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आने वाले धान के सीजन में किसानों को मिलेंगे 4000 के ऊपर के भाव - रिपोर्ट

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आने वाले धान के सीजन में किसानों को मिलेंगे 4000 के ऊपर के भाव - रिपोर्ट

किसान साथियो बासमती का बाजार इन दिनों अपने सबसे अच्छे दिन देख रहा है । दिन प्रतिदिन भाव बढ़ते ही जा रहे हैं विदेशों से काफी अच्छी डिमांड निकल रही है। धान के भाव आसमान छू रहे हैं लेकिन साथियों विडंबना यह है कि इस समय किसान के पास धान बिल्कुल नहीं है। इस आर्टिकल में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि आने वाले सीजन में धान का भाव क्या रहे सकता है।

साथियो अगर आप हमारी वेबसाइट को फॉलो कर रहे हैं तो आपको जरूर पता होगा कि हमने 6 महीना पहले ही बता दिया था कि धान की कमी है और धान के भाव 4000 के ऊपर आपको जरूर मिलेंगे। हालांकि बासमती 30 को लेकर हमने बताया था कि बासमती 30 में ज्यादा गुंजाइश नहीं है । ठीक ऐसा ही देखने को मिला भी है. अब हम यही चीज सरसों के बारे में भी कह रहे हैं क्योंकि सरसों के भाव अपने टॉप भाव से काफी नीचे आ चुके हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि मार्केट में सरसों की भारी कमी है।

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बासमती की बात करें तो चावल की कमी के चलते बासमती चावल बाजार ने सीजन के अंत में ऊंची छलांग लगाई है। निर्यातकों की आपूर्ति न होने से मांग बनी हुई है, लेकिन राइस मिलें अब धान से चावल नहीं बना रही है, क्योंकि पैडी समाप्त हो चुकी है। हरियाणा के बासमती से सेला बनाने वाले कुछ मिलरों के पास ही स्टॉक बाकी है और सेला की मांग सबसे अधिक है। इस साल कुछ दिन पहले ही 1121 का स्टीम चावल 8900-9000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर को छुआ था, लेकिन अब इस स्तर तक सेला भी पहुंच गया है। 1121 और 1718 के सेला की जबरदस्त मांग है, इसलिए इसके भाव में भी लगातार तेजी आ रही है।

बासमती की चौतरफा कमी

उत्पादक मंडियों में आवक समाप्त हो चुकी है। राइस मिलों के पास कोई बड़ा स्टॉक नहीं है। इसलिए निर्यातक व्यापारियों को आपूर्ति देने के लिए एक - एक मिल का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है । सबसे ज्यादा छलांग 1718 ने लगायी है। 1718 वैरायटी का सेला भी 8800-8900 रुपए का स्तर देख रहा है। 1121 का सेला चावल तो इन दिनों 9000 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा है। हालांकि सटीम के भाव भी लगभग यही है, लेकिन उपलब्धता बासमती की सभी किस्मों की कम है। ऐसा इसलिए हुआ है इस साल बासमती धान का उत्पादन कुछ कमजोर था । निर्यात को लेकर समय समय पर सरकारों के दखल ने भी बाजार को प्रभावित किया है। लेकिन अब व्यापार सामान्य से कहीं अच्छा होने के कारण अभी भी तेजी की संभावना बनी हुई है ।

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आने वाले सीजन में क्या रहेंगे भाव

साथियों अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह भाव अगले सीजन तक टिक पाएंगे। क्योंकि यही वह समय होगा जब किसान के पास धान रहेगा। अमूमन यह देखा जाता है कि जब किसी भी फसल का सीजन आता है तो भाव धड़ाम से गिर जाते हैं, लेकिन बासमती के बाजार में जिस हिसाब से कमी चल रही है उसे देखकर ऐसा नहीं लगता कि भाव में कोई बहुत बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। उदाहरण के तौर पर 1509 साठी धान बाजारों में आना शुरू हो गया है जिस के भाव अभी भी 3800 से लेकर 4000 की रेंज में चल रहे हैं। दोस्तों अभी भी वह दिन याद किया जा सकता है जब यही 1509 धान 1600 रुपये प्रति क्विंटल  में पिट रहा था।

साथियो पूरी संभावना है कि आने वाले सीजन मे कम से कम अगेती फसल के भाव अच्छे मिलेंगे। बढ़ती आवकों के कारण गिरावट जरूर देखने को मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं लगता कि भाव 4000 के नीचे जाएंगे। झज्जर जिले के किसानों से बातचीत करने पर पता चला है कि इस बार 1718 धान बहुत बड़ी मात्रा में लगाया गया है। हालांकि बासमती 30 से किसानों ने इस बार मुँह मोड़ लिया है।

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प्रतिबंधित कीटनाशकों के प्रयोग से बचें

किसान साथियो से रिक्वेस्ट है कि चालू सीजन में प्रतिबंधित कीटनाशकों को प्रयोग में ना लाएं क्योंकि निर्यात के लिए सैंपल फेल होने पर भाव में जबरदस्त गिरावट आ सकती है इसलिए हमारा यह फर्ज है कि हम समय रहते अपने किसान भाइयों को आगाह कर दें।