गेहूं में खरपतवार को पैदा होने से पहले ही करें खत्म | अपनाएं यह तरीका
किसान साथियों, एक मशहूर कहावत है, "खेत की सुंदरता उसकी स्वच्छता में होती है।" खेती की स्वच्छता को बनाए रखना बहुत ही आवश्यक है, लेकिन खेती की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए किसानों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि खेत में फसल के अंकुरण के साथ ही खरपतवार भी अंकुरित होने लगते हैं, जो शुरुआती चरण में तो फसल की बढ़ोतरी पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और बाद में वही खरपतवार फसल के उत्पादन को भी प्रभावित करते हैं, जो कि किसानों के लिए बहुत ही चिंतनीय विषय है। फसल में अतिरिक्त खरपतवारों के अंकुरण को रोकना बहुत ही मुश्किल हो जाता है, जबकि इन्हें रोकना अत्यंत आवश्यक है। खरपतवार फसल को मिलने वाले मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को खत्म करते हैं और इसके कारण फसल की उत्पादकता में भी कमी आती है। इस समस्या के समाधान के लिए आज हम आपको एक ऐसे खरपतवारनाशी के बारे में बताएंगे जिसकी शायद सभी किसान भाइयों को जानकारी है लेकिन उसके बारे में सही मात्रा और सही विधि की जानकारी न होने के कारण किसान भाई उसके प्रयोग से पूरी तरह लाभ नहीं प्राप्त कर पाते। दोस्तों, हम बात कर रहे हैं पेंडिमेथलीन 30% ई.सी. खरपतवारनाशी की। इसके उपयोग से खरपतवार अंकुरित होने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं, जिसके कारण किसान भाइयों को अपनी फसल में किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती। इसका छिड़काव किसान भाइयों को बुवाई के तुरंत बाद करना चाहिए, जिससे आगे चलकर फसल में खरपतवार की समस्या नहीं आती। आज की इस रिपोर्ट में हम पेंडिमेथलीन 30% ई.सी. के उपयोग, सही मात्रा, और सही विधि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिससे किसान भाई इसका सही प्रकार से प्रयोग करके अपनी फसल की पैदावार और गुणवत्ता में बढ़ोतरी कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से इस रिपोर्ट में। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
पेंडिमेथलीन 30% का महत्व
किसान भाइयों, पेंडिमेथलीन 30% एक प्रभावी प्री-इमरजेंस हर्बीसाइड है, जिसका मतलब है कि इसका उपयोग खेत में फसल बुआई के तुरंत बाद किया जाता है। यह एक प्रकार का रसायन है, जो जमीन पर एक पतली परत बनाकर खरपतवार के बीजों के अंकुरण को रोकता है। इस हर्बीसाइड का मुख्य तत्व पेंडिमेथलीन है, जो 30% सॉल्यूशन के रूप में उपलब्ध है। यह घास और अन्य छोटे खरपतवारों को अंकुरण की प्रक्रिया में ही नष्ट कर देता है, जिससे फसल को बढ़ने के लिए अधिक जगह और पोषक तत्व मिलते हैं। फसल में उगने वाली अतिरिक्त घास या खरपतवारों के कारण फसल में पोषक तत्वों और जल का सही और पूरी मात्रा में उपयोग नहीं हो पाता, जिससे फसल की बढ़ोतरी, गुणवत्ता और उत्पादन पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। पेंडिमेथलीन 30% का उपयोग किसानों के लिए एक अत्यंत लाभकारी विकल्प है, जो न केवल खेत में उगने वाली अतिरिक्त घास को नष्ट करता है बल्कि अन्य उत्पादों की तुलना में किसानों के लिए खेत पर आने वाले खर्च में भी राहत प्रदान करता है। अगर किसान भाई इसका उपयोग सही विधि और तरीके से करते हैं तो यह फसल के प्रथम चरण में ही खरपतवारों का जड़ से नाश कर सकता है, जिसका फायदा आगे चलकर किसान भाइयों को अपनी फसल के उत्पादन में 30 से 40% तक की वृद्धि करके मिल सकता है।
प्री-इमरजेंस और पेंडिमेथलीन का कार्य करने का तरीका
