Movie prime

अमेरिका में डूब रहे एक एक बाद एक बैंक जानिए क्या है इसकी वज़ह | क्या आएगी आर्थिक मंदी

अमेरिका में डूब रहे एक एक बाद एक बैंक जानिए क्या है इसकी वज़ह | क्या आएगी आर्थिक मंदी

Why are Americans Banks Falling दोस्तो कुछ दिनों पहले अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के डूबने का समाचार आपने सुना ही होगा। अब खबर आ रही है कि स्विस बैंक क्रेडिट सुइस की हालत भी ठीक नहीं है। सोचने वाली बात है कि इतने बड़े बड़े बैंक आखिर क्यूँ डूब रहे है। क्या भारत पर इन बैंकों के डूबने का कुछ असर होगा। क्या भारत की आम जनता, किसानों के साथ साथ फ़सल की तेजी मंदी पर इसका कुछ असर पड़ सकता आज। आज की रिपोर्ट में हम इसी विषय का विश्लेषण करने वाले हैं। वित्तीय बाजारों में इन दिनों काफी हलचल मची हुई है। 2008 के आर्थिक मंदी जैसे हालातों के बाद पहली बार 15 साल में दुनिया के बैंकिंग सेक्टर में इतनी कमजोरी दिख रही है। डूबते बैंकों को देखकर लोगों के मन में काफी दुविधा की स्थिति  है कि आखिरी ऐसा क्यों हो रहा है और इसका आम लोगों के जीवन पर क्या असर होगा। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे

कोन कोन से बैंक डूबे
अमेरिका में पिछले चंद दिनों में ही तीन बड़े बैंक जिनमें सिलिकॉन वैली बैंक, सिल्वरगेट कैपिटल कॉर्प, और सिग्नेचर बैंक शामिल हैं धराशायी हो चुके हैं। इसके अलावा , एक अन्य फर्स्ट रिपब्लिक बैंक की भी वित्तीय हालत ठीक नहीं बतायी जा रही है। जिसके चलते इस बैंक के शेयर में 70 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। हालांकि, फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को अन्य बड़े बैंकों के द्वारा 30 अरब की वित्तीय सहायता दी गई है, जिससे इस बैंक की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार आया है। हालातों को बिगड़ते देख नुकसान में चल रहे यूरोपीय बैंक क्रेडिट सुइस से भी निवेशकों ने हाथ पीछे खींच लिए हैं जिसके बाद इस बैंक पर भी संकट के बादल छा गए हैं। कहीं मंदा कहीं तेज | देखें सरसों मंडियों में आज क्या लग रहे हैं टोप भाव | Sarso Live Rate Today 18 Mar 2023

आखिर क्यूँ डूब रहे हैं बैंक
दोस्ती कोरोना महामारी के बाद दुनिया भर में सरकारों को महंगाई की समस्या से जुझना पड़ रहा है। अमेरिका समेत दुनिया के अन्य सभी देश पिछले एक साल से महंगाई से जूझ रहे हैं। इस कारण अमेरिका के साथ दुनिया के देशों ने मंहगाई को रोकने के लिए लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना शुरू कर दिया। आपने देखा ही होगा कि भारत में भी रिजर्व बैंक ने पिछले एक साल में 4-5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। नतीजा यही हुआ कि इस लोगों के लिए कर्ज लेना पहले के मुकाबले महंगा हो गया। इसका बड़ा असर उन स्टार्टपस पर पड़ा जो अभी इतनी मजबूत नहीं थी कि बढ़ी हुई दरों पर लोन का भुगतान कर सकें। फलस्वरुप ईन ऋणों डिफॉल्ट होने लगे और बैंकों की हालत खराब होने लगी। खपत कम होने से अर्थव्यवस्था भी धीमी होने लगी। इसी ने बैंकों की अर्थिक स्थिति को खराब कर दिया। Aaj Ka Narma Or Kapas Ka Taja Mandi Bhav नरमा और कपास के ताजा मंडी भाव 18 March 2023

क्या होगा आम जनता पर असर?
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अमेरिका में बैंकों के डूबने का भारत पर बहुत अधिक असर नहीं होगा। क्योंकि जिन बैंकों पर बड़ा आर्थिक संकट छाया है, उनका भारत में कारोबार काफी सीमित है। हालांकि क्रेडिट सुइस में अगर दिक्कतें आती हैं, तो अमेरिकी बैंकों के मुकाबले इसका प्रभाव भारत पर अधिक होगा। उम्मीद लगायी जा रही है कि अमेरिका में बैंक डूबने के कारण पिछले एक साल से लगातार बढ़ रही ब्याज दरों पर वहाँ का सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व कुछ समय के लिए रोक लगा सकता है। इस कारण कुछ समय के लिए लोगों को बढ़ती ब्याज दरों से राहत मिल जाएगी।
चूंकि अमेरीका एक बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम में और अधिक परेशानी आती है, तो फिर इसका दुनिया के शेयर बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जिससे भारतीय बाजार भी अछूते नहीं रह पाएंगे। बासमती किसानों के लिए जरूरी रिपोर्ट | अगर बासमती धान रखा हुआ है तो यह रिपोर्ट जरूर देख लें