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क्या 4000 हो जाएगा गेहूं का भाव | जानिए क्या कहते हैं जानकार

क्या 4000 हो जाएगा गेहूं का भाव | जानिए क्या कहते हैं जानकार
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दोस्तों अक्टूबर अब खत्म ही होने वाला है कुछ दिनों बाद दीपावली का त्यौहार मनाया जाने वाला है, और इसके बाद नवंबर में शादियों का सीजन शुरू होगा। इस प्रकार, दिसंबर तक देश में त्यौहारों की धूम देखने को मिलेगी। लेकिन इस त्यौहारी सीजन की शुरुआत से पहले ही देश में गेहूं के भाव में उलझन आ गई है। गेहूं के दाम अचानक बढ़ गए हैं और सरकार के लिए स्थिति चिंताजनक बनती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि त्यौहारी सीजन में गेहूं की मांग में बढ़ोतरी होने से दाम और बढ़ सकते हैं।

हाल के दिनों में गेहूं के दामों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। यदि हम देश में हाल ही में गेहूं की स्थिति को ध्यान में रखें, तो यह स्पष्ट होता है कि सरकारी नियंत्रण के बावजूद गेहूं के दामों में बढ़ोतरी जारी है। केंद्र सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू की हुई है। सभी व्यापारियों को नियमित रूप से सरकार को गेहूं के स्टॉक की जानकारी देना अनिवार्य है, फिर भी पिछले दो महीनों में गेहूं के दाम ₹200 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के साथ ₹3100 प्रति क्विंटल को पार कर चुके हैं। यह उछाल इस बात का संकेत है कि आगे भी गेहूं के दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है।

दिल्ली फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अधिकारियों का मानना है कि यदि बाजार में गेहूं की आवक नहीं बढ़ी, तो दीपावली तक गेहूं के दाम ₹3500 प्रति क्विंटल को पार कर सकते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि नई फसल आने में अभी कुछ समय है। उन्होंने सुझाव दिया है कि गेहूं के दामों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार को ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के माध्यम से गेहूं बेचना चाहिए। यदि ओएमएसएस के जरिए गेहूं एक निश्चित दाम पर बाजार में आएगा, तो इससे भावों में गिरावट आ सकती है।

हालांकि, बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले त्यौहारी सीजन में गेहूं के दामों में और तेजी आने की संभावना है। जिन किसानों के पास गेहूं का स्टॉक है, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे बाजार के रुख को समझते हुए अपनी फसल को बेचें।

सरकारी स्टॉक का हाल

एक अप्रैल को देश के पास लगभग 75 लाख मेट्रिक टन गेहूं था, जो बफर स्टॉक से थोड़ा अधिक था। इस वर्ष सरकारी खरीद के तहत 266 लाख मेट्रिक टन गेहूं का संग्रह किया गया है। यदि इसे जोड़ा जाए, तो सरकार के पास 340 लाख मेट्रिक टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है।

सरकारी राशन वितरण के लिए 185 लाख मेट्रिक टन गेहूं अलग रखा जाना आवश्यक है, जिससे सरकार के पास 155 लाख मेट्रिक टन अतिरिक्त स्टॉक बचता है। इसके अलावा, 1 अप्रैल तक कम से कम 75 लाख मेट्रिक टन गेहूं बफर स्टॉक के लिए बनाए रखना आवश्यक है। ऐसे में ओएमएसएस के माध्यम से गेहूं का खुला बाजार में आना फिलहाल संभव नहीं दिख रहा।

बाजार के जानकारों का मानना है कि त्यौहारी सीजन में गेहूं के दाम ₹4000 प्रति क्विंटल के स्तर को भी पार कर सकते हैं, जो कि किसानों और उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है। इस स्थिति को समझते हुए, कृषि नीति में बदलाव और उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि गेहूं की कीमतों को स्थिर रखा जा सके और सभी हितधारकों के लिए लाभकारी स्थिति सुनिश्चित की जा सके।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।