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पहली सिंचाई के बाद गेहूं की ग्रोथ रुकी तो बस ये उपाय करें ,उत्पादन बढ़ जायेगा | उत्पादन में लग जाएंगे चार चांद

 पहली सिंचाई के बाद गेहूं की ग्रोथ रुकी तो बस ये उपाय करें ,उत्पादन बढ़ जायेगा | उत्पादन में लग जाएंगे चार चांद
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अगर पहली सिचाई के बाद भी गेहूं की ग्रोथ नहीं बढ़ रही है, तो करें यह उपाय।

किसान भाइयों, अगर आपकी गेहूं की फसल लगभग 40-50 दिनों के बीच की हो चुकी है और फिर भी उसकी ग्रोथ में कोई खास सुधार नहीं हो रहा है, फुटाव कम हो रहा है और कल्ले अधिक संख्या में नहीं फूट रहे हैं, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। किसान भाइयों, गेहूं की फसल की ग्रोथ और फुटाव बढ़ाने के लिए सही पोषक तत्वों का इस्तेमाल, सही समय पर सिंचाई और उर्वरक का प्रयोग बहुत जरूरी है। यदि आपने पहले इन उपायों पर ध्यान नहीं दिया है, तो अभी भी देर नहीं हुई है। ऊपर दिए गए उपायों को अपनाकर आप अपनी गेहूं की फसल की ग्रोथ बढ़ा सकते हैं और कल्ले अधिक संख्या में फुटने लगेंगे। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि आखिर इस समस्या के कारण क्या हो सकते हैं और आप कौन से उपाय अपना सकते हैं, जिनसे आपकी गेहूं की फसल में तेजी से ग्रोथ बढ़ने लगे और ज्यादा कल्ले फूटने लगें। किसान भाइयों, गेहूं की फसल में फुटाव का कम होना, कल्ले का कम फूटना और ग्रोथ का रुक जाना अक्सर कुछ खास कारणों की वजह से होता है। यह समस्याएं तब सामने आती हैं जब गेहूं को सही पोषण, पानी या उर्वरक नहीं मिल पाता। अब आपको यह जानना होगा कि इन समस्याओं को हल करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। तो आइए, विस्तार से जानते हैं इन समस्याओं के कारण और उनके समाधान के बारे में।

पोषक तत्वों की कमी:

किसान साथियों, गेहूं की अच्छी ग्रोथ और कल्ले अधिक संख्या में फूटने के लिए पौधों को समय-समय पर जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यदि इन पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, तो गेहूं की ग्रोथ रुक सकती है और फुटाव कम हो सकता है। खासकर, सही समय पर उर्वरकों का इस्तेमाल न करना या सही मात्रा में पोषक तत्व न देना बहुत बड़ी समस्या हो सकती है। गेहूं की फसल को अच्छे से बढ़ाने के लिए उर्वरकों की सही मात्रा का उपयोग करना बहुत जरूरी है।

समाधान:

किसान साथियों, गेहूं की फसल की अच्छी ग्रोथ और पौधों में कल्लों की संख्या को बढ़ाने के लिए आपको अपनी फसल में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए कुछ विशेष उर्वरकों का उपयोग करना अत्यंत ही आवश्यक है। इसके लिए आपको यूरिया (Urea) 1 किलोग्राम, जिंक सल्फेट (Zinc Sulfate) 600-700 ग्राम, मैग्नीशियम सल्फेट (Magnesium Sulfate) 800 ग्राम और फेरस सल्फेट (Ferrous Sulfate) 800 ग्राम प्रति एकड़ (यदि जरूरत हो तो) का प्रयोग करना चाहिए। आप इन उर्वरकों को एक साथ मिलाकर लगभग 120-150 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें। यह मिश्रण फसल की ग्रोथ को बढ़ाने में मदद करेगा और फुटाव भी बढ़ेगा।

पहली सिंचाई सीमित मात्रा में करना:

