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चावल का बढ़ेगा निर्यात सरकार ने उठाया यह कदम | जानें पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

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किसान साथियो, भारत सरकार ने उबले चावल के निर्यात पर लगाया गया कर पूरी तरह से हटा दिया है। यह निर्णय देश में चावल के भंडार में वृद्धि और आगामी मानसून सीजन में रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद के मद्देनज़र लिया गया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है और इस निर्णय से देश में चावल का निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। इससे पहले, पिछले महीने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस पर 20% से घटाकर 10% का निर्यात शुल्क लगाया गया था। अब इस शुल्क को पूरी तरह हटाकर सरकार ने चावल निर्यातकों को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

पिछले महीने सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली। हालांकि, सरकार ने इस निर्यात पर न्यूनतम मूल्य 490 डॉलर प्रति मीट्रिक टन निर्धारित किया है। इस निर्णय से वैश्विक बाजार में चावल की आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चावल के दाम कम हो सकते हैं। भारत के इस कदम से पाकिस्तान, थाईलैंड और वियतनाम जैसे अन्य बड़े चावल निर्यातकों को भी अपनी कीमतें कम करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

चावल के निर्यात और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों पर कितना होगा असर
भारत से चावल के निर्यात में बढ़ोतरी होने से वैश्विक स्तर पर चावल की आपूर्ति में वृद्धि होगी। इस कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल के दामों में कमी आने की उम्मीद है। भारत के अलावा, अन्य बड़े चावल निर्यातक देशों जैसे पाकिस्तान, थाईलैंड और वियतनाम पर भी कीमतें कम करने का दबाव बढ़ेगा। भारत सरकार द्वारा उसना चावल पर टैक्स घटाने के फैसले से यह संकेत मिलता है कि सरकार नई फसल के उत्पादन को लेकर आश्वस्त है। उद्योग जगत का मानना है कि इस कदम से अफ्रीकी देशों के खरीदार भारत से अधिक मात्रा में चावल खरीदेंगे। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

इस सीजन कितनी की गई है बुवाई
भारतीय चावल निर्यातक संघ के उपाध्यक्ष देव गर्ग और अध्यक्ष बी.वी. कृष्ण राव ने उबले चावल पर निर्यात शुल्क हटाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उनके अनुसार, यह फैसला न केवल नए सीजन की फसल के प्रति सरकार के विश्वास को दर्शाता है बल्कि मूल्य के प्रति संवेदनशील अफ्रीकी बाजार में भारतीय चावल की मांग को बढ़ावा भी देगा। सरकार ने भूसी वाले भूरे चावल और चावल पर भी 10% निर्यात शुल्क हटाकर चावल निर्यातकों को एक बड़ा लाभ दिया है।

इस साल बेहतर मॉनसून के कारण फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, खरीफ फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल इस साल 1104 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है, जो पिछले कुछ वर्षों के औसत से काफी अधिक है। विशेष रूप से, चावल की बुवाई में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस साल चावल की बुवाई 413.5 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 404.5 लाख हेक्टेयर से अधिक है। यह वृद्धि बेहतर मॉनसून और कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों का परिणाम है। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि देश में खाद्यान्न सुरक्षा भी मजबूत होगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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