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गेहूं बिजाई के बाद खरपतवार नियंत्रण कैसे करें और कब दवा डालें | जानें पूरी जानकारी

गेहूं बिजाई के बाद खरपतवार नियंत्रण कैसे करें और कब दवा डालें | जानें पूरी जानकारी
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किसान साथियों रबी फसल की बुआई का काम शुरू हो चुका है और किसानों को अधिक अनाज की पैदावार के लिए अच्छे बीजों का चयन करना बेहद जरूरी है. लेकिन इसके अलावा किसानों को सही समय पर फसलों में खाद, सिंचाई और देखभाल की भी जरूरत है। ताकि उन्हें अच्छे परिणाम मिलें. इसके अलावा किसानों को फसल में उगने वाले खरपतवार को भी नष्ट करना होगा। ताकि पदावार पर कोई असर न पड़े. लेकिन कई किसान समय रहते फसल में खरपतवार नियंत्रण नहीं कर पाते, जिससे उन्हें उपज का नुकसान उठाना पड़ता है। इस लेख के माध्यम से हम बताएंगे कि गेहूं में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें। गेहूं की खेती के अलावा अन्य फसलों में खरपतवार के कारण भी उत्पादन में गिरावट आती है। ख़रीफ़ फ़सलों की तुलना में रबी सीज़न की फ़सलों में खरपतवार कम उगते हैं, लेकिन फिर भी फ़सलों को नुकसान पहुँचाने के लिए इनकी संख्या काफ़ी होती है। आपको बता दें कि अगर खेत में अधिक खरपतवार होंगे तो किसानों को उपज का काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. इसलिए किसानों को समय रहते गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने की जरूरत है। ताकि उत्पादन पर कोई असर न पड़े. WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

गेहूं में सबसे ज्यादा खरपतवार किस की होती है ओर कैसे नियंत्रित करना है
साथियों अक्सर देखा जाता है कि जिन खेतों में किसान ख़रीफ़ की फसल बोते हैं, वहां उचित एवं समय पर खरपतवार नियंत्रण न होने के कारण खरपतवार बहुतायत में रहते हैं या ज़मीन पर गेहूं की फसल होने पर बंजर भूमि में भी उगते रहते हैं। यह रोपण के बाद बढ़ता है, इसलिए इस पर नियंत्रण करना आसान है, लेकिन गेहूं की खेती में गुल्ली डंडा और जंगली जई के खरपतवार को खत्म करना बहुत जरूरी है।

क्या है खरपतवार नियंत्रण की रासायनिक विधि
यदि किसान गेहूं की फसल में खरपतवारों को मैन्युअल रूप से नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, तो उनके लिए रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से नियंत्रण करना बहुत महत्वपूर्ण है। हम आपको बताते हैं कि गेहूं की फसल में बुआई के बाद 35 दिनों तक खरपतवार नियंत्रण करना बहुत जरूरी होता है. यह भी पढ़े :- दिवाली के बाद कैसा रहेगा बासमती धान का बाजार, जानें इस रिपोर्ट में

गेहूं में खरपतवार की दवा कब डालें
गेहूं की बुआई के 35 दिन बाद खरपतवार खत्म करने के लिए दवा का प्रयोग किया जा सकता है। आपको बता दें कि दवा का प्रयोग करते समय यह बहुत जरूरी है कि मिट्टी में पर्याप्त नमी हो.

कॉनसी है चौड़ी पत्ती खरपतवार नाशक दवा
साथियों क्योंकि फसल में 25 दिनों के बाद सिंचाई करना आवश्यक होता है और फिर किसान चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए 2 4 डी का प्रयोग 0.75 किलो ग्राम सक्रिय तत्व का प्रयोग कर सकते हैं या इसके अलावा मेटसल्फ्यूरॉन मिथाइल 4 ग्राम /हे. सक्रिय तत्व का फसल में छिड़काव करना चाहिए।

कोनसी है सकरी पत्तियों में खरपतवार नाशक दवा
गेहूं की फसल में संकरी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए फसल पर क्लोडिनोफॉप प्रोपरगिल 60 ग्राम सक्रिय तत्व का छिड़काव करें या इसके अलावा सल्फोसल्फ्यूरॉन 25 ग्राम सक्रिय तत्व खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव किया जा सकता है। यदि गेहूं की फसल में चौड़ी और संकरी दोनों पत्तियों वाले खरपतवार होने पर फसल में रैडीमिक्स खरपतवार नाशक जैसे वेस्ता या इसके अलावा एटलान्टिस 400 ग्राम / हेक्टेयर की दर से 400 से 500 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।

नोट: आज आपने इस आर्टिकल के द्वारा जाना गेहूं की फसल में खरपतवार नाशक दावों के बारे में बता दें कि अपने फसल में किसी भी दवाओं का छिड़काव करने से पहले अपने आसपास कृषि विभाग या डॉक्टर से एक बार उचित सलाह जरूर लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।