीने में ऐसी छोटी सब्जी फसलों की खेती करना, जिनकी लागत कम हो और मुनाफा ज्यादा हो, किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इन फसलों को उगाने के लिए आपको बहुत अधिक लागत की आवश्यकता नहीं होती और इनकी देखभाल भी काफी आसान होती है।

फूल गोभी

फूल गोभी की खेती को किसी भी प्रकार के मौसम और जलवायु में उगाया जा सकता है। हाल के दिनों में फूल गोभी के बाजार भाव में काफी वृद्धि देखने को मिली है। अगर आपने जून और जुलाई महीने में इसकी बुआई की थी, तो अब आपके पास शानदार कमाई का मौका है। इस साल, फूल गोभी के बाजार भाव पिछले वर्षों से कहीं अधिक हैं, और किसान भाई जो हमारी सलाह मानकर इसे अच्छे से मैनेज कर रहे हैं, वे लाखों रुपए प्रति एकड़ कमा चुके हैं। वर्तमान में, फूल गोभी का वजन एक किलो या उससे भी अधिक हो रहा है, जिससे उत्पादकों को अधिक मुनाफा मिल रहा है। यदि आपको हर पौधे पर ₹20 का खर्च आता है, तो एक एकड़ में लगभग 18,000 से 20,000 पौधे लगाए जाते हैं, जो कि बड़े फायदे का सौदा बन सकता है।

फूल गोभी के साथ ही, ब्रोकली की खेती भी एक अच्छा विकल्प हो सकती है। ब्रोकली के पौधों में एक फूल की बजाय कई फूल होते हैं और इसकी मांग बड़े शहरों में निरंतर बढ़ रही है। अगर आपके क्षेत्र में मेट्रो शहर के पास मंडियाँ हैं, तो यहां ब्रोकली की अच्छी कीमत मिल सकती है। इसके अलावा, पत्ता गोभी की खेती भी किसी भी मौसम और जलवायु में आसानी से की जा सकती है और यह भी अच्छे मुनाफे का स्रोत हो सकता है।

चप्पन टिंडा की खेती

चप्पन टिंडा की खेती भी एक बेहतरीन मुनाफा देने वाली फसल है, खासकर अगर इसे 15 दिसंबर से पहले बोया जाए। इस समय चप्पन टिंडा का बाजार मूल्य ₹10 से ₹50 प्रति किलो तक है। जिन किसानों ने पहले इसे उगाया था, वे वाइट फ्लाई के हमले और वायरस जनित बीमारियों का सामना कर रहे थे। लेकिन अब, यदि आप चप्पन टिंडा लगाते हैं, तो इनमें वायरस की समस्या 70% तक कम हो जाती है। इस फसल के अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए जल्दी बुआई करना महत्वपूर्ण है, ताकि मौसम का लाभ उठाकर ज्यादा उत्पादन प्राप्त किया जा सके।

प्याज की खेती

प्याज की खेती भी रबी सीजन के लिए एक लाभकारी विकल्प है। अगर आपने अगस्त और सितंबर में प्याज की बुआई की थी, तो इस समय आपको शानदार कीमतें मिल रही होंगी। यदि आप रबी सीजन में प्याज की बुआई करते हैं, तो 120 से 140 दिन के बाद, आप ₹20 प्रति किलो की दर पर प्याज बेच सकते हैं। यदि उत्पादन के बाद कीमतें थोड़ी कम होती हैं, जैसे ₹10 प्रति किलो, तो आप इसे स्टॉक कर सकते हैं और जुलाई से सितंबर तक जब प्याज की कमी होती है, तब इसे अच्छे दामों में बेच सकते हैं

गाजर की खेती

गाजर की खेती भी इस समय एक बेहतरीन निवेश साबित हो रही है। जिन किसानों ने अगस्त में गाजर की बुआई की थी, वे अब अच्छे दामों पर गाजर बेच रहे हैं। गाजर के बाजार भाव अब अच्छे बने हुए हैं और भविष्य में कीमतों के गिरने की संभावना कम है। गाजर की बुआई करने से आपको भविष्य में भी अच्छे रेट मिल सकते हैं। आप लाल गाजर या इंग्लिश गाजर (पीली गाजर) दोनों की बुआई कर सकते हैं, दोनों ही फसलें अच्छे मुनाफे का सौदा साबित हो सकती हैं।

