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लाल सागर रूट और गल फ़ूड मेले से क्या है अपडेट | जाने बासमती की तेजी मंदी रिपोर्ट में

लाल सागर रूट और गल फ़ूड मेले से क्या है अपडेट | जाने बासमती की तेजी मंदी रिपोर्ट में
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किसान साथियों और व्यापारी भाइयों बासमती की बाजार में कब क्या हो जाए यह कोई नहीं जानता । इस पर 100% की सटीकता के साथ कोई भी रिपोर्टिंग नहीं कर सकता। मंडी भाव टुडे पर हम अपने दर्शकों के लिए कई सालों से बासमती के बाजार पर रिपोर्ट बनाते आ रहे हैं। हमारी रिपोर्ट अभी तक 90% तक सटीक बैठी है। बासमती के मौजूदा फंडामेंटल को देखते हुए बासमती की बाजार को तेज होना चाहिए लेकिन अभी तक बाजार में ऐसा नहीं देखने को मिला है । पिछले कई दिनों से यही ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि बासमती का बाजार बार-बार 100-200 रुपए बढ़कर फिर से 100-200 नीचे चला जाता है। इस समय हम सीजन की टॉप भाव से लगभग 400 से 500 नीचे चल रहे हैं। सीजन की शुरुआत से लेकर अब तक एक-एक करके बहुत सारी बाधाएं दूर हुई है लेकिन बासमती की बाजार में अभी तक तेजी की रौनक नहीं लौटी है। आज की रिपोर्ट में हम उन सभी घटकों की चर्चा करेंगे जो बासमती की बाजार में तेजी या मंदी रखने का माद्दा रखते हैं।

बाजार का सेंटीमेंट
दोस्तों सबसे पहले आपको यह बताने की इस समय सबसे बड़ी समस्या है बाजार का सेंटीमेंट। दिसंबर 2023 का महीना था जब बासमती की बाजार में गिरावट शुरू हुई थी और उसके बाद से लेकर आज तक बाजार में लगातार कमजोरी का ही रुझान दिखा है। मंदी का दौर इतना लंबा हो चुका है कि बासमती का व्यापारी अब रिस्क लेने से डरने लगा है। दोस्तों मंदी के दौर में सब मंदा मंदा चिल्लाते हैं लेकिन मंडी भाव टुडे ने हमेशा फंडामेंटल के आधार पर रिपोर्टिंग की है और हमारा मानना है कि लेकिन जिस तरह से परिस्थितियां सुधरी हैं उसे देखते हुए हम अभी भी यह कह सकते हैं कि मंदी का दौर अब अपनी अंतिम सांसे ले रहा है।

लाल सागर रूट पर क्या है अपडेट
दोस्तो की जानकारी के लिए बता दें कि शिपिंग अरेबिया की रिपोर्ट के अनुसार इसराइल और हमास के सीज़फायर के बाद लाल सागर का रास्ता बहाल तो हो गया है लेकिन अभी भी समुद्री भाड़े और बीमा राशि कम नहीं हुई है। समुद्री परिवहन अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ अहमद अल-शमी ने अल-बोरसा को बताया किया कि लाल सागर रूट पर इजरायल और हमास के युद्धविराम के सकारात्मक प्रभाव धीरे-धीरे दिखेंगे। उनका मानना है कि इस साल की दुसरी तिमाही आते आते सब नॉर्मल हो जाएगा, बशर्ते स्थिरता बनी रहे।  जहाज़ी कंपनियाँ अप्रेल महीने में अपने आगामी रूट पर और भाड़े पर निर्णय लेती हैं। इसीलिए दूसरी तिमाही में माल ढुलाई की दर में गिरावट की संभावना है l जानकारी के लिए बताने की जहाज़ी कंपनियां लाल सागर का रूट शुरू करने से पहले सुरक्षा संबंधी चिताओं के कारण दो-तीन महीने तक इंतजार करने के मूड में है। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

गल फ़ूड मेले से क्या है उम्मीद
दोस्तो हर साल की तरह इस साल भी 17 से लेकर 21 फरवरी तक गल फूड मेले का आयोजन दुबई में किया जा रहा है। हम मानते हैं कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर अशांति होने के कारण पिछली बार बासमती के बाजार के लिए इस मेले से कुछ खास आर्डर नहीं मिले थे। लेकिन इस साल परिस्थितियां बिल्कुल अलग चल रही हैं। विश्व स्तर पर शांति बहाल हो गई है इसलिए पूरी उम्मीद है कि इस बार कंपनियां इसमें बढ़ चढ़कर भाग लेंगी और बासमती के बाजार के लिए अच्छे निर्यात ऑर्डर मिलेंगे। मंडी भाव टुडे का मानना है कि भले ही गल फूड मेले के बाद बढ़िया ऑर्डर मिले या ना मिले, मेले के बाद बासमती के भाव बढ़े या ना बढ़े लेकिन यहां से आगे 17 फ़रवरी तक नए ऑर्डर की उम्मीद बनी रहेगी और बासमती के बाजार में सुधार की उम्मीद भी बनी रहेगी।

