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गेहूं की यह वैरायटी देगी आपको 65 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, जाने क्या है इसमें खास

bhart ne ki ghehu ni new kisam ki khoj

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गेहूं की यह वैरायटी देगी आपको 65 से 75 क्विंटल प्रति एकड़ जाने क्या है इसमें खास 

गेहूं भारत की यह एक ऐसी फसल है, जिसको भारत में अधिक  मात्रा में उगाया जाता है उत्पादन से साथ साथ भारत में इसकी की खपत भी बहुत ज्यादा है, भारत का गेहूं सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी जरूरतमंद देसो की जरूरत पूरी करता है। ऐसे में हमारे सभी किसान भाइयो पर अच्छी क्वालिटी का गेहूं उगाने की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। हमारे वैज्ञानिकों ने एक नई किस्म बनाई है जिसका नाम पूसा तेजस है भारतीय वैज्ञानिकों कहना है कि इस किस्म को उगाने से समय भी बचेगा और खर्चा भी कम लगेगा और एक अच्छी क्वालिटी के गेंहू की पैदावार होगी

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आइये जानते है यह किस्म कहा विकसित हुई और कब हुई

हम आप को बतादे यह किस्म साल 2016 में इंदौर कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित किया गया थी। यह किस्म आज के समय में मध्य प्रदेश के किसान भाईओ के लिए किसी भी वरदान से कम नहीं है।

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आइये जानते है पूसा तेजस गेहूं की नई किस्म की खासियत क्या है

जो भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित की गई पूसा तेजस गेहूं की किस्म का वैज्ञानिक नाम HI-8759 रखा है। यह गेहूं कई प्रकार से उपयोग किया जाता जैसे पास्ता, बेकरी उत्पादों के साथ-साथ नूडल, रोटी, मैक्रोनी आदि उत्पाद बनाने के लिए ज्यादा उपयोग किया जाता है। इस गेहूं की किस्म में  प्रोटीन, आयरन, विटामिन ए और जिंक जैसे पोषक तत्व शामिल है। और इस गेहूं की एक और खास बात है कि इस के सेवन करने से कई प्रकार के रोग नहीं होंगे जैसे गेरुआ रोग, करनाल बंट रोग और खिरने का रोग आदि नहीं लगते है

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ऐसे करें पूसा तेजस (HI-8759) की खेती

इस गेहूं की भी खेती वैसे ही होती है जैसे और गेंहू की खेती होती है लेकिन फिर भी  हम आप एक बार बता देते है। पूसा तेजस (HI-8759) गेहूं को बोने से पहले अपने खेतों में गहरी जुताई कर लीजिये जिससे मिट्टी भुरभुरी बन जायेगी । इसके बाद खेतों में जो गोबर की खाद होती है उसे डाल दो और खरपतवार नाशक दवा का दाल दे ताकि आप के खेतो में खरपतवार न लगे और आप की फसल अच्छी हो आपको पता होना चाहिए कि पूसा तेजस (HI-8759) गेहूं के बीजों को बोने से पहले  बीजों का उपचार करने की सलाह दी जाती है। ताकि आपकी फसल अच्छी हो और मुनाफा दुगना। इस गेहूं की किस्म को कार्बोक्सिन 75 प्रतिशत चाहिए होता है और कार्बनडाजिन 50% 2.5-3.0 ग्राम दवा से प्रति किलोग्राम के हिसाब से बीजों का उपचार करने की सलाह दी जाती है। गेहूं को बोने के लिए और समय को बचाने के लिए एक मशीन है जिसका नाम सीड ड्रिल मशीन (Seed Drill Machine) है इसका इस्तेमाल करने से हमारा समय भी बचेगा इसलिए हो सके तो सीड ड्रिल मशीन की सहायता जरूर ले । सीड ड्रिल मशीन से लाइनों के बीच 18 से 20 सेंटीमीटर और 5 सेंटीमीटर गहराई से बोया जाता है

पूसा तेजस (HI-8759) गेहूं का उत्पादन कितने महीनो के अंदर होता है

किसान भाईयो हम आप को बतादें की पूसा तेजस (HI-8759) किस्म बोने के बाद 2.5 महीने से 3 महीने के अंदर ही 55 से 75 क्विंटल तक पैदावार होती है। पूसा तेजस (HI-8759) गेहूं के 1000 दानों का वजन लगफग 50 से 60 ग्राम के बीच होता है। इस लिए यह काफी ज्यादा वजनदार हैं। साथ ही, देखने में बहुत सुन्दर होते हैं क्योंकि गेहूं चमकदार और कड़क होते हैं। इन गेंहू की रोटी बेहद ही स्वादिष्ट होती है।