हरी मिर्ची: हरी मिर्ची की खेती एक शानदार विकल्प हो सकती है। इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है और विशेष रूप से गर्मी के मौसम में इसके दाम आसमान छू सकते हैं। सही तरीके से खेती करने पर यह फसल बहुत लाभकारी हो सकती है। यदि किसान इसे ठीक से मैनेज करते हैं, तो वे एक एकड़ से लाखों रुपए कमा सकते हैं, खासकर जब इसकी कीमत ₹100 प्रति किलो तक जा सकती है। इसे अच्छी क्वालिटी के बीज, सही पानी, और नियमित रूप से कीटनाशक और उर्वरक का उपयोग करके उगाया जा सकता है।

तरबूज: दिसंबर में अगर आप तरबूज की बुवाई करते हैं, तो यह फसल रमजान के समय, जो मार्च में आता है, बहुत अधिक बिकती है। खासकर तरबूज की मांग रमजान के दौरान बढ़ जाती है, जब लोग इसे ज्यादा खाते हैं। सही समय पर बुवाई और खेत की अच्छी तैयारी से एक एकड़ में लाखों रुपये की कमाई हो सकती है।

तर ककड़ी: यह फसल कम खर्च में तैयार होती है और यदि दिसंबर में उगाई जाए, तो बाजार में अच्छी कीमत मिल सकती है। शुरुआती चरण में इसे ₹30-40 प्रति किलो के भाव मिल सकते हैं। यह फसल कम खर्च में अच्छा लाभ देती है और इसे आसानी से उगाया जा सकता है।

बेलवर की फसलों की तैयारी और उनके लाभ

अगर हम बेलवर की फसलों के बारे में बात करें, तो एक बेहतरीन विकल्प तोरी (Squash) है। तोरी की बुवाई से न केवल कम खर्च आता है, बल्कि यह तगड़े लाभ भी देती है। एक एकड़ भूमि से आपको 2 लाख से 2.5 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है। इस फसल को उगाने का तरीका बहुत सरल है; इसे ऊपर चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि आपको इसे ज़मीन पर अच्छे से फैला देना होता है। इसके लिए खेत की अच्छी तैयारी करना और उर्वरक का सही प्रयोग करना जरूरी है। देसी खाद और रासायनिक खाद का संयोजन फसल के लिए फायदेमंद रहेगा। खेत की तैयारी में बैड (या मेड) निकालना, या फिर धोरे लगाना भी मददगार हो सकता है।

हालांकि, अगर आपके इलाके में सर्दी ज्यादा पड़ती है या पाड़ा जमता है, तो तोरी की फसल को क्रॉप कवर की आवश्यकता हो सकती है ताकि यह सर्दी से बच सके। सही प्रकार की बुवाई और देखभाल से तोरी से अच्छे उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है।

लोकी (Bottlegourd) और करेला (Bitter Gourd) की फसलें

तोरी के अलावा, लोकी और करेला भी अच्छे विकल्प हैं। इनकी बुवाई भी तोरी की बुवाई की तरह की जाती है। करेला की बुवाई में एक बेड से दूसरे बेड के बीच 3 फीट की दूरी रखनी चाहिए। वहीं, लोकी की बुवाई में थोड़ा ज्यादा गैप रखना पड़ता है, यानी लगभग 6 से 7 फीट। इन फसलों के लिए भी अच्छे बीज का चयन करना और खेत की तैयारी करना बहुत जरूरी है।

अगर आप इन बेलवर की फसलों को सही समय पर और सही तरीके से लगाते हैं, तो उत्पादन बहुत अच्छा हो सकता है।

कद्दू (Pumpkin) की फसल

कद्दू या हरा कद्दू भी एक बेहतरीन विकल्प है। इसकी शुरुआती चरणों में मंडी में अच्छी कीमत मिलती है। जब यह मंडी में जाता है, तो यह बहुत अच्छे रेट पर बिकता है, खासकर ₹10 प्रति किलो या उससे ज्यादा। कद्दू का उत्पादन एक बेल पर बहुत ज्यादा होता है, और इसकी खपत भी लगातार बनी रहती है।

खीरा (Cucumber) की फसल

खीरा भी एक बेलवर की फसल है जो पूरे साल बिकता है। अगर आप दिसंबर में खीरे की बुवाई करते हैं, तो यह 30 से 40 किलो के रेट में बिक सकता है। इस फसल की डिमांड लगातार बनी रहती है, और अगर आप अच्छी गुणवत्ता के बीज और खेत की तैयारी करते हैं, तो खीरे से लाखों रुपये की कमाई हो सकती है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।