किसान भाइयों, पहली सिंचाई का समय गेहूं की फसल के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आपने पहली सिंचाई में अधिक पानी दे दिया, तो इससे पौधे की जड़ों पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे पौधों की ग्रोथ रुक सकती है। अधिक पानी से पौधों में जलभराव हो सकता है और जड़ें ठीक से विकसित नहीं हो पातीं, जो बाद में फसल की बढ़वार पर असर डालती है।

समाधान:

दोस्तों, आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि पहली सिंचाई में पानी की अधिकता से बचें। सिंचाई करते वक्त यह सुनिश्चित करें कि पानी की मात्रा सही हो और फसल की जड़ें सूखी न रहें, क्योंकि अधिक पानी देने से पौधे पीले हो सकते हैं और फुटाव में कमी आ सकती है। गेहूं की सिंचाई के लिए 35 से 40 सेंटीमीटर पानी की आवश्यकता होती है।

एनपीके (NPK) 19-19-19 का प्रयोग:

किसान साथियों, एनपीके 19-19-19 उर्वरक में नाइट्रोजन (Nitrogen), फास्फोरस (Phosphorus) और पोटेशियम (Potassium) तीनों मुख्य पोषक तत्व होते हैं, जो गेहूं की फसल के लिए बेहद आवश्यक होते हैं। जब गेहूं की फसल 40-50 दिन की हो जाती है, तो यह पौधों की बढ़वार के लिए इन तीनों पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

समाधान:

किसान भाइयों, गेहूं की फसल की बढ़िया ग्रंथ के लिए आप एनपीके 19-19-19 का इस्तेमाल करके अपनी गेहूं की फसल की ग्रोथ और फुटाव में सुधार कर सकते हैं। एनपीके 19-19-19 का सही उपयोग करने से आपके पौधे मजबूत बनेंगे, जड़ों का विकास होगा, और फुटाव बढ़ने लगेगा। इसके लिए आप एनपीके 19-19-19 का 1 किलोग्राम लें और इसे 150 लीटर पानी में घोलकर पौधों पर स्प्रे करें।

स्प्रे करने का सही तरीका:

किसान साथियों, स्प्रे करते समय यह बहुत जरूरी है कि आप सही समय पर स्प्रे करें। सबसे अच्छा समय शाम का होता है, जब तापमान कम हो और हवा हल्की हो। इस समय स्प्रे करने से उर्वरक अच्छे से पौधों में समाहित हो जाता है और पौधों पर उसका अधिक असर होता है। स्प्रे हमेशा शाम के समय करें और यह सुनिश्चित करें कि स्प्रे करते समय आपके खेत में नमी की मात्रा पर्याप्त हो। नमी से स्प्रे का असर अधिक होता है और पोषक तत्व पौधों में जल्दी समाहित होते हैं।

समय पर करें दूसरी सिंचाई:

किसान भाइयों, अगर आपको अपनी फसल की बढ़िया ग्रंथ और कल्लों की संख्या को बढ़ाना है, तो उसके लिए दूसरी सिंचाई समय पर करनी बहुत ही आवश्यक है। आप पौधों की बढ़िया वृद्धि के लिए 45 से 50 दिन के बीच गेहूं में दूसरी सिंचाई अवश्य करें। साथ ही दूसरी सिंचाई के साथ आप प्रत्येक एकड़ में एक बैग यूरिया का छिड़काव अवश्य करें। इससे न केवल आपके फसल के पौधों में वृद्धि होगी, बल्कि कल्लों में फुटाव भी अत्यधिक मात्रा में होगा।

खरपतवार नियंत्रण:

किसान भाइयों, फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए गेहूं की फसल बुवाई के 30 से 35 दिन बाद या पहली सिंचाई के बाद मेट सल्फ़ोसल्फ़ुरान मिथाइल की दवा का छिड़काव करें। या फिर किसान भाई टू फ़ोर डी सोडियम लवड 80% दवा को 600 से 800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा आईसोप्रोटूरान (1250 ग्रा./है.) का इस्तेमाल करें। गेहूं में घास जैसे खरपतवारों के नियंत्रण के लिए एरीलॉन/ मासलान/ हिम एग्रीलान (75%) का इस्तेमाल करें। फसल उगने के एक महीने बाद मैन्युअल रूप से निराई करें।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को मिलाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।