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सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों को दिए जाने वाले गेहूं के भाव किये कम | जाने पूरी खबर क्या है

सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों को दिए जाने वाले गेहूं के भाव किये कम | जाने पूरी खबर क्या है
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सरकार द्वारा बफर स्टॉक से केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से भारत ब्रांड आटा बनाने हेतु गेहूं 2150 रुपए प्रति कुंतल के भाव में दिया जाता रहा है, उसे 435 रुपए प्रति कुंतल घटा दिया गया है। इससे गेहूं सहित आटा मैदा सूजी के भाव खुले बाजार में 75 से 100 रुपए घटकर बोलने लगे तथा इन भावों में भी खबर लिखे जाने तक कोई व्यापार नहीं सुना गया। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की महंगाई को नियंत्रण के लिए इस समय दो तरह की योजनाएं खुले बाजार में जारी की गई थी। पहली योजना यह है कि 2150 रुपए प्रति क्विंटल के बेसिक प्राइस में खुले बाजार में टेंडर द्वारा 200 क्विंटल प्रति मिल साप्ताहिक बेचा जा रहा था। दूसरी योजना सरकार द्वारा अपनी केंद्रीय एजेंसियों को 2150 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में बेचा जा रहा था, वह एजेंसियां अपने पैनल वाली रोलर फ्लोर मिलों को गेहूं देकर 27.50 रुपए प्रति किलो के भाव में आटा खुले बाजार में बेच रही थी। अब केंद्रीय एजेंसियों को जो 2150 रुपए प्रति कुंतल के भाव में गेहूं बेचा जाता था, उसे घटकर 1715 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया, यानी 435 घटा दिया गया। जिस कारण खुले बाजार में भी एक बार दूर-दूर तक लिवाल दिखाई नहीं दे रहे हैं।

आज खबर लिखे जाने तक जो गेहूं 2620/2625 रुपए प्रति कुंतल लॉरेंस रोड पर मिल पहुंच में बिका था, उसके भाव 2500/2550 रुपए प्रति क्विंटल रह गए तथा इन भावों में भी कोई व्यापार नहीं सुना गया। आटा मैदा सूजी के भाव भी मिलों द्वारा कम से कम 50 रुपए प्रति 50 किलो घटाकर व्यापार किए जाने की खबर थी। बाजारों में स्टॉकिस्ट, ट्रेडर्स एवं रोलर फ्लोर मिल वाले बिल्कुल दहशत में आ गए हैं तथा तेजी से स्टॉकिस्टों की भी बिकवाली आने लगी है, जिस कारण एक बार दलदल की स्थिति बन गई है। गौरतलब है कि गेहूं की नई फसल आने में अभी 4 महीने का समय बाकी है तथा गत वर्ष भी गेहूं के भाव दिसंबर से फरवरी तक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे, जिसे संज्ञान में लेते हुए सरकार महंगाई को नियंत्रण के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर चुकी थी। गौरतलब है कि 2925 रुपए ऊपर में गेहूं बिक गया था, जो अब चौतरफा बिकवाल है तथा क्वालिटी के अनुसार माल 2500/2550 रुपए प्रति कुंतल रह गए हैं। ये भी पढ़े :-बासमती धान में मंदा समाप्त, कितने तेज हो सकते हैं बासमती चावल के दाम, जानें रिपोर्ट

आटे के भाव भी चक्कियां व मिलें 1400/1450 रुपए प्रति 50 किलो बोलने लगी है। गेहूं की बिजाई भी इस बार अधिक हुई है। दूसरी ओर मौसम भी अनुकूल है, इन परिस्थितियों में अधिक गेहूं और घट सकता है। तथा नई फसल आने तक अब गेहूं में तेजी दिखाई नहीं दे रही है। सरकार द्वारा इस बार 262 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद किया गया था, जो गत वर्ष की अपेक्षा 75 लाख मीट्रिक टन अधिक रहा है। पुराना स्टॉक भी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अधिक बचा है। यही कारण है कि बाजार से तेजी अब गायब हो चुकी है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।