किसान भाइयों, प्री-इमरजेंस हर्बीसाइड का अर्थ है कि यह अंकुरण से पहले खरपतवार पर प्रभाव डालता है। पेंडिमेथलीन 30% का उपयोग तभी प्रभावी होता है जब इसे फसल बुआई के तुरंत बाद खेत में छिड़का जाता है। जैसे ही यह हर्बीसाइड जमीन पर स्प्रे किया जाता है, यह एक रक्षात्मक परत बना लेता है, जो खरपतवार के बीजों को अंकुरित होने से रोकता है। यह परत न केवल खरपतवार के बीजों के अंकुरण को रोकती है, बल्कि यदि बीज अंकुरित हो भी जाएं तो जैसे ही वे जमीन से बाहर निकलते हैं, इस परत की वजह से तुरंत नष्ट हो जाते हैं। इस तरह से खेत में खरपतवार के कारण फसल में आने वाली परेशानियों का भी समाधान हो जाता है, और किसान भाइयों को 40-50 दिनों तक खरपतवार की समस्या से छुटकारा मिल जाता है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
सही प्रयोग विधि
किसान साथियों, आपको पेंडिमेथलीन 30% के उपयोग के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसका उपयोग आपको बुवाई के तुरंत बाद करना चाहिए या फिर आप बुवाई के अगले दिन कर सकते हैं, लेकिन उसके बाद इसका उपयोग करने पर आपको लाभ नहीं मिलेगा। इसका छिड़काव करते समय आपको इस बात का भी विशेष ध्यान रखना है कि आपके खेत में पर्याप्त नमी हो। यदि आपके खेत में पर्याप्त नमी होगी तो हर्बीसाइड की परत अच्छी तरह से जमीन से चिपक जाती है, जो अधिक समय तक आपकी फसल को खरपतवार से बचाकर रखती है। यदि आपके खेत में नमी की मात्रा कम होगी तो इसका असर कम हो जाएगा और खरपतवार का खतरा बढ़ जाएगा। इसके छिड़काव के लिए बुवाई के तुरंत बाद शाम का समय सबसे उत्तम बताया गया है। शाम के समय तापमान कम हो जाता है, जिसके कारण हर्बीसाइड की परत जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत बना लेती है। यदि आप इसका उपयोग दिन में धूप में करते हैं तो गर्मी के कारण इसकी परत उड़ सकती है और इसका प्रभाव कम हो सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जोताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लें ताकि आपके खेत में ढेले न हों, क्योंकि ढेलों पर हर्बीसाइड की परत टूट जाती है और खरपतवार के अंकुरण पर इसका प्रभाव कम हो जाता है। इसका स्प्रे करते समय खेत में उल्टे कदमों से चलें ताकि पैरों के नीचे हर्बीसाइड की परत न टूटे। यह परत बहुत ही कमजोर होती है; आपके पैर रखने से इसका प्रभाव कम हो सकता है और आपकी फसल में खरपतवार नियंत्रण में कमी आ सकती है। पेंडिमेथलीन 30% ई.सी. का स्प्रे करने के लिए इसकी सही मात्रा अत्यंत आवश्यक है। इसकी अधिक मात्रा का उपयोग करने से फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और कम मात्रा का उपयोग करने से यह खरपतवार को पूरी तरह से रोक नहीं पाएगा। प्रति एकड़ इसका छिड़काव करने के लिए आप 1 लीटर दवाई का उपयोग कर सकते हैं। आप स्प्रे की 20 लीटर वाली टंकी में 80 से 90 मिलीलीटर इस दवाई को मिलाकर छिड़काव करें।
प्रभाव और परिणाम
पेंडिमेथलीन 30% के उपयोग से किसान 30 से 40 दिनों तक खेत में खरपतवार से सुरक्षित रहते हैं। यह न केवल फसल को खरपतवारों से बचाता है बल्कि इसके कारण फसल को अतिरिक्त पोषण भी मिलता है। खरपतवार के अभाव में फसल तेजी से बढ़ती है और उपज में भी वृद्धि होती है। पेंडिमेथलीन का नियमित और सही उपयोग करने से किसानों को उत्पादन में 20-30% तक का इजाफा मिल सकता है, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होती है।
अन्य हर्बीसाइड विकल्प
यदि पेंडिमेथलीन 30% उपलब्ध नहीं है, तो इसके अन्य वर्जन भी बाजार में उपलब्ध हैं जैसे 38% सॉल्यूशन। इस इस प्रकार और मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है, जिस मात्रा और विधि से आप पेंडिमेथलीन 30% को करते हैं। यह दवाई आपको अलग-अलग ब्रांड और अलग-अलग कंपनियों के नाम से मिल सकती है लेकिन इसमें पेंडिमेथलीन का 30% या 38% समाधान है तो इसका उपयोग प्रभावी रहेगा।
नोट:- रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है किसान भाई संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।