रुपये पर फिर से आया डॉलर का प्रेशर | जाने क्या हुआ उलटफेर
रुपये पर फिर से आया डॉलर का प्रेशर | जाने क्या हुआ उलटफेर
दोस्तों, हाल ही में भारतीय रुपया (INR) ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है। डॉलर के मुकाबले रुपये का लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में रुपये के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। पिछले हफ्ते रुपये में 1% से ज्यादा की तेजी देखी गई थी, जो बाजार में एक सकारात्मक संकेत था। लेकिन इस हफ्ते की शुरुआत में डॉलर ने रुपये को दबा दिया है। पिछले हफ्ते भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले आई मजबूती के पीछे मुख्य कारण था भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का हस्तक्षेप। क्योंकि RBI ने अपनी नीति के तहत रुपये को स्थिर करने के लिए कुछ उपाय किए थे, जिससे बाजार में विश्वास बना रहा था। इसके अलावा, वैश्विक बाजारों में कुछ स्थिरता भी देखने को मिली थी, जिससे रुपये को समर्थन मिला। अगर हम पिछले दो-तीन दिन की बात करें तो शुक्रवार को रुपया 21 पैसे की बढ़त के साथ 86.71 पर बंद हुआ था। और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक अच्छा संकेत था, क्योंकि आमतौर पर रुपये की स्थिति अस्थिर रहती है और उसे संतुलित करने के लिए कई कारक काम करते हैं। हालांकि, इस हफ्ते की शुरुआत में स्थिति उलट गई है और अब रुपये को डॉलर के मुकाबले चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि सोमवार को जब बाजार खुले, तो भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे गिरकर 86.76 पर आ गया। कुछ जानकारों के अनुसार यह गिरावट खासकर विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से निकासी की वजह से आई है। इसके अलावा, कुछ जानकारों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और घरेलू शेयर बाजार में गिरावट भी रुपये पर दबाव डाल रही है। साथ ही कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस हफ्ते रुपये को और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि वैश्विक अनिश्चितताएं और विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से पैसा निकालना रुपये की स्थिति को और कमजोर कर रहा है। साथ ही, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि भी रुपये के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। क्योंकि जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत को अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा डॉलर की आवश्यकता होती है, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ता है। तो चलिए हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि वह कौन से महत्वपूर्ण कारक हैं जो इस समय डॉलर के मुकाबले रुपये को कमजोर कर रहे हैं और इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, तथा भविष्य में रुपये की स्थिति किस दिशा में इशारा करती है। इन सब बातों को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट में।
चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका
दोस्तों, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की भूमिका रुपये को स्थिर रखने में अहम है। क्योंकि जब रुपया गिरता है, तो RBI बाजार में हस्तक्षेप करता है और विदेशी मुद्रा भंडार से रुपये की खरीदारी करता है। इस तरह से RBI रुपये को स्थिर करने के प्रयास करता है। और अगर पिछले सप्ताह की बात की जाए तो RBI ने इसमें कुछ हद तक सफलता भी प्राप्त की थी। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार निकासी और वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव ने RBI के प्रयासों को चुनौती दी है। लेकिन बावजूद इसके RBI के पास भारतीय मुद्रा को स्थिर करने के लिए कुछ उपाय हैं, जैसे कि कम स्तर पर भंडार जमा करना और उच्च स्तर पर फॉरवर्ड अनुबंध बेचना। लेकिन इन उपायों के बावजूद, जब वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ती है, तो रुपये की स्थिति कमजोर हो सकती है।
विदेशी निवेशकों की निकासी
दोस्तों, भारत में विदेशी निवेशकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि जब विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय बाजार से पैसा निकालते हैं, तो इसका सीधा असर रुपये पर पड़ता है। हाल ही में, विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली की है। केवल शुक्रवार को, विदेशी निवेशकों ने 4,294.69 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। और इस बिकवाली के कारण भारतीय बाजार में दबाव बना है, जो रुपये को प्रभावित कर रहा है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि विदेशी निवेशकों की निकासी के कारण रुपये पर और भी दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि इससे भारत में डॉलर की मांग बढ़ती है, जबकि रुपये की आपूर्ति घटती है। जब डॉलर की मांग बढ़ती है, तो रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमत बढ़ जाती है, जिससे रुपये की कमजोरी बढ़ जाती है।
कच्चे तेल की कीमतों का असर
साथियों, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि भी रुपये की कमजोरी का एक बड़ा कारण है। क्योंकि जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत को अपने तेल आयातों को पूरा करने के लिए अधिक डॉलर की आवश्यकता होती है। इसके कारण डॉलर की मांग बढ़ जाती है और रुपये पर दबाव बनता है। आपको बता दें कि इस समय ब्रेंट क्रूड की कीमत $74.83 प्रति बैरल के आसपास चल रही है, जो रुपये की कमजोरी में एक और कारक है। क्योंकि भारत, जो तेल का प्रमुख आयातक है, को बढ़ती कीमतों के कारण ज्यादा डॉलर की जरूरत पड़ती है, जिससे रुपये पर अतिरिक्त दबाव बनता है। यह स्थिति रुपये की गिरावट को और तेज कर सकती है।
चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
डॉलर इंडेक्स और रुपये का रिलेशन
दोस्तों, डॉलर इंडेक्स (DXY) डॉलर की ताकत का मापदंड है, जो छह प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाता है। हाल ही में डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय रुपये पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। डॉलर इंडेक्स में हाल के दिनों में 1.5% की गिरावट आई है, लेकिन भारतीय रुपये का प्रदर्शन सीमित दायरे में ही रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर इंडेक्स में गिरावट के बावजूद भारतीय रुपया ज्यादा मजबूत नहीं हो पाया। इसका कारण यह है कि भारतीय रुपये के मुकाबले डॉलर की मांग बढ़ रही है, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ अस्थिरता भी देखी जा रही है। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की निरंतर निकासी और घरेलू बाजार की गिरावट भी रुपये को प्रभावित कर रही है।
रुपये के लिए आगे की राह
साथियों, मौजूदा कारणों पर नजर डाली जाए तो इस समय भारतीय रुपये के लिए स्थिति थोड़ी कठिन है। विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये को कुछ और समय तक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके बावजूद, भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के प्रयासों से रुपये की स्थिति को कुछ हद तक स्थिर किया जा सकता है। हालांकि, विदेशी निवेशकों की निकासी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं रुपये की कमजोरी को बढ़ा सकती हैं। इसलिए, रुपये के निवेशकों और कारोबारियों को चाहिए कि वे इन घटनाक्रमों पर नजर बनाए रखें और अपनी रणनीतियों को उसी के अनुसार तैयार करें।
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।