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पराली जलाने वालों किसानों पर प्रशासन हुआ सख्त, किसानों पर लगाया जा रहा है जुर्माना

पराली जलाने वालों किसानों पर प्रशासन हुआ सख्त, किसानों पर लगाया जा रहा है जुर्माना
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किसान साथियो पराली जलाने वाले किसानो पर अब सरकार सख्ती से पेश आ रही है। हरियाणा करणाल कृषि विभाग के अधिकारी पराली के जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन के साथ काम कर रहे हैं। जिसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। जिले में अब तक पराली जलाने के 21 मामले सामने आ चुके हैं। कृषि विभाग ने पराली जलाने की घटनाओं में शामिल किसानों पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है। पराली प्रदूषण को रोकने के लिए कृषि विभाग अब अलर्ट मोड में है। इसकी समयबद्धता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तहसील के हर स्तर पर 350 अधिकारियों और कर्मचारियों को इस काम में लगाया गया है, जो किसानों के साथ दिन-रात काम करके उन्हें पराली न जलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

कृषि मंत्रालय किसानों के बीच जागरूकता बढ़ा रहा है। इतना सब कुछ होने के बाद भी जो किसान नहीं मान रहे हैं, उन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि पराली जलाने वाले किसानों को अन्य सरकारी कार्यक्रमों के लाभ से भी वंचित होना पड़ सकता है। सरकार जुर्माना लगाकर और किसानों को डरा-धमका कर पराली जलाने की घटनाओं को कम करने की कोशिश कर रही है।

किसानों को जागरूक करने का है दिया आदेश
कृषि विभाग और जिला प्रशासन ने फील्ड टीमों को दिन-रात पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने और किसानों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। किसानों को बताया गया कि सरकार फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ एक हजार रुपये तथा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर 50 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है।

कितनी हुई है धान की बुवाई इस सीजन मे ?
कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार जिले में 4 लाख 25 हजार एकड़ में धान की फसल लगाई गयी है। इसमें से करीब 1 लाख 60 हजार एकड़ में बासमती फसलें लगाई जाती हैं और बाकी में गैर-बासमती फसलें लगाई गई हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनमें से अब तक करीब 60 प्रतिशत एरिया में फसल कट चुकी है। इस 60 प्रतिशत एरिया में से करीब 20 प्रतिशत क्षेत्र में इन सीटू या एक्ससीटू के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन किया जा चुका है । जबकि बाकी में जल्द ही फसल अवशेष प्रबंधन के प्रयास किए जा रहे हैं, कृषि अधिकारी ने कहा कि अब तो पराली की गांठें बिक रही हैं। जिसकी दर 1290 रुपये प्रति टन तय की गई है.

पराली जलाने की घटनाओं में हुई कमी
उप जिला कृषि अधिकारी डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि जागरूकता और कृषि विभाग व प्रशासन द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के कारण जिले में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। अगर पराली जलाने की घटनाओं की बात करें तो 2021 में 957 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2022 में मामले घटकर 309 हो गए। इस साल यानी 2023 में अब तक 17 मामले सामने आए हैं। विभाग असंध, घरौंडा, निसिंग आदि ब्लॉकों पर ध्यान दे रहा है। क्योंकि इन इलाकों में धान की बुआई देर से होती थी।
उन्होंने कहा कि टीमें हर क्षेत्र में विशेष निगरानी रखें ताकि पराली जलाने की कोई घटना न हो। साथ ही, पूर्व में पराली जलाने की घटनाओं में शामिल रहे किसानों से संपर्क कर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जाती है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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