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हूती विद्रोहियों के हमले बन रहे विश्र्व व्यापार के लिए खतरा | भारत भी अछूता नहीं

हूती विद्रोहियों के हमले बन रहे विश्र्व व्यापार के लिए खतरा | भारत भी अछूता नहीं
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हूती विद्रोहियों के हमले बन रहे विश्र्व व्यापार के लिए खतरा | भारत भी अछूता नहीं
दोस्तो नवंबर महीने से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापारियों के लिए यह स्थिति अब बद से बदतर हो रही है। लाल सागर में हो रहे विद्रोहियों के हमलों के कारण समुद्री मार्ग से माल ढुलाई की दरें 6 गुना तक महंगाई बढ़ गई हैं, जिससे विश्व व्यापार को खतरा बना हुआ है। भारतीय निर्यातकों ने इस बारे में चिंता जताई है और कहा है कि सरकार को अपनी खुद की शिपिंग लाइन शुरू करनी चाहिए। लाल सागर में हो रहे विद्रोहों के कारण  इस समस्या का समाधान अभी नहीं हो पा रहा है। परिणामस्वरूप, विश्व व्यापार पर भी खतरा बढ़ रहा है, और समुद्री मार्ग से माल ढुलाई की दरें भी वृद्धि हो रही हैं।

मालवाहक जहाजों पर मिसाइल से हुआ हमला
माल्टा के ध्वज लगे पोत पर मंगलवार को मिसाइल से हमला हुआ, जिससे जहाज को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। यूनान के अधिकारियों के अनुसार, हमले की जिम्मेदारी किसी समूह ने अभी नहीं ली है, लेकिन इसे यमन के हूती विद्रोहियों के संबंध में सन्देह जताया जा रहा है। यूनान के जहाजरानी एवं द्वीप नीति मंत्रालय के अनुसार, हमला "जोग्राफिया" नामक पोत पर किया गया, जो उत्तर से स्वेज नहर की ओर जा रहा था। मंत्रालय ने बताया कि पोत पर कोई सामान नहीं था। परतुं जहाज क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसमें यूक्रेन, फिलीपीन, और जॉर्जिया के नागरिक शामिल थे।

भारतीय शिपिंग लाइन जारी होना जरूरी
लाल सागर में संकट के कारण समुद्री मार्ग से माल ढुलाई की दरें 600 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं, जिससे विश्व व्यापार को नुकसान हो रहा है। भारतीय निर्यातकों ने इस चिंता का अभिव्यक्ति किया है और कहा है कि सरकार को वैश्विक स्तर पर अपनी खुद की शिपिंग लाइन शुरू करनी चाहिए। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह समस्या विभिन्न देशों में मुद्रास्फीति को बढ़ाने के अलावा, वस्तुओं की वैश्विक मांग को भी कमजोर कर सकती है।

लाल सागर पर हुए हूती विद्रोहियों के हमले
लाल सागर में हुताती विद्रोहियों ने कई हमले किए हैं, जिनसे भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य के आसपास प्रभावित हो रहा है। इससे समुद्री व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव हो रहा है। हुताती विद्रोहियों के संभावित हमलों से बचने के लिए, जहाजों को अब अफ्रीका के दक्षिणी सिरे, केप ऑफ गुड होप, से होकर गुजरना पड़ रहा है। इससे माल पहुंचाने में 14-20 दिन की देरी हो रही है और ढुलाई के साथ बीमा लागत भी बढ़ गई है। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में, भारतीय निर्यातकों के माननीय नेता अजय सहाय ने विश्वस्तरीय भारतीय शिपिंग लाइन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है। कि अपनी खुद की भारतीय शिपिंग लाइन होना अत्यधिक जरूरी है।

भारतीय पोतों पर हुए हमले बने चिंतन का विषय
  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बताया कि भारत के आसपास पोतों पर हमलों के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे खतरों का सीधा असर भारत की ऊर्जा जरूरतों और आर्थिक हितों पर पड़ सकता है। गौरतलब है कि इस अवरोध के चलते भारतीय निर्यातकों को बासमती चावल निर्यात करने में कठिनाई आ रही है। पिछले कुछ दिनों में बासमती चावल के भाव 500-700 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर चुके हैं

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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