बालियां निकलने से पहले ये एक काम जरूर कर लेना | जाने कृषि वैज्ञानिकों ने क्या दी सलाह
किसान साथियो मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में लगभग 2 लाख 18 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसान रबी सीजन में गेहूं की खेती करते हैं। इस समय गेहूं की फसल में बालियां आने लगी हैं। हालांकि, जिन किसानों ने देरी से बुवाई की है, वे अभी भी अपनी फसल को बेहतर बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। इस बीच, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को चेतावनी दी है कि गेहूं की फसल में सिंचाई के दौरान यूरिया का छिड़काव करने से बचना चाहिए। यूरिया का अनुचित उपयोग फसल को नुकसान पहुंचा सकता है और उत्पादन में कमी ला सकता है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. जीएस कुलमी ने किसानों को गेहूं की फसल में यूरिया के उपयोग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए यूरिया का इस्तेमाल जरूरी है, लेकिन इसकी मात्रा और समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर किसान यूरिया का अधिक मात्रा में या गलत समय पर उपयोग करेंगे तो इससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए किसानों को यूरिया का उपयोग करते समय निर्धारित मात्रा और समय का पालन करना चाहिए। इससे न केवल फसल का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि किसानों को खर्च भी कम आएगा।
यूरिया का कैसे करे छिड़काव
गेहूं की खेती में उर्वरक का प्रयोग बेहद महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की फसल के लिए पोटाश और फॉस्फोरस को बुवाई के समय ही खेत में मिला देना चाहिए। लेकिन यूरिया का प्रयोग थोड़ा अलग तरीके से किया जाना चाहिए। यूरिया को एक बार में पूरी मात्रा में नहीं डालना चाहिए, बल्कि इसे तीन भागों में बांटकर अलग-अलग समय पर खेत में डालना चाहिए। यूरिया की आधी मात्रा को बुवाई के समय ही खेत में मिला देना चाहिए और शेष आधी मात्रा को बाद में आवश्यकतानुसार दिया जा सकता है। यह तरीका फसल को अधिक पोषण प्रदान करता है और उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।
कब और कितनी मात्रा में करें यूरिया का छिड़काव
गेहूं की फसल में यूरिया का उपयोग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बुवाई के बाद बची हुई यूरिया की मात्रा को दो भागों में बांटकर अलग-अलग समय पर प्रयोग करना चाहिए। पहला चौथाई हिस्सा बुवाई के 20 से 22 दिन बाद और दूसरा चौथाई हिस्सा बुवाई के 40 से 42 दिन बाद फसल में छिड़काव करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यूरिया का छिड़काव सिंचाई के बाद किया जाए, न कि पहले। सिंचाई से पहले यूरिया का छिड़काव करने से यह मिट्टी में नीचे चला जाता है और पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाता, जिससे फसल को उचित पोषण नहीं मिल पाता। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
यूरिया छिड़काव का सही तरीका क्या है
वैज्ञानिक डॉ. कुलमी का मानना है कि, सिंचाई से पहले यूरिया का छिड़काव करते है और फिर सिंचाई करते है तो यूरिया पानी के बहाव के साथ बह जाती है. खेत में जहां ठाल या स्लोप होता है वहां पानी के साथ यूरिया जमा हो जाता है. जिससे खेत में एक समान यूरिया का प्रभाव नहीं पड़ता है. इसलिए यूरिया का उपयोग सिंचाई के 2-3 दिन बाद ही करना चाहिए. इससे यूरिया का समान रूप से फैलाव होगा और पूरी फसल को फायदा मिलेगा.
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।