सरकार गेहूं की खरीद पर देगी 125 रुपए का बोनस | जाने क्या करना होगा आपको
किसान साथियो मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं पर किसानों को 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने गेहूं उपार्जन के लिए समर्थन मूल्य भी बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले साल की तुलना में 150 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। यह निर्णय किसानों को उनके उत्पाद के उचित मूल्य दिलाने और उनकी मेहनत का सम्मान करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। मध्य प्रदेश सरकार किसानों की खुशहाली और समृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
31 मार्च 2025 तक करा सकते है रजिस्ट्रेशन
राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण शुरू कर दिया है। किसान 31 मार्च, 2025 तक ऑनलाइन या फिर ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्रों पर जाकर निःशुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं। किसानों की सुविधा के लिए, सरकार ने किसान ऐप के माध्यम से घर बैठे पंजीकरण की सुविधा भी प्रदान की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
MP में अब तक सरकार ने कितना ख़रीदा धान
राज्य में धान की खरीद का कार्य जोरों पर है। अब तक 6 लाख 68 हजार 654 किसानों से 43 लाख 47 हजार 206 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अनुसार, धान कॉमन का मूल्य 2,300 रुपये प्रति क्विंटल और धान ग्रेड-ए का मूल्य 2,320 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। किसानों के बैंक खातों में 8267 करोड़ 1 लाख रुपये की राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। खरीदी गए धान में से 39 लाख 66 हजार 473 मीट्रिक टन को विभिन्न स्थानों पर स्थानांतरित किया जा चुका है और 12 लाख 55 हजार 412 मीट्रिक टन धान को मिलों में भेजा जा चुका है।
सरकार दे रही ही कम कीमतों पर बीज, फर्टिलाइजर
राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 5 लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है, जबकि मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना से 66 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। इन योजनाओं के तहत किसानों को सस्ती दर पर बीज, उर्वरक और कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की सहायता से संचालित 'आत्मा' कार्यक्रम के तहत कृषि विस्तार सेवाओं को मजबूत बनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को कृषि प्रशिक्षण, कृषि मेले और संगोष्ठियों का आयोजन करके नवीनतम कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाती है। वर्ष 2023-24 में 2 लाख 35 हजार से अधिक किसानों ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया है। इसके अलावा, किसानों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य, जिला और विकास खंड स्तर पर पुरस्कृत भी किया जा रहा है।
बीज ग्राम योजना के तहत किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत लगभग 2 लाख 92 हजार 750 किसानों को 80 हजार 275 क्विंटल बीज वितरित किए गए हैं। साथ ही, किसानों को उनकी जमीन की उर्वरकता के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए स्वाइल हेल्थ कार्ड भी दिए जा रहे हैं। इन कार्डों के माध्यम से किसानों को अपनी फसल के लिए आवश्यक उर्वरक और पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में पता चलता है, जिससे वे अधिक उत्पादन ले सकते हैं। पिछले दो वर्षों में लगभग 9 लाख 73 हजार 250 किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। इन दोनों ही योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
सरकार दे रही है माइक्रो इरिगेशन पर 55% तक की सब्सिडी
सरकार किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को स्प्रिंकलर, ड्रिप और रेनगन जैसी सिंचाई तकनीकों पर सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को इकाई लागत का 55% और अन्य किसानों को 45% का अनुदान दिया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 17,496 किसानों को लाभान्वित किया गया है। इस योजना से किसानों को सिंचाई के पानी का अधिकतम उपयोग करने में मदद मिल रही है और फसलों का उत्पादन बढ़ रहा है। साथ ही, यह योजना जल संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
नलकूप खनन पर सरकार दे रही है 75% तक की सब्सिडी
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को कृषि कार्य में सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। इनमें से एक योजना के तहत किसानों को नलकूप खनन और पंप स्थापना के लिए 75% तक की सब्सिडी दी जा रही है, जिसकी अधिकतम सीमा 15 हजार रुपये है। वर्ष 2024-25 में इस योजना का लाभ 212 किसानों को प्रदान किया गया है। राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। वर्ष 2024-25 में 2169 किसान समूहों को जैविक खेती के लिए स्वीकृति दी गई है, जिसका उद्देश्य 43 हजार 380 हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती को बढ़ावा देना है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड का भी गठन किया गया है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।