भारतीय रुपये के पिटने का बासमती को फायदा
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डॉलर के मुकाबले इस समय भारतीय रुपया अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुरी तरह से पिट रहा है। भले ही भारत को इस ट्रेंड से नुकसान हो लेकिन बासमती की बाजार को इससे फायदा मिलेगा । जी हां दोस्तों दरअसल बात यह है कि जब भी डॉलर के मुकाबले में रुपया सस्ता होता है तो इससे निर्यात होने वाली कमोडिटी को फायदा होता है। उदाहरण के लिए इस समय अंतराष्ट्रीय बाजार में 1121 के टॉप से टॉप चावल के भाव $920 प्रति टन के आस पास चल रहे हैं हालांकि ये रेट काफी कम हैं लेकिन 1 डॉलर के रेट 86 रुपये तक बढ़ने के कारण निर्यातकों को 7950 रुपये प्रति क्विंटल के रेट मिल रहे हैं अगर डॉलर का रेट 80 रुपये का होता तो निर्यातकों को केवल 7360 रुपये ही 1 क्विंटल के मिलते। चूंकि ज्यादातर बासमती चावल निर्यात में जाता है इसलिए डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने का बासमती के बाजार को फायदा अवश्य मिलेगा। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

1718 पर रह सकता है दबाव
खास तौर पर 1718 किस्म की बात करें तो यहां पर अभी तक दबाव बना हुआ है और दाम लगातार नीचे की तरफ जा रहे हैं। पिछले 1 हफ्ते में 1718 चावल के रेट 200 रुपये टूट चुके हैं और धान के भाव भी 100 रुपये लुढक गए हैं। दोस्तों हमने जून जुलाई के महीने में ही अपने किसान साथियों को यह राय दी थी कि वह 1718 धान से दूरी बनाकर रखें। क्योंकि हमें पहले से ही आशंका थी कि जिस तरह से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इस धान की पैदावार हो रही है उसे देखते हुए इसके भाव नीचे की तरफ जा सकते हैं । अब बाजार में यही देखने को मिल रहा है। लेकिन दोस्तो मंडी भाव टुडे का यही मानना है कि 1718 जैसी प्रीमियम किस्म का धान अगर आपको 3000 के नीचे मिल रहा है तो यह एक फायदे का सौदा है।

बासमती में आगे क्या
दोस्तों हम मानते हैं कि निकट भविष्य में बासमती का बाजार ठंडा दिखाई दे रहा है लेकिन लंबी अवधि की स्थिति को देखें तो बाजार इस समय संतुलित से लेकर पॉजिटिव माहौल नजर आ रहा है।  इस में कोई दो राय नहीं हैं कि लंबे समय से मंदी का दलदल झेल रहे बाजार को उभरने में थोड़ा सा समय लग रहा है। विदेशों से बड़े ऑर्डर ना मिलने के कारण चावल के भाव तेज नहीं हो रहे हैं इसलिए सेंटिमेंट बदलने में वक्त लग रहा है । हम पहले भी अपनी कई रिपोर्ट में यह बता चुके हैं कि बासमती की ज्यादातर किस्मों के भाव धरातल पर चल रहे हैं और ऐसी कोई बड़ी घटना नहीं है जो इस समय बासमती के बाजार इससे नीचे और बड़े मंदे की तरफ धकेल सके। यहां से आगे बाजार को सुधरने में समय लग सकता है लेकिन सुधार होने की संभावना पूरी पूरी है। भले ही आज भाव नहीं बढ़ रहे लेकिन जिस तरह से भारत ने चावल के बाजार को लेकर नीतिगत सुधार किए हैं और अंतराष्ट्रीय स्तर पर चीजें ठीक हुई है उसका असर जल्दी ही देखने को मिलेगा। इसलिए जो किसान साथी और व्यापारी भाई धान या फिर को होल्ड करके बैठे हैं उन्हें थोड़ा सा सब्र और करने की जरूरत है। मंडी भाव टुडे का मानना है कि फ़रवरी अगर सभी परिस्थितियां समान रहती हैं तो फ़रवरी महीने में ही बाजार को तेज होना चाहिए। मंडी भाव टुडे पर हम बाजार की हर छोटी बड़ी खबर आपके सामने रख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि आप सारी खबरों का विश्लेषण करके ही निर्णय लेंगे। व्यापार अपने विवेक